जलपरी....

 एक बार मीरा और गीता अपने स्कूल के छात्र-छात्राओं के साथ कहीं पिकनिक मनाने गईं। वहां एक बूढ़ा उन्हें घूरता दिखाई दिया। उस बूढ़े को देखने के लिए मीरा और गीता उसकी तरफ निकल पड़ीं। एक सुनसान जगह पर उन्होंने एक जलपरी को बैठे देखा और बूढ़ा कहीं छिप गया। जब जलपरी को पता चला कि मीरा और गीता उसकी ओर आ रही हैं तो वह पानी में कूद पड़ीं।मीरा और गीता ने एक नाव ली और पानी में उस जलपरी का पीछा करने लगीं। जलपरी एक गुफा में चली गई। उन दोनों ने रस्सी का एक कोना चट्टान से बांध लिया और आप गुफा में चली गईं। थोड़ी दूर जाने पर उन्हें पता चला कि किसी ने रस्सी काट दी है। पर वह कौन हो सकता है? वे गुफा की भूल-भुलैया में फंस गईं। तभी जलपरी पानी से निकली और उन्हें रास्ता दिखाती हुई गुफा से बाहर निकल गई। फिर वह पानी में डूब गई। पानी से बाहर निकली तो उसने उस बूढ़े को देखा तो जलपरी झाड़ी के पीछे छिप गई। बूढ़ा जलपरी के पीछे-पीछे था। मीरा और गीता यह सब देख रही थीं। तब तक बूढ़ा एक मकान में चला गया। वे दोनों एक खिड़की के पास बैठकर अंदर की बातें सुनने लगीं। बूढ़ा अपने साथियों से कह रहा था कि हमें समुद्र से खज़ाना निकाल लेना चाहिए, परन्तु पहले उस जलपरी को मारना होगा। जब हम पानी में जाएंगे तो वह हमें मार देगी। यह सुनकर मीरा और गीता फिर जलपरी की खोज में चल पड़ीं फिर उनको जलपरी दिखाई दी। मौका देखकर उस बूढ़े ने मीरा और गीता को पकड़ लिया। वह जान गया कि लड़कियों ने खज़ाने का रहस्य जान लिया है। मीरा और गीता को बांधकर बूढ़े को इनकी रखवाली के लिए छोड़कर उनके साथ वाले लोग जलपरी को मारने और समुद्र से खज़ाना निकालने के लिए चल पड़े।
उधर मीरा और गीता की खोज में निकले उनके भाई को सारी बात पता चल गई। उसने पहले तो मीरा और गीता को उस बूढ़े की कैद से छुड़ाया और वे तीनों उस जलपरी को बचाने के लिए निकल पड़े। उन्होंने देखा कि कुछ बदमाश लोग समुद्र से खज़ाना निकाल रहे हैं। इन तीनों ने मौका संभाला और वे इन बदमाशों पर टूट पड़े। थोड़ी देर बाद इन्होंने इन पर काबू पा लिया। समुद्र से जो खज़ाना निकाला था, वह उन्होंने पुलिस को सौंप दिया और घर की ओर चल पड़े। इससे दूसरे दिन जब मीरा और गीता स्कूल में गईं तो वहां पुलिस आ गई। उन्होंने मीरा और गीता की तारीफ करते हुए जलपरी के बारे में बताया कि पुलिस की वर्दी वाला सिपाही ही आप की जलपरी थी जो बदमाशों की जासूसी कर रही थी। मीरा और गीता व उनके भाई को सम्मानित किया गया। और इन तीनों को सरकार की ओर से सम्मान-पत्र देने की घोषणा भी की गई।

— 511-खैहरा इन्क्लेव, जालन्धर-144001
मो. 94173-89003