सिंधू विश्व चैंपियनशिप के फाइनल में

नानजिंग, 4 अगस्त (वार्ता) : गत रजत पदक विजेता भारत की पीवी सिंधू ने जबरदस्त प्रदर्शन करते हुए दूसरी सीड जापान की अकाने यामागुची को शनिवार को 21-16 24-22 से पराजित कर लगातार दूसरी बार विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप के महिला एकल के फाइनल में प्रवेश कर लिया। विश्व चैंपियनशिप में एक रजत और दो कांस्य पदक जीत चुकी सिंधू इस प्रतियोगिता में भारत को पहला स्वर्ण पदक दिलाने से एक कदम दूर रह गयी हैं। तीसरी सीड सिंधू का खिताब के लिए रविवार को सातवीं सीड और पूर्व चैंपियन स्पेन की कैरोलिना मारिन से मुकाबला होगा। सिंधू ने क्वार्टरफाइनल में जापान की नोजोमी ओकुहारा से पिछली चैंपियनशिप के ़फाइनल की हार का बदला चुकाया था और अब सेमीफाइनल में उन्होंने एक और जापानी खिलाड़ी दूसरी सीड यामागुची का 55 मिनट में शिकार कर लिया। भारतीय खिलाड़ी के पास अब मारिन से रियो ओलम्पिक के फाइनल की हार का बदला चुकाने का मौका रहेगा। मारिन ने रियो ओलम्पिक में सिंधू को तीन गेमों में पराजित कर स्वर्ण पदक से वंचित कर दिया था। भारत ने विश्व चैंपियनशिप के इतिहास में कुल सात पदक जीते हैं लेकिन उसके हाथ अब तक स्वर्ण पदक नहीं लगा है। सिंधू मारिन से सायना की हार का बदला भी चुका सकती हैं। मारिन ने क्वार्टरफाइनल में सायना को पराजित किया था। मारिन ने सेमीफाइनल में छठी सीड चीन की ही बिंगजियाओ को एक घंटे नौ मिनट में 13-21 21-16 21-13 से हराया। सिंधू का विश्व रैंकिंग में आठवें नंबर की खिलाड़ी मारिन के खिलाफ 5-6 का करियर रिकॉर्ड है। सिंधू ने इस साल मलेशिया ओपन में मारिन को हराया था। भारतीय खिलाड़ी ने यामागुची के खिलाफ अब अपना रिकॉर्ड 7-4 कर लिया है। सिंधू इस साल आल इंग्लैंड में यामागुची से हार गयी थीं। सेमीफाइनल में पहले गेम में सिंधू एक समय 4-8 से पिछड़ गयी थीं लेकिन उन्होंने 8-8 से बराबरी हासिल की और फिर 12-12 के स्कोर पर लगातार छह अंक लेकर 18-12 की बढ़त बना ली। सिंधू ने इस गेम को 21-16 पर समाप्त कर दिया। दूसरे गेम में जापानी खिलाड़ी ने बेहतर शुरुआत की और लगातार अंक लेते हुए 19-12 की मजबूत स्थिति में पहुंच गयीं लेकिन सिंधू ने शानदार वापसी की और लगातार सात अंक लेकर 19-19 से बराबरी कर ली।