दिल्ली दहलाने की साज़िश नाकाम, आतंकी गिरफ्तार

जम्मू, 6 अगस्त (भाषा) : जम्मू-कश्मीर पुलिस ने आज दावा किया कि उसने एक आतंकवादी को गिरफ्तार कर दिल्ली में स्वतंत्रता दिवस समारोह में खलल डालने के अंसार गजवत उल हिन्द आतंकी संगठन के प्रयास को विफल कर दिया है। गजवत उल हिन्द आतंकी संगठन अलकायदा से जुड़ा है। पुलिस महानिरीक्षक (जम्मू) एस.डी.एस. जामवाल ने यहां संवाददाताओं को बताया कि दक्षिण कश्मीर के डांगेरपुरा-अवंतीपुरा निवासी इरफान हुसैन वानी को कल जम्मू शहर के गांधी नगर इलाके से गिरफ्तार किया गया। उन्होंने बताया कि पुलिस के एक दस्ते ने उसे चत्री प्वाइंट पर संदिग्ध परिस्थितियों में घूमते देखा। जब उसकी तलाशी ली गई तो उसके बैग से आठ ग्रेनेड मिले। उसे तत्काल हिरासत में ले लिया गया और पूछताछ की गई। जामवाल ने कहा,‘वह (वानी) ग्रेनेड का जखीरा किसी को सौंपने दिल्ली जा रहा था। ग्रेनेडों का इस्तेमाल स्वतंत्रता दिवस समारोह में खलल डालने के लिए किया जाना था।’ उन्होंने बताया कि उसके पास से 60 हज़ार रुपए भी मिले। जम्मू पुलिस के प्रमुख ने बताया कि पूछताछ के दौरान 25 वर्षीय वानी ने खुलासा किया कि वह आतंकी जाकिर मूसा के नेतृत्व वाले अंसार गजवत उल हिन्द से जुड़ा है। उसने यह भी बताया कि वह इस संगठन के दूसरे नंबर के आतंकी रेहान के संपर्क में था। उन्होंने कहा,‘बी ए की पढ़ाई बीच में छोड़ने वाला और कट्टरपंथ का शिकार हुआ आतंकी पिछले एक साल से आतंकवाद में सक्रिय था। उसकी गिरफ्तारी से दिल्ली में और जम्मू के कई हिस्सों में स्वतंत्रता दिवस समारोह में खलल डालने का एक बड़ा प्रयास विफल हो गया है। पुलिस महानिरीक्षक ने कहा कि आतंकवादी से पूछताछ जारी है। इस बीच, दिल्ली पुलिस ने कहा कि वह आरोपी से पूछताछ करेगी। दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ की एक टीम जम्मू में है। पुलिस महानिरीक्षक ने एक सवाल के जवाब में कहा कि वानी दिल्ली जाने वाली बस में सवार नहीं था और जिस समय सतर्क पुलिसकर्मियों ने उसे पकड़ा, वह पैदल ही था। उन्होंने बताया कि वानी को ग्रेनेडों की खेप कश्मीर में मिली थी और वह इसे दिल्ली में किसी को सौंपने की योजना बना रहा था।
दिल्ली से लश्कर आतंकी गिरफ्तार : राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी शेख अब्दुल नईम के कथित आका हबीबुर रहमान को सऊदी अरब से वापस भेजे जाने के बाद गिरफ्तार कर लिया है। अधिकारियों ने आज बताया कि रहमान को सऊदी अरब से पहुंचने पर गिरफ्तार कर लिया गया। आधिकारिक रूप से एनआईए ने उल्लेख किया है कि उसे सूचना मिली थी कि रहमान भारत आ रहा है, लेकिन घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले अधिकारियों ने कहा कि यह दोनों देशों की सुरक्षा एजेंसियों के बीच सहयोग का एक उदाहरण है। रहमान लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी शेख अब्दुल नईम उर्फ नोमी का कथित आका है। नईम को 2007 में उस समय गिरफ्तार किया गया था जब वह एक कश्मीरी और दो पाकिस्तानी आतंकवादियों को बांग्लादेश की सीमा के जरिए भारत में घुसपैठ कराने में मदद की कोशिश कर रहा था। नईम अगस्त 2014 में पुलिसकर्मियों को चकमा देकर  हिरासत से फरार हो गया था। जब उसे कोलकाता से महाराष्ट्र में अदालत में पेशी के लिए ले जाया जा रहा था। राष्ट्रीय जांच एजेंसी के एक प्रवक्ता ने कहा,‘भारत में अधिक से अधिक नुक्सान पहुंचाने के इरादे से संवेदनशील ठिकानों को निशाना बनाने के लिए आरोपियों ने एक गहरी साजिश रची। नईम को उन ठिकानों की पहचान करने का जिम्मा सौंपा गया जहां आतंकी हमले किए जा सकते हों।’ अधिकारी ने बताया कि साजिश को मूर्त रूप देने के लिए नईम ने विभिन्न फर्जी पहचान पत्र बनवाए और जम्मू-कश्मीर तथा हिमाचल प्रदेश सहित विभिन्न राज्यों का दौरा किया और आतंकी हमलों के लिए संभावित ठिकानों की टोह ली।