अच्छे मानसून के बावजूद इस बार 7 ज़िलों में कम बारिश

जालन्धर, 3 अगस्त (शिव शर्मा): जुलाई का महीना बीतने के साथ ही राज्य में मानसून का प्रथम चरण समाप्त हो गया है और जुलाई के महीने जहां कई ज़िलों में अच्छी बारिश हुई है परंतु पंजाब के ही 7 के लगभग ज़िलों में कम बारिश होने से इसका असर खरीफ सीज़न पर पड़ा है और खरीफ की बिजाई के लिए ज़मीनी पानी का ज्यादा उपयोग करना पड़ा। इस बार तो कई दिनों से अच्छी बारिश की भविष्यवाणी की जाती रही है।  31 जुलाई तक ही 240.5 के मुकाबले राज्य में 230.4 मिलीमीटर बारिश हुई है और चंडीगढ़ में 406.5 के मुकाबले 406.4 मिलीलीटर बारिश हुई है। पंजाब के 22 ज़िलों में से 7 ज़िलों में कम बारिश हुई है, जिनमें मानसा व फिरोज़पुर में कम बारिश हुई है और इस जगह पर ही किसानों को ज़मीन के पानी का ज्यादा उपयोग करना पड़ा है। मानसा में 54 फीसदी कम, फिरोज़पुर में 58 फीसदी, अमृतसर में 17 फीसदी, जालन्धर 26 फीसदी, होशियारपुर 23 फीसदी, बठिंडा 9 फीसदी, होशियारपुर में 90 फीसदी, कपूरथला में 23 फीसदी बारिश 31 जुलाई तक कम हुई है। फिरोज़पुर में 159.7 मिलीलीटर पर्याप्त बारिश के मुकाबले 67.3 मिलीमीटर बारिश ही हुई है। मानसा में 141.1 मिलीमीटर के मुकाबले 65.2 मिलीमीटर बारिश हुई है। दोनों ज़िलों में 3.12 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में खरीफ की बिजाई की गई है, जिसमें 86 लाख हैक्टेयर फिरोज़पुर में खरीफ की बिजाई की गई है।एक जानकारी के अनुसार पंजाब के तरनतारन, रोपड़ व मोगा में क्रमश: 56 फीसदी, 50 फीसदी व 45 फीसदी अधिक बारिश हुई है। चाहे इस बार हिमाचल प्रदेश में अच्छी बारिश होने के कारण कई जगह तो बारिश ने काफी नुक्सान किया है, जिससे कई दरियाओं में पानी का स्तर नहीं बढ़ा है। विशेषज्ञों का कहना है कि मानसून के दूसरे चरण अगस्त महीने में ज़रूर और अच्छी बारिश होने की सम्भावना है। यदि अगस्त में अच्छी बारिश होती है तो पावरकाम का बिजली खरीद का बिल और भी कम हो सकता है। खरीफ की बिजाई के समय तो यदि बारिश हो जाती है तो उससे सबसे बड़ा फायदा पावरकॉम का ही होता है, क्योंकि उसे करोड़ों रुपए बिजली की खरीद करने पर लग जाता है जोकि अब कई शहरों में कम बारिश होने के कारण बचता भी नज़र आ रहा है। विशेषज्ञों ने आशा व्यक्त की है कि अगस्त में उन ज़िलों में बारिश हो सकती है जिनमें जुलाई के महीने में कम बारिश होना दर्ज किया गया है।