..जब खाना छोड़कर प्लेन यात्रियों की जान बचाने पहुंचे थे वाजपेयी

लखनऊ, देश के सबसे लोकप्रिय राजनेताओं में से एक अटल बिहारी वाजपेयी के राजनीतिक जीवन के ऐसे कई दिलचस्प किस्से हैं जो आज भी उनके साथियों से सुनने को मिलते हैं। अटलजी के खास मित्र और राजनीतिक साथी लालजी टंडन ने पिछले दिनों उनके ऐसे ही एक खास किस्से का जिक्र किया।  भाजपा नेता लालजी टंडन ने कहा,‘मुझे एक आदमी भी ऐसा नहीं मिला जिसने यह कहा हो कि मैं अटलजी के पास गया और उनसे मिल नहीं सका। वह लोगों से मुलाकात के प्रति कितने संवेदनशील थे, इसका एक शानदार उदाहरण लखनऊ में देखने को मिला था। उन्होंने एक वाकये को याद करते हुए कहा कि उन दिनों देश में राम जन्मभूमि आंदोलन का दौर चल रहा था और अटलजी लखनऊ के सांसद हुआ करते थे।’ वाजपेयी जी जब भी लखनऊ में अपने प्रवास के लिए आते तो मीराबाई रोड के गैस्ट हाऊस में रुका करते थे। उन दिनों ऐसे ही एक प्रवास के आखिरी दिन अटलजी मीराबाई रोड के गैस्ट हाऊस में बैठे रात का खाना खा रहे थे। खाना खाने के बाद उन्हें वापस दिल्ली निकलना था। अटलजी जिस कमरे में मौजूद थे, उसके बाहर लालजी टंडन और अन्य भाजपा नेता खड़े थे। इसी बीच लखनऊ के तत्कालीन डीएम और राज्यपाल मोतीलाल वोरा के सलाहकार घबराए हुए गैस्ट हाऊस पहुंचे। डीएम ने बड़ी घबराहट में लालजी टंडन से कहा कि उन्हें अटलजी से मुलाकात करनी है। इस पर भाजपा नेताओं ने कहा कि अटलजी भोजन कर लें तो मुलाकात हो जाएगी, लेकिन डीएम और राज्यपाल के सलाहकार ने आपातस्थिति होने के कारण उनसे यह कहा कि तुरंत मुलाकात ज़रूरी है और अटलजी के कमरे का दरवाजा खोलकर उसमें दाखिल हो गए। अचानक पहुंचे डीएम को देखकर अटल जी ने पूछा,‘कैसे आए डीएम साहब, कुछ विशेष।’डीएम ने अटल जी से कहा कि अमौसी एयरपोर्ट पर एक युवक ने एक विमान हाईजैक कर लिया है और उसके हाथ में कोई बम जैसी चीज़ है। प्लेन हाईजैकर ने विमान को उड़ाने की धमकी दी है लेकिन यह भी कहा है कि अगर अटल बिहारी वाजपेयी आ जाएं तो मैं सभी यात्रियों को छोड़ दूंगा, इसलिए अगर आप हमारे साथ चलें तो शायद सभी की जान बच जाए। डीएम की बात सुनकर लालजी टंडन ने कहा कि आप अटलजी को तो वहां ले जाएंगे पर क्या आपको इनकी सुरक्षा की परवाह नहीं है? डीएम कुछ जवाब दे पाते इससे पूर्व अटलजी ने खाना छोड़ा और डीएम के साथ चलने की हामी भर दी। भाजपा नेताओं ने मना भी किया लेकिन अटलजी नहीं माने। उस वक्त लखनऊ में कोई विशेष सुविधा वाला हवाई अड्डा नहीं था, सिर्फ एक हवाई पट्टी थी इसलिए अटलजी और सभी भाजपा नेता डीएम और राज्यपाल के सलाहकार के साथ एयरपोर्ट के एक टॉवर पर पहुंचे। वहां से विमान में संपर्क हुआ तो अटल जी ने हाईजैक करने वाले युवक से बात शुरू की। हाईजैकर ने अटलजी की आवाज़ सुनी और कहा कि आप अटल बिहारी वाजपेयी नहीं हैं। तय हुआ कि अटलजी विमान में जाकर उस युवक से बात करेंगे। भाजपा नेता तैयार नहीं हुए लेकिन अटलजी ने बिना कुछ सोचे डीएम को विमान तक चलने की व्यवस्था करने को कहा। एक निजी कार में अटल जी, लालजी टंडन, राज्यपाल के सलाहकार और ज़िलाधिकारी चारों लोग विमान तक पहुंचे जो एयरपोर्ट के किनारे पर खड़ा था। प्लेन के नीचे पहुंचकर लालजी टंडन ने युवक से अपना परिचय दिया तो उसने उन्हें पहचानने की बात कही। लालजी टंडन पहुंचे और फिर युवक से बात कर अटलजी को विमान में बुलाया। अटलजी पहुंचे तो लालजी टंडन ने कहा कि वाजपेयी जी इतनी दूर से तुमसे मिलने आए हैं, इनका पैर तो छू लो। इतना कहते ही युवक अटलजी का पैर छूने को जैसे ही झुका, तुरंत वहां मौजूद एक पुलिस अधिकारी ने जकड़ लिया। इस दौरान उस युवक ने अपने हाथ में पड़े एक सुतली के गुच्छे को फेंकते हुए कहा कि उसके पास कोई बम नहीं है, वह तो सिर्फ इन्हें यह बताना चाहता था कि देश में राम जन्मभूमि आंदोलन को लेकर कितना आक्रोश है।