पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के समक्ष बड़ा जल संकट

चंडीगढ़, 4 अगस्त (विक्रमजीत सिंह मान) : पंजाब, हरियाणा और राजस्थान राज्यों के समक्ष बड़ा जल संकट खड़ा बताया जा रहा है। जल संकट की स्थिति पैदा होने में ज्यादा समय नहीं बल्कि यह संकट सितम्बर 2018 से लेकर मई 2019 तक पैदा हो सकता है। भाखड़ा ब्यास मैनेजमैंट बोर्ड ने तीनों राज्यों की सरकारों को इस संबंधी चेतावनी जारी करके इस बात की जानकारी दे दी है। बी.बी.एम.बी. ने इन तीनों राज्यों को चेतावनी देते हुए कहा कि यदि पौंग और भाखड़ा डैम में आवश्यकतानुसार पानी जमा न हुआ तो अब से मई 2019 तक पीने वाले पानी के साथ-साथ सिंचाई के लिए भी बड़ा संकट खड़ा हो सकता है। बताया गया है कि भाखड़ा का पानी का स्तर गत वर्ष की अपेक्षा 62 फीट, पौंग का 41 फीट और रणजीत सागर डैम का 13 मीटर कम है। बी.बी.एम.बी. ने अपना अनुमान किया है कि जिस हिसाब से वर्षा हो रही है, उस हिसाब से भाखड़ा के पानी का स्तर बहुत मुश्किल से 1600 फीट और पौंग डैम का 1340 फीट ही पहुंच सकेगा। बी.बी.एम.बी. की चेतावनी अनुसार बताए समय के दौरान तीनों राज्यों की औसतन मांग 43 हज़ार क्यूसिक होगी, जबकि बी.बी.एम.बी. केवल 17700 क्यूसिक ही छोड़ सकेगा। इस संबंधी हुई अहम बैठक जिसमें पंजाब के अधिकारियों के अतिरिक्त हरियाणा के चीफ इंजीनियर (कनाल) और राजस्थान के प्रिंसीपल सचिव (सिंचाई ) मौजूद थे यह कहा गया है कि गत एक सप्ताह से भाखड़ा का इनफ्लो भी गत वर्ष के मुकाबले केवल आधा ही चल रहा है। गत वर्ष आज के दिन 79 हज़ार क्यूसिक पानी आने वाला था, जो इस वर्ष 35502 क्यूसिक ही आ रहा है। पौंग का हाल इससे भी ज्यादा बुरा है। गत वर्ष एक लाख क्यूसिक से ज्यादा पानी आ रहा था, जो इस वर्ष केवल 15966 क्यूसिक ही आ रहा है। बी.बी.एम.बी. के चेयरमैन बी.के. शर्मा ने तीनों राज्यों पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के प्रिंसीपल सचिवों की बैठक बुलाकर कर सभी स्थिति से परिचित करवा दिया है।
पंजाब में पैदा हो सकते हैं शिमला जैसे हालात : भारी जल संकट को देखते हुए पंजाब में भी शिमला जैसे हालात पैदा होने की आशंका है। बताया जा रहा है कि यह भी जिस तरह पंजाब में पानी का स्तर नीचे जा रहा है तो आने वाले 10-15 वर्षों के दौरान पंजाब का हाल भी पहाड़ी राज्य शिमला जैसा होने से कोई रोक नहीं सकता। पंजाब में पीने योग्य पानी का स्तर प्रत्येक वर्ष लगभग 10 फीट नीचे जाता बताया जा रहा है और यदि ऐसे ही हालात बने रहे तो पंजाब आगे भारी जल संकट खड़ा हो जाएगा। बताया जा रहा है कि पंजाब के ज़िलों जालन्धर, अमृतसर, लुधियाना और पटियाला में नगर निगमों द्वारा पानी की सप्लाई के लिए किए जाते ट्यूबलों का बोर गत 20 वर्षों में 100 फीट से बढ़कर 400 फीट तक पहुंच गया है।