आधुनिक शैली का भव्य ‘हिन्दू मंदिर’ बिलवूडस एडमंटन, कनाडा

कनाडा का आधुनिक सुविधाओं वाला भव्य शहर है एडमंटन। इस शहर में प्रत्येक धर्म के धार्मिक स्थान हैं, जिनमें से एक मशहूर स्थान है आधुनिक शैली का भव्य ‘हिन्दू मंदिर’, जो बिलवूडस एडमंटन, कनाडा में शोभनीय है। यह मंदिर भारतीय कल्चरल सोसायटी ऑफ अल्बर्टा, 39 एवेन्यू, एडमिंटन में स्थित है। इस मंदिर को एक सोसायटी चला रही है। एडमंटन में हिन्दू धर्म के अनेक अनुयायी रहते हैं। भारत के लगभग प्रत्येक राज्य का व्यक्ति यहां मिल जाता है। यहां की सरकारों ने सब धर्मों के मान-सम्मान के लिए उचित सुविधाएं दी हुई हैं तथा प्रत्येक धर्म के व्यक्ति को अपने धर्म की आस्था में जीने का पूरा-पूरा अधिकार है।मंदिर का दीर्घ आंगन है। प्रवेश द्वार से पहले कुछ सीढ़ियां आती हैं तथा दाएं-बाएं लोहे के जंगले लगे हुए हैं। सीढ़ियां चढ़ कर दाएं-बाएं दो बड़े स्व-चालित दरवाज़े हैं आने-जाने के लिए। दरवाज़ों के ऊपर केन्द्र में भगवान की एक प्रतिमा है लाल रंग की तथा यह हारों से अलंकारित है। दरवाज़ों के ऊपर एक लम्बी ट्यूब जलती है सफेद रंग की। ट्यूब के दोनों छोरों के नीचे व गोलाकार जलता सजावटी चिन्ह है जलेबी की भांति। मंदिर का माथा अर्ध गोलाकार किरमघी रंग में सुसज्जित है। मत्थे से थोड़ी जगह छोड़ कर सफेद रंग की बड़ी आयाताकार ट्यूब में लाल रंग में अंकित है ‘हिन्दू मंदिर’ का चिन्ह।
ट्यूब के दोनों ओर ‘ॐ’ नीले रंग में अंकित है। प्रवेश करते ही ‘ॐ’ के दर्शन, जैसे शांति का सन्देश मिल रहा हो। मानवता को आशीर्वाद देते हुए। मंदिर का केन्द्र वाला हिस्सा हिन्दू धर्म की अनेक  भव्य सुसज्जित भगवत प्रतिमाओं से शोभनीए है। अनेक  ही देवी-देवताओं की तस्वीरें (स्टैचू) यह सब कई रंगों को परिभाषित करते हैं। इन प्रतिमाओं को तस्वीरवार दाएं-बाएं छोटी-छोटी स्टेजोंपर रखा हुआ है। इनके पीछे लाल रंग तथा सफेद रंग का पर्दा है। पर्दे की किनारी लाल रंगों में जंचती है।  गोलाकार छत के बीच घड़ियाल आध्यात्मिक संदेश देता प्रतीत होता है। हिन्दू धर्म की मर्यादा से आस्था, साझ, प्यार-मोहब्बत, संस्कार, संस्कृति रखने वाले श्रद्धालु यहां दुख-सुख के समय दर्शनों के लिए आते हैं। संकट मोचन के समय यह स्थान धैर्य  तथा बल देता है। हर्ष के अवसरों पर श्रद्धालु पहले इस स्थान पर आ कर अपनी मनोकामनाओं की अभिव्यक्ति करते हैं। भगवान का आशीर्वाद लेकर फिर खुशी के कार्य आरम्भ करते हैं। हिन्दू धर्म से संबंधित समस्त दिन-त्यौहार श्रद्धा भावना से मनाए जाते हैं। विशेष तौर पर शिवरात्रि, दीवाली, दशहरा आदि त्यौहार चाव और श्रद्धा से मनाए जाते हैं ताकि यहां रह कर भी लोग अपनी संस्कृति से जुड़े रहें।

-बलविन्दर ‘बालम’ (गुरदासपुर)