मालवा के चार ज़िलों के किसानों में हाहाकार

अबोहर, 3 अगस्त : अब तक के मौनसून सीज़न में मालवा के चार ज़िलों फाज़िल्का,श्री मुक्तसर साहिब, फरीदकोट व बठिंडा में कम बारिश होने के कारण तथा नहरी पानी की भारी कमी के कारण किसानों में हाहाकार मची हुई है परन्तु सरकार इस मामले को गंभीरता से नहीं ले रही लगती, जबकि किसान अपने पुत्रों की तरह पाली फसलों को जलती देख कर नहरी विभाग व सड़कों पर रोष प्रदर्शन कर रहे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार इस बारे पूरे मानसून सीज़न में मालवा के फाज़िल्का, फरीदकोट, श्री मुक्तसर साहिब व बठिंडा के कुछ भागों में केवल एक ही बारिश हुई है तथा ऊपर से सिंचाई विभाग द्वारा पिछले डेढ़ माह से क्षेत्र की नहरों में रोटेशन के अनुसार पानी छोड़ा जा रहा है,जिससे किसानों को नहरी पानी की बड़ी कमी पड़ गई है तथा फसलें सूख रही हैं। वर्णनीय है कि इस क्षेत्र के अधिकतर भागों में भूमिगत जल कृषि योग्य न होने के कारण बड़ी मार पड़ रही है। सूखे के कारण नरमे की फसल पर मिलीबग बीमारी का घातक हमला शुरू हो चुका है। कई किसानों ने अपने नरमे के खेत जोत दिए हैं तथा खेतों में खड़ा धान सूख रहा है। नहरी विभाग के अधिकारियों के अनुसार पीछे डैमों में पानी की कमी के कारण इस क्षेत्र को पानी पूरी मात्रा में नहीं मिल रहा, जबकि किसानों का कहना है कि पड़ोसी राज्य राजस्थान को पूरी मात्रा में पानी दिया जा रहा है, जबकि पंजाब का किसान पानी को तरस रहा है। पानी की मांग को लेकर गत दिवस किसानों द्वारा नहरी विभाग के सर्कल इंजीनियर श्री मुक्तसर साहिब के कार्यालय समक्ष धरना भी दिया था तथा कई जगह किसानों द्वारा सड़क जाम करने की खबरें भी मिली हैं परन्तु अभी तक सरकार व विभाग पर इसका कुछ असर नहीं हुआ। किसान नेताओं ने कहा है कि यदि सरकार ने इस मसले की ओर ध्यान न दिया तो आने वाले दिनों में सरकार को किसानों के कड़े रोष का सामना करना पड़ सकता है।