महिलाओं का कर्त्तव्य ‘मैनेजमेंट’ से कम नहीं : सुमित्रा महाजन

चंडीगढ़, 12 अगस्त (पठानिया) : लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने महिलाओं की दिनचर्या को एक ‘मैनेजमेंट’ की परिभाषा देते हुए कहा कि महिलाएं अपने परिवार, समाज, दफ्तर या अन्य मोर्चों पर जब अपना दायित्व निभाती है तो ‘कुशल प्रबंधक’ का प्रमाण देती है। सुमित्रा महाजन रविवार को पीजीआई स्थित भार्गव ऑडिटोरियम में भारत विकास परिषद द्वारा आयोजित महिला कार्यकर्ता सम्मेलन ‘सुमंगला-2018’ में बतौर मुख्य अतिथि भाग लेकर उत्तरी भारत के विभिन्न राज्यों से आए हुए महिला प्रतिनिधियों को संबोधित कर रही थी। उन्होंने कहा कि विकास सामूहिक रूप से सभव होता है। समाज में असमानता क्षति का रूपक है। सुमित्रा महाजन ने कहा कि महिलाओं के बगैर किसी भी परिवार एवं समाज की कल्पना बेमायने है। पुरूष प्रधान समाज को महिलाओं के प्रति सम्मान का दृष्टिकोण अपनाते हुए सहजता को भी लागू रखना होगा। महाजन ने इस बात पर भी बल दिया कि भारत के संपूर्ण विकास की कल्पना तब तक नहीं की जा सकती है जब तक मातृ शक्ति आत्मनिर्भर नहीं बन सकती। कोई भी देश या समाज समृद्वि प्राप्त नहीं कर सकता है जब तक वहां की महिलाएं सक्षम एवं आत्मनिर्भर नहीं होंगी। इससे पहले सुमित्रा महाजन का यहां पहुंचने पर स्वागत करते हुए भारत विकास परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री अजय दत्ता ने कहा कि ऐसे आयोजन करने का एकमात्र उद्देश्य परिषद द्वारा महिलाओं को सम्मान देना तथा समाज में उनकी भूमिका को नए तरीके से परिभाषित करना है। समारोह की अध्यक्षता करते हुए चंडीगढ़ की सांसद किरण खेर ने महिलाओं के प्रति बढ़ रहे अपराधों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि वर्तमान परिवेश में पुरूषों को महिलाओं के प्रति अपनी मानसिकता में बदलाव लाने की जरूरत है। ताकि आए दिन हो रही महिला उत्पीड़न की घटनाओं पर अंकुश लग सके।  कार्यक्त्रम के दौरान परिषद् की स्मारिका का भी विमोचन किया गया। इस अवसर पर पीजीआई के निदेशक डॉ.जगत राम, चंडीगढ़ के मेयर देवेश मौदगिल,  निगमायुक्त के.के. यादव, बीजीपी प्रमुख संजय टंडन, पूर्व मेयर एवं पार्षदों समेत भारत विकास परिषद के पदाधिकारी टी.आर. वधवा, विनित गर्ग, एचआर नारंग, अविनाश शर्मा समेत कई गणमान्य व्यक्ति 
मौजूद थे।