23वें हिंद-पाक दोस्ती मेले का दूसरा दिनर् ‘भारत-पाक सम्बन्ध, समस्या व संभावनाएं’ विषय पर सैमीनार 


अमृतसर, 14 अगस्त (हरमिंदर सिंह) : हिंद-पाक दोस्ती के लिए प्रयासरत संस्थाएं हिंद-पाक दोस्ती मंच, फोकलोर रिसर्च अकादमी अमृतसर, पंजाब जागृति मंच, पाकिस्तान-इंडिया पीपल्ज़ फोरम फार पीस एंड डैमोक्रेसी, साफमा द्वारा अमन व भाईचारक सांझ के लिए आरंभ किए गए सफर का एक कदम और आगे बढ़ा लिया है। इस सफर के तहत करवाए गए 23वें हिंद-पाक दोस्ती मेले के आज दूसरे दिन पंजाब नाटशाला में ‘भारत-पाकिस्तान सम्बन्ध, समस्याएं व संभावनाएं’ विषय पर करवाए गए सैमीनार में देश भर से आए बुद्धिजीवियों, विद्वानों सहित वरष्ठि पत्रकारों ने हिंद-पाक दोस्ती का समर्थन करते हुए दरपेश आ रही मुश्किलों पर रोशनी डाली। हिंद-पाक दोस्ती मंच के महासचिव श्री सतनाम सिंह माणक ने प्रोग्राम का आगाज करते हुए कहा कि दोनों देशों में अमन-शांति के लिए एकजुट होरक ऐतिहासिक जिम्मेदारी निभानी चाहिए। तत्पश्चात् कमर आगा ने हिंद-पाक के वर्तमान हालातों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि  इस समय दोनों देशों में हालात खराब चल रहे हैं। पाकिस्तान में प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व बनने जा रही नई सरकार से खासी उम्मीदें हैं। सैमीनार में हिस्सा लेने पहँुचे सीनियर पत्रकार ओम थंनवी ने हिंद-पाक में पैदा हुए कड़वाहट भरे माहौल के लिए दोनाें देशों की सरकारों को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि राजनीतिक उद्देश्य के लिए चाहे हिंद-पाक के मध्य भूगौलिक तौर पर लकीर खींच दी गई लेकिन दोनों देशों की आवाम में आज भी प्यार बरकरार है। 
इस सैमीनार को और दिलचस्प बनाते हुए साईदा हमीद ने हिंद-पाक दोस्ती का संदेश देते हुए कहा कि वह समय दूर नहीं जब अमृतसर की धरती से यह उम्मीद और भी प्रभावशाली ढंग से उपजेगी। वरिष्ठ पत्रकार जेतिन देसाई हिंद-पाक सम्बन्धों में सुधार होने की उम्मीद जाहिर करते हुए कहा कि काला दौर अधिक समय तक नहीं चलता।  हिंद-पाक दोस्ती के लिए प्रयासशील तमिलनाडू की युवा नेता भागवी ने हिंद-पाक दोस्ती के लिए मीडिया को अपनी भूमिका जिम्मेदाराना ढंग से निभाने पर जोर देते हुए कहा कि आज हालात यह बन गए हैं कि इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश किया जा रहा है। इसी प्रकार एडवोकेट राम मोहन राय ने दोनों देशों में अमन-शांति व भाईचारक सांझ बनाने के लिए दिए जा रहे संदेश को घर-घर तक पहुंचाने के लिए हर योग्य प्रयास करने की अपील की। इस मौके पर 91 वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी हाऊसा ताई द्वारा, रवि नतेश के अलावा विजय देशपांडे, स. कुलदीप सिंह ने भी अपने विचार पेश किए। सैमीनार में श्री सतनाम सिंह माणक द्वारा पढ़े गए घोषणापत्र में दोनों देशों के लोगों को स्वतंत्रता की 72वीं वर्षगांठ पर शुभकामनाएं देते हुए सांप्रदायिक हिंसा में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि भेंट की गई। उन्होंने दोनाें मुल्कों की सरकारों से अपील की कि वह इस क्षेत्र के लोगों के बेहतर भविष्य के लिए अमन-शांति को एक अवसर दें। इस दौरान पोकलोर रिसर्च अकादमी का वार्षिक सोवीनार पंज पाणी भी जारी किया गया। सैमीनार के अंतिम पड़ाव  में सैमीनार में हाजिर अलग-अलग स्कूलों-कालेजों के विद्यार्थियों द्वारा हिंद-पाक दोस्ती से सम्बन्धित कुछ सवाल पूछे गए जिनका विद्वानों व बुद्धिजीवियों द्वारा जवाब दिया गया। आधी रात को अटारी-वाघा सीमा पर मोमबत्तियां जलाकर दोनों देशों की आवाम को अमन-शांति का पैगाम दिया गया।