पगड़ी सिख का अभिन्न अंग, हैलमेट से छूट के लिए नियमों में हो संशोधन


चंडीगढ़, 31 जुलाई (सुरजीत सिंह सत्ती): साइकलिंग मुकाबले में सिख खिलाड़ी जगदीप सिंह पुरी को पगड़ी की अपेक्षा हैल्मेट पहनने की शर्त लगाने के कारण सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देती एक याचिका दायर कर मांग की गई है कि ऐसे कानून, प्रस्ताव, बायलाज आदि में संशोधन किया जाए, जिनमें हैलमेट पहनना ज़रूरी होता है, ताकि किसी पगड़ीधारी सिख व्यक्ति को ड्राइविंग या खेलने जैसे किसी भी अवसर पर हैल्मेट पहनने की शर्त का सामना न करना पड़े। यह याचिका सुप्रीम कोर्ट द्वारा जगदीप सिंह पुरी के मामले में सुनवाई दौरान यह पूछे जाने पर किसी बाहरी व्यक्ति द्वारा दायर की गई है, जिसमें पूछा गया था कि पगड़ी सजाना सिख धर्म का अभिन्न अंग है। यह याचिका हाईकोर्ट के वकील चरनपाल सिंह बागरी ने दायर की है। याचिका में कहा गया है कि मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा सिख की पहचान संबंधी उठाया गया नुक्ता उनके मौलिक अधिकारों से व देश के सभी सिखों से संबंध रखता है। याचिका में श्री गुरु ग्रंथ साहिब की वे पंक्तियां भी शामिल की गईं हैं, जिनमें गुरबाणी में कहा गया है कि सिख को सिर पर पगड़ी 
पहननी चाहिए। 
इन पंक्तियों से याचिका में यह अदालत को समझाने की कोशिश की गई है कि सिख सिद्धांतों व रहित मर्यादाओं के अनुसार पगड़ी सिख धर्म का अभिन्न अंग है और इसे अलग नहीं किया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट में इस याचिका के साथ इंग्लैंड द्वारा मोटरसाइकिल क्रैश हैलमेट (धार्मिक छूट) एक्ट पास किए जाने का हवाला दिया गया है और कहा गया है कि इंग्लैंड में सिख मोटरसाइकिल सवारों को हैल्मेट पहनने की ज़रूरत नहीं है। 
सुप्रीम कोर्ट से मांग की गई है कि जहां भी हैल्मेट पहनना ज़रूरी हो, वहां पगड़ीधारी सिखों के लिए हैल्मेट की शर्त से छूट दिलाने के लिए कानूनों, प्रस्तावों, बायलाज़ आदि में संशोधन किए जाने चाहिएं।