हम बहुत आगे आ चुके हैं स्वतंत्रता की राह पर


15अगस्त, भारतीय इतिहास में एक पवित्र मूर्ति के चित्रण जैसा दिवस है, जब हम एक देश के तौर पर स्वतंत्र हुए। ब्रिटिश साम्राज्य की गुलामी की ज़ंजीरों से स्वतंत्र हुए। अपना संविधान लिखने, अपने भविष्य के निर्माण और अपनी इच्छा के अनुसार देश को आगे ले जाने के लिए आजाद हुए। हां, हम 71 वर्ष पूर्व इसी दिन आजाद हुए। हम अपनी सोच को सफलतापूर्वक अमल में लाने के लिए एक राजनीतिक हस्ती के तौर पर मुक्त हुए और अपने सपनों के भारत  का निर्माण करने के लिए बंधनों से मुक्त हुए। पर क्या हमने सचमुच अपने सपनों के भारत का निर्माण कर लिया है? एक ऐसे स्वतंत्र भारत का, जिसके लिए हमारे महान स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने प्राणों की आहुति दी थी और जिसका हमने अपने बच्चों के लिए स्वप्न लिया था?
जब मैंने 17 महीने पूर्व पंजाब के शासन की बागडोर संभाली, तब मेरे पास प्रदेश को विनाश से बाहर लाने का भारी भरकम कार्य था। मैंने पंजाब के नौजवानों को नौकरी देने की प्रतिज्ञा की थी जिसकी उनको हद से ज्यादा जरूरत भी थी और वे इसके हकदार भी थे। मैंने संकट में घिरे किसानों को राहत देने का वायदा किया था जो कि ढेर सारे कर्ज तले दबे हुए आत्महत्याओं की तरफ जा रहे थे। मैंने उद्योगों को वापिस लाने का भरोसा दिलाया था जो कि गत शासन की कमजोरी के कारण प्रदेश से बाहर चले गए थे। मैंने प्रदेश को आर्थिक विकास की राह पर लाने का संकल्प लिया था और जाति, नस्ल, धर्म आदि को एक तरफ रख कर सभी नागरिकों को समान अवसर मुहैया करवाने का वायदा किया था। मैंने विगत 10 वर्षों से डर-भय में जी रहे पंजाब के लोगों को इससे मुक्त करवाने का भी प्रण लिया था। 
हम हमारी मातृ भूमि के महान सपूतों के ऋणी हैं जिन्होंने भारत के स्वतंत्र संग्राम में अपना महान बलिदान दिया। स्वतंत्रता संग्राम के 80 प्रतिशत से अधिक योद्धा पंजाब के थे और यह बात हम सभी के लिए बहुत गौरव एवं संतोष की है। देश के स्वतंत्रता संग्राम में अपना बलिदान देने वाले पहले भारतीय भाई महाराज सिंह पंजाबी ही थे। इसके बाद बाबा राम सिंह, शहीद भगत सिंह, राजगुरु , सुखदेव, लाला लाजपत राय, मदन लाल ढींगरा, शहीद ऊधम सिंह, करतार सिंह सराभा, दीवान सिंह कालेपानी सहित अनेक पंजाबियों  ने साहस और वीरता की उदाहरण प्रस्तुत किया और ब्रिटिश जुल्म से भारत को स्वतंत्र करवाने के लिए अपने रक्त की एक-एक बूंद तक बहा दी। 
कर्जदार किसानों को राहत मुहैया करवाने के लिए हमारी सरकार ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए गरीब किसानों के कर्ज माफ किए हैं क्योंकि मौजूदा समय में कृषि में आ रहे संकटों के हल व किसान आत्महत्याओं पर लगाम लगाने का हमने वायदा किया था। हमने सीमांत किसानों के 3.03 लाख मामलों का निपटारा कर दिया है जिन्होंने सहकारी बैंकों से 1700 करोड़ रुपए का कर्ज उठाया था। अब हम सहकारी बैंकों से संबंधित कृषि कर्ज के और 1.5 लाख मामलों का निपटारा करने जा रहे हैं और इस समय इन मामलों की पड़ताल की प्रक्रिया पूरी की जा रही है।
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि गत 17 माह में हम नशा तस्करों की कमर तोड़ने में सफल हुए हैं। मार्च, 2017 में जब हमने सत्ता संभाली तो नशा माफिया एक बड़ी चुनौती थी। नशे की कुरीति को जड़ से उखाड़ फैंकने के लिए अहम कदम उठाए जाने से जहां नशे की सप्लाई लाईन टूटी, वहीं बड़ी संख्या में नशाग्रस्त लोगों ने इससे छुटकारा पाने के लिए इलाज और पुनर्वास केंद्रों की ओर रुख  किया। लोगों की सक्रिय भागीदारी और सहयोग स्वरूप हम सदा के लिए इस बुराई से मुक्त होने के रास्ते की ओर बढ़ रहे हैं।
मेरे लिए स्वतंत्रता का अर्थ नशे, कर्ज के बोझ, अनपढ़ता, बीमारी व बेरोजगारी और आर्थिक व सामाजिक पिछड़ेपन से पूरी तरह से मुक्त होना है। इसका मतलब भय एवं असुरक्षा से मुक्त होकर अपनी इच्छानुसार जीवन जीने की स्वतंत्रता प्राप्त होना है।
हम पंजाबी विश्वभर में अपने साहस, कठोर परिश्रम, बहादुरी और अमिट हौसले के कारण जाने जाते हैं और यह हठ भावना कभी भी नहीं मरती। यही भावना मुझे आज के इस ऐतिहासिक दिवस पर पूरे विश्वास से यह कहने के लिए उत्साहित करती है कि हम बहुत जल्दी अपनी इच्छा के अनुसार पंजाब का निर्माण करने में कामयाब होंगे। हमने पहले भी ऐसा किया है और हम सभी मिल-जुल कर फिर यही करेंगे।  जय हिन्द।