एशियाई देशों में पदकों की जंग शुरू

जकार्ता, 18 अगस्त (जतिन्द्र साबी) : 18वीं एशियन खेलों का बिगुल जकार्ता और पेलमबांग में बज गया है और भारतीय खिलाड़ी भी इन खेलों में नया इतिहास रचने के लिए तैयार हैं। पिछली एशियन खेलो में भारत में 57 पदक जीते थे और गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों में भारत में 26 स्वर्ण पदक सहित 66 पदक हासिल किए थे और जिस तरह से अलग-अलग राष्ट्रीय खेल मुकाबलों में से भारतीय खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया है और इससे लगता है कि जकार्ता में हो रही 18वीं एशियन खेलों में भी भारतीय खिलाड़ी शानदार प्रदर्शन करके देशवासियों की आशाओं पर खरा उतरने की कोशिश करेंगे। भारत को पहले स्वर्ण पदक की तालाश : यदि एशिया खेलों के इतिहास पर नज़र दौड़ाई जाए तो पता चलता है कि बैडमिंटन, जिम्नास्टिक और वेट लिफ्ंिटग में भारत को अभी तक कोई स्वर्ण पदक हासिल नहीं हुआ है। परंतु इस खेल के खिलाड़ियों ने दुनिया में विश्व चैम्पियनशिपों में कई पदक अपने नाम किए हैं और खासकर पी.बी. सिंधू, साईना नेहवाल ने चीन, जापान और कोरिया के दबदबे को खत्म करके ओलम्पिक के पदक अपने नाम किए हैं और दूसरी तरफ जिम्नास्टिक और वेट लिफ्टिंग में भारतीय खिलाड़ियों ने कई पदक जीते हैं और इस बार इन खेलों में भारत स्वर्ण पदक जरूर पक्के करेगा।  निशानेबाजों से अधिक पदकों की आशा : एशियन खेलों में इस बार हिस्सा ले रहे शूटर नौजवान खिलाड़ी हैं और इनसे अधिक पदकों की देश को आशा है। मनु भाकर, अनीस भानवाला पर सबकी नजर है। बैडमिंटन में भारत को सख्त ड्रा मिला : ओलम्पिक चांदी का पदक विजेता पी.बी. सिंधू के नेतृत्व में एशियन खेलों में हिस्सा ले रही भारतीय बैडमिंटन टीम को सख्त ड्रा मिला है। भारत को हांगकांग व कोरिया, इंडोनेशिया और जापान के साथ ड्रा में रखा गया है। इसी तरह चीन, थाईलैंड, चाइनी, ताइपे दूसरे हाफ में हैं। पुरुषों की टीम में किदम्बी श्रीकांत और एच.एस. पणाय के नेतृत्व में भारतीय टीम अपना पहला मैच मालद्वीप के साथ खेलेगी और इसके बाद इंडोनेशिया के साथ खेलना पड़ सकता है।पैराग्लाइडिंग में से भारत ने अपना नाम वापिस लिया : एशियन खेलों में भारत ने पैराग्लाइडिंग में अपना नाम वापिस ले लिया है और अब इसमें 18 देशों के खिलाड़ी हिस्सा लेंगे। 79 वर्षीय वैट्रन खिलाड़ी रीता की स्वर्ण पदक पर नज़र : जकार्ता एशियन खेलों में भारत ने ताश मुकाबले में 24 सदस्यीय टीम भेजी है और इसमें टीम के खिलाड़ियों की महिला औसत आयु 60 साल है और 4 खिलाड़ी 70 साल की आयु से अधिक हैं। 79 साल की रीता भी इस खेल में सोने के पदक पर जोर आजमाइश करेंगी। रीता 1970 से इस खेल में लगातार हिस्सा ले रही है और उसने भारत द्वारा कई अंतर्राष्ट्रीय मुकाबलों में हिस्सा लिया है और वह चीन, पाकिस्तान, अमरीका में भी हिस्सा ले चुकी हैं। उसने एशियन खेलों की टिकट गोवा में हुए एक मुकाबले में शानदार प्रदर्शन करके शामिल की हैं। इसको एशियन खेलों में चीन ने इंडोनेशिया के खिलाड़ियों से कड़ी टक्कर मिलने की आशा है।  