समावेशी विकास की राह पर गतिमान हिमाचल


श के 72देवें स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर समस्त प्रदेशवासियों को मेरी और प्रदेश सरकार की ओर से हार्दिक शुभकामनाएं! 15 अगस्त का यह पावन दिवस, हम सब देशवासियों के लिए एक उल्लास का पर्व है। यह अवसर उन महान स्वतंत्रता सेनानियों और विभूतियों को स्मरण करने का भी है, जिन्होंने इस देश की स्वतंत्रता के लिए अपना सब कुछ न्यौछावर कर दिया। इन देशभक्तों का बलिदान, हम सब देशवासियों को अपने महान देश की गर्व के साथ सेवा करने के लिए प्रेरित करता है। 
यह गर्व की बात है कि हिमाचल के लोगों ने भी स्वतंत्रता संग्राम में बढ़-चढ़ कर भाग लिया था। हिमाचल में हुए धामी गोली कांड, प्रजामण्डल आन्दोलन, सुकेत सत्याग्रह तथा पझौता आन्दोलन ने उस समय देश का ध्यान आकर्षित किया था। 
स्वतंत्रता प्राप्ति के आठ माह के उपरान्त हिमाचल प्रदेश अस्तित्व में आया था। उस समय यह प्रदेश आर्थिक तंगी और आधारभूत सुविधाओं की कमी के कारण अनेक चुनौतियों का सामना कर रहा था। परन्तु, मेहनतकश एवं ईमानदार पहाड़ी लोगों ने दृढ़ इच्छाशक्ति से सभी कठिनाइयों का सामना करते हुए, चुनौतियों को सुअवसरों में बदला। आज यह प्रदेश निरन्तर प्रगति के पथ पर गतिमान है। 27 दिसम्बर, 2017 को वर्तमान भाजपा सरकार के सत्ता सम्भालते ही प्रदेशवासियों में नई आशाओं एवं आकांक्षाओं की उम्मीद जगी। प्रदेश में सुशासन और जनसेवा के एक नए युग का उदय हुआ है। प्रदेश सरकार ने भी अपने दायित्व को बखूबी निभाते हुए लोगों के विश्वास को और पुख्ता किया है।  सत्ता सम्भालते ही, हमारी सरकार ने भारतीय जनता पार्टी के ‘स्वर्णिम हिमाचल दृष्टिपत्र-2017’ को सरकार का नीति दस्तावेज बनाया और ‘सबका साथ-सबका विकास’ की मूल अवधारणा को समक्ष रखकर, कार्य आरम्भ किया। विकास कार्यों को समयबद्ध ढंग से पूरा करने की नीति निर्धारित करते हुए सभी विभागों को 100 दिन के लक्ष्य दिए गए ताकि सरकारी तंत्र को जन कल्याण के प्रति सक्त्रिय किया जा सके। सभी विभागों ने अच्छा प्रदर्शन करके यह सिद्ध कर दिया कि सही नेतृत्व एवं मार्गदर्शन से सब कुछ संभव है। इससे प्रदेश में कार्य-संस्कृति का माहौल विकसित हुआ और अधिकारीगण ‘लीक से हटकर’ सोचने लगे हैं, जिसके फलस्वरूप प्रदेश हित में, आवश्यकता के अनुसार अभिनव योजनाएं तैयार हो रही हैं। 
हमारी सरकार ने सत्ता सम्भालते ही, महिलाओं में सुरक्षा की भावना पैदा करने, खनन व ड्रग माफिया और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने की दिशा में कारगर कदम उठाए हैं। महिलाओं की सुरक्षा के लिए ‘शक्ति बटन ऐप’ तथा ‘गुड़िया हेल्पलाइन-1515’ आरम्भ की गई है। वन माफिया, खनन माफिया तथा ड्रग माफिया के विरुद्ध सख्ती से निपटने के लिए ‘होशियार सिंह हेल्पलाइन-1090’ आरम्भ की गई है।  हमारी सरकार ने महिलाओं के सशक्तिकरण और युवाओं के स्वावलम्बन की दिशा में विशेष प्रयास आरम्भ किए हैं। हमने प्रदेश की गृहिणियों को चूल्हे के धुएं से निजात दिलाने के लिए, हिमाचल गृहिणी सुविधा योजना आरम्भ की है। इस योजना के अन्तर्गत उन सभी पात्र परिवारों को घरेलू गैस कनेक्शन मुफ्त में दिए जा रहे हैं, जो उज्ज्वला योजना के अंतर्गत कवर नहीं हो पाए हैं और जिनके पास अभी तक यह सुविधा उपलब्ध नहीं है। इस योजना से जहां पर्यावरण संरक्षण में सहायता मिलेगी, वहीं ग्रामीण महिलाओं को ईंधन की लकड़ी जुटाने में होने वाले कठिनाइयों से भी छुटकारा मिलेगा।
हमने युवाओं को स्वरोज़गार के अवसर उपलब्ध करवाने तथा स्थानीय उद्यम को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री स्वावलम्बन योजना आरम्भ की है। इस योजना के अन्तर्गत 18 वर्ष से 35 वर्ष आयु वर्ग के हिमाचली युवाओं को उद्योग स्थापित करने के लिए 50 लाख रुपये तक की कुल परियोजना लागत में 40 लाख रुपये तक के संयंत्र तथा मशीनरी के निवेश पर 25 प्रतिशत पूंजी उपदान दिया जा रहा है, जबकि महिलाओं के लिए यह उपदान अधिकतम 30 प्रतिशत है। इस वर्ष इस योजना पर 80 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे। सात महीनों की इस छोटी सी अवधि में, हमारी सरकार की एक बड़ी उपलब्धि यह रही है कि हम केन्द्र सरकार से लगभग 6310 करोड़ रुपये की छ: बड़ी परियोजनाएं स्वीकृत करवाने में सफल हुए हैं। इसके अलावा अभी हाल ही में केन्द्र सरकार ने हिमाचल को एन.डी.आर.एफ. की एक बटालियन स्वीकृत करके तोहफा दिया है, जिससे जहां प्रदेश के युवाओं को रोज़गार के अवसर मिलेंगे, वहीं आपदा की स्थिति से तुरन्त निपटने में सहयोग मिलेगा। 
