विदेश में बसने की चाहत बनाम ज़िंदगी की तबाही

विवाह दो ज़िंदगियों का ऐसा अनमोल और पवित्र रिश्ता होता है जो एक-दूसरे के बिना अधूरा होता है। इस रिश्ते की नींव एक दूसरे के दु:ख-सुख और सांसों की सांझ के सहारे टिकी होती है। इसी रिश्ते के सहारे ही दुनिया आगे से आगे बढ़ती है। लेकिन आज के समय में यह पवित्र रिश्ता भी नकली विवाहों की तरह अपनी नींव से हिल चुका है। नकली विवाह करके विदेशों में जा कर बसने की इच्छा एक उस भयानक बाढ़ का रूप धारण कर गई है, जो जहां रुख करती है तबाही के बिना और कुछ नहीं करती। अनेक कहानियां प्रकाशित होने पर भी पंजाब के लोगों में नकली विवाह करके विदेश बसने की होड़ लगी हुई है, चाहे वहां जाकर ज़िंदगी नरक बनने की दास्तां भी छिपी हुई है.
नकली विवाह करवा कर विदेश बसने के मोह की घटिया से घटिया कहानियां सुनने को मिल जाती हैं। ऐसी कहानियां सुनकर खुद शर्म से सिर झुक जाता है। विवाह के आधार पर विदेश जाने की लालसा क्या से क्या कर देती है। एक पिता ने अपनी ही बेटी से सात फेरे ले लिए क्योंकि वह पूरे परिवार के साथ विदेश नहीं थी जा सकी। इस बात का तब पता चला था जब उस पिता ने अपनी बेटी को तलाक देकर पंजाब में कहीं और विवाह करके लड़के को स्पांसर किया। जब उसकी सारी  तस्वीरें देखीं तो हैरानी की हद ही नहीं रही।  ऐसी और भी अनेक कहानियां हैं। कई लोगों ने सगे भाई-बहनों की शादी करवा दी। जब ऐसे कई भेद खुलने लगे तो सरकार ने ऐसे विवाहों का भी पर्दाफाश किया और कई नकली बने पति-पत्नी अर्थात् भाई-बहनों को जेल की हवा खानी पड़ी। अनजोड़ विवाह भी नकली विवाहों की माला के मोतियों में से एक हैं। कई बार बाहर से कोई बुजुर्ग आता है, यहां भारत तो वह किसी भी सुंदर लड़की से विवाह करवाने की पेशकश रखता है, उसको कोई न नहीं की जाती। लालच में आकर माता-पिता अपनी परी जैसी कच्ची उम्र की पढ़ी-लिखी बेटी को जोकि उसके पिता की उम्र का होता है, उसका दूल्हा बनाने में कोई शर्म नहीं करते, क्योंकि लालच होता है लड़की बाहर चली जाएगी। वह अपने भाई-बहनों और मां-बाप को भी ले जाएगी। बस लालच में आकर माता-पिता , भाई-बहन अपनी लाड़की को बलि चढ़ाने में देर नहीं लगाते। एक और बात सामने आई है कि आजकल असली विवाह में भी व्यापार दिखाई देने लगा है। जब विदेश से लड़का आता है तो वह सुंदर लड़की से शादी करवा लेता है। विदेश में बसे लड़के के बारे में घर वालों को कुछ पता नहीं होता। पता तब चलता है, जब लड़की विदेश तो पहुंच जाती है, लेकिन लड़का वहां कुछ नहीं करता होता। एक छोटी सी नौकरी के सहारे होता है और रहता भी किसी और के घर में होता है। कुछ लड़के-लड़कियों को वहां सड़कों पर ही छोड़ देते हैं। इसी प्रकार विवाह एक व्यापार का रूप धारण कर चुका है। ऐसे उधेड़बुन में फंस कर उनकी ज़िंदगी ऐसे रास्ते पर आ जाती है जिसमें से बाहर निकलने का कोई रास्ता दिखाई नहीं देता। कुछ तो ऐसे लोग होते हैं, जोकि शादी तो कर लेते हैं और बाद में उसको बाहर लेकर जाने का विश्वास दिलाते रहते हैं। इसी विश्वास में उस लड़की की आखिरी सांसें निकल जाती हैं कि एक दिन उसका पति उसको अपने साथ लेकर जायेगा। सरकार ने आजकल इस पक्ष में कई कानून बना दिए हैं और कई पीड़ित औरतों की सहायता भी की है, लेकिन गलती घर वालों की भी है वह ऐसी नौबत आने ही क्यों देते हैं? आंकड़ों के अनुसार 30 हज़ार से ज्यादा ऐसी कई विवाहित लड़कियां होंगी, जिनका कोई दोष नहीं, सिर्फ हालात के हाथों मजबूर हैं वह। सरकार ने भी कानून बनाया है कि विदेशी लड़के से शादी करवाने से पहले वह उस लड़के की सही जानकारी सरकार को दें। स्थानीय सरकारें भी नकली विवाहों पर पाबंदी लगा रही हैं। उन माता-पिता पर भी नकेल कसनी चाहिए जो विदेश जाने के लालच में अपने बच्चों की भावनाओं से खिलवाड़ करते हैं। इसमें कई पढ़े-लिखे भी शामिल हैं। यह सब कुछ रोकने के लिए नौजवान पीढ़ी को आगे आना चाहिए। ताकि नकली विवाह के झांसे में फंसकर जो ज़िंदगियां बर्बाद हो रही हैं, उनको रोका जा सके।

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