एथलैटिक्स में हिमा दास पर रहेगी सबकी नज़र : एथलैटिक्स में अंडर-20 विश्व एथलैटिक्स चैम्पियनशिप में से सोने का पदक जीतने वाली हिमा दास पर सबकी नजर रहेगी और इन खेलों में से स्वर्ण पदक की दावेदार है। भारत ने अब तक ट्रैक एंड फील्ड में शानदार प्रदर्शन किया है और 74 सोने के पदकों सहित 282 पदक जीते हैं और इस बार भी भारतीय एथलीट अच्छे प्रदर्शन की आशा की जा रही है। कुश्ती में अच्छे प्रदर्शन के आसार : भारत को कुश्ती में अच्छे प्रदर्शन की आशा है। बजरंग पुनिया और विनेश फौगाट को पदक के दावेदार माना जा रहा और सुशील कुमार और साक्षी मलिक से अच्छे प्रद्रर्शन की आशा है। हाकी टीम भी ओलम्पिक क्वालीफाइड करने के लिए बेताव : भारतीय पुरुषों की हाकी टीम भी एशियन खेलों में से सोने का पदक जीतकर 2020 ओलम्पिक खेलों में सीधा दाखिला पाने के लिए बेताव है। बेशक भारतीय टीम चैम्पियन ट्राफी में उप-विजेता रही थी। यदि इस बार सोने के पदक से रह गई तो देशवासियों को निराशा होगी। महिला हॉकी टीम भी विश्व के कप के सेमीफानल में स्थान हासिल करने से जरूर रह गई परंतु रानी रामपाल के नेतृत्व वाली टीम से देशवासियों को काफी उम्मीदें हैं और वह इंचोन से हासिल किए कांस्य के पदक का रंग जरूर बदलेगी। भारतीय मुक्केबाज का रिंग भी काफी मज़बूत दिखाई दे रहा है और विकास कृष्नन, शिव थापा, सौरभ थापा से भी अच्छी आशा है और महिलाओं में सूरज बाला भी पदक की दावेदार है। टैनिस के ड्रामे से सभी हैरान : टैनिस को पहले भी अजीब ड्रामे का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि लिएंडर पेस द्वारा अंत समय पर अपना नाम वापिस लेने के कारण यह अजीब स्थिति पैदा हो गई है और कोच कम कप्तान ईशान अली को पुरुषों की डबल्ज़ में जोड़ीदार की तालाश करनी पड़ रही है। बेटलिफ्ंिटग में भी अंतिम समय में मीराबाई चानो ने अपना नाम वापिस लेने के कारण भारतीय वेटलिफ्ंिटग टीम का मनोबल कम हुआ है। टेबल टेनिस में भी मनिक बत्रा को राष्ट्रमंडल खेलों वाला प्रदर्शन फिर से करने की आशा है परंतु इसको चीन, जापान से अच्छी चुनौती मिलेगी। पुरुषों के वर्ग में शरतकमल पर सबकी निकाह टिकी हुई है और इससे अच्छा प्रदर्शन करने पर पदक की आशा है।  जिम्नास्टिक में भी दीपा करमाकर वाल्ट ने लोहा मनाने का प्रयत्न करेगी और इसके अलावा भारत को पेनकाक, सिलाट, ब्रिज के बीच में अच्छे प्रदर्शन की आशा है और इसमें पदक हासिल करने के लिए भारतीय खिलाड़ी पदक सूची में जरूर बढ़ौत्तरी करेंगे। 18वीं एशियन खेलों में जकार्ता व पालेमबांग में 18 अगस्त से 2 सितम्बर तक करवाई जा रही हैं। इस खेल के महाकुम्भ में 40 देशों के 67 मुकाबले करवाए जाएंगे, जिसमें 28 ओलम्पिक खेल मुकाबलों को स्थान दिया गया है और इसके साथ ही इन नये ओलम्पिक खेल मुकाबले भी करवाए जा रहे हैं तथा इसके साथ ही 8 गैर-ओलम्पिक खेल मुकाबले भी इन खेलों का हिस्सा बनने जा रहे हैं। जकार्ता एशियन खेलों में भारत के खिलाड़ी 34 खेलों में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करेंगे और अपने पदक सूची में पिछली एशियन खेलों में बढ़ौत्तरी करने की कोशिश करेंगे। इस बार इन खेलों में 10 नई खेलों को स्थान दिया है जो इन खेलों का नया इतिहास बनाएंगी।