हमने कृषि क्षेत्र में नई योजनाएं आरम्भ करके तथा सिंचाई सुविधाएं बढ़ाने पर बल देकर वर्ष 2022 तक कृषकों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है। कृषि क्षेत्र में विविधता लाने के उद्देश्य से प्रदेश में रेशम पालन, मधुमक्खी-पालन तथा पुष्प उत्पादन के लिए नई प्रोत्साहन योजनाएं आरम्भ की गई हैं। प्रदेश को आर्थिक दृष्टि से आत्मनिर्भर बनाने में, पर्यटन अपनी अह्म भूमिका निभा सकता है। प्रदेश में विद्यमान प्राकृतिक, साहसिक व सांस्कृतिक पर्यटन विकास की व्यापक संभावनाओं के दृष्टिगत, हमारी सरकार ने विस्तृत कार्य योजना बनाई है। 50 करोड़ रुपये की ‘नई राहें-नई मंजिलें’ नामक नई योजना आरम्भ की है, जिसके अन्तर्गत पर्यटकों को प्राकृतिक वैभव से भरपूर अनछुए क्षेत्रों में जाने के प्रति आकर्षित किया जा रहा है। अभी हाल ही में, केन्द्र सरकार से स्वीकृत 1892 करोड़ रुपये की महत्वाकांक्षी पर्यटन विकास परियोजना इस दिशा में वरदान सिद्ध होगी। 
प्रदेश में बेहतर यातायात सुविधाएं उपलब्ध करवाने की दृष्टि से सड़कों के विस्तार और सुधार का व्यापक कार्य चल रहा है। सड़कों की मुरम्मत के लिए अभी तक 200 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं। इस वर्ष 600 कि. मी. नई सड़कें बनाने तथा 40 नए गांवों को सड़क सुविधा से जोड़ने का लक्ष्य रखा गया है। नए स्वीकृत 4312 कि. मी. लम्बे 69 राष्ट्रीय राजमार्गों में से अधिकांश राजमार्गों के लिए परामर्शदाता नियुक्त किए जा चुके हैं। 
प्रदेश में समाज के कमजोर वर्गों का उत्थान, हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। हमने सत्ता संभालते ही, इस दिशा में प्रयास आरम्भ कर दिए थे। मंत्रिमण्डल की पहली बैठक में ही, वृद्धजनों की बिना किसी आय सीमा के, सामाजिक सुरक्षा पेंशन पाने की आयु सीमा को, 80 वर्ष से घटाकर 70 वर्ष किया गया, जिससे एक लाख 30 हज़ार वृद्धजन लाभान्वित हुए हैं। इन्हें अब 1300 रुपये मासिक की दर से बढ़ी हुई सामाजिक सुरक्षा पेंशन मिल रही है। इस समय लगभग 4 लाख 47 हजार पात्र व्यक्तियों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्रदान की जा रही है, जिसके लिए इस वर्ष 600 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया गया है।
प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारना, एक बड़ी चुनौती है। हमारी सरकार ने इस दिशा में प्रयास आरम्भ कर दिए हैं। हाई स्कूलों तथा वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों में ‘मल्टीमीडिया टीचिंग-यंत्रों’ के माध्यम से स्मार्ट क्लास रूम विकसित किए जा रहे हैं। स्कूलों में विद्यार्थियों-शिक्षकों का अनुपात बढ़ाने के लिए कदम उठाए गए हैं। शिक्षकों की भर्तियां लगातार की जा रही हैं। हमारा यह सुन्दर प्रदेश देवभूमि के अलावा, वीरभूमि भी है। प्रदेश के युवा सेना व सुरक्षा बलों में सेवा करने में गर्व महसूस करते हैं। प्रदेश के जवानों ने जरूरत पड़ने पर देश के लिए बड़ी कुर्बानियां दी हैं। इन वीरों की शौर्य गाथाएं हम सबको गौरवान्वित करती हैं और हम सब में राष्ट्र-प्रेम की भावना जागृत करती हैं।
लम्बे संघर्ष के बाद हासिल आज़ादी को सहेज कर रखना हम सभी का कर्त्तव्य है, लेकिन आज देखने में आ रहा है कि हमारे कुछ युवा नशे के जाल में फंस कर पराधीन हो रहे हैं और जीवन की राह से भटक रहे हैं। आज नशामुक्त समाज के निर्माण के लिए एक आन्दोलन की आवश्यकता है। इस पावन अवसर पर हमें संकल्प लेना होगा कि न नशा करेंगे, न करने देंगे। प्रदेश की उन्नति, खुशहाली और समृद्धि के लिए प्रयास करेंगे, यही हमारे सेनानियों के लिए हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
आइए! स्वतंत्रता दिवस के इस पावन अवसर पर, हम सब संकल्प लें कि प्रदेश में सामाजिक सौहार्द बनाए रखते हुए, एकजुट होकर इस प्रदेश को प्रगति के शिखर की ओर ले जाने में अपना योगदान देंगे ताकि इस प्रदेश को समावेशी एवं समग्र विकास का एक आदर्श बनाया जा सके।
        जय हिन्द! जय हिमाचल!