लगियां ने रौणकां लगाई रक्खीं दातिए...

शनिवार को मां चिंतपूर्णी जी की पावन अष्टमी के उपलक्ष्य में मां चिंतपूर्णी जी का दरबार श्रद्धालुओं की खचाखच भरा नजर आया। श्रद्धालुओं द्वारा मां के अवतरित जयकारों से पूरा माहौल भक्तिमय किया जा रहा था। भले ही इस बार ढोल नगाड़ों पर प्रशासनिक प्रतिबंध था, लेकिन तालियों और मां के जयकारों पर श्रद्धालुगण नाचते हुए इस मेले की खुशी मनाते नहीं थकते थे। प्रशासनिक प्रबंध भी पूरी तरह से चकाचौंध थे ताकि किसी भी श्रद्धालु को मां के दर्शनों में कोई दिक्कत न आए। रविवार से लेकर शनिवार सांय तक लगभग चार लाख से अधिक श्रद्धालु मां चिंतपूर्णी जी के दर्शन कर चुके थे। मेले के उपलक्ष्य में मां चिंतपूर्णी जी के भवन को विशेष तौर पर फूलों और रंगीन रौशनी से विशेष तौर पर सजाया गया था। वैसे तो मेले के उपलक्ष्य में हिमाचल के पड़ोसी राज्य पंजाब से ही सड़क के दोनों किनारे रंगीन रौशनी से सजाए गए थे। अंतिम नवरात्र होने के कारण पहले की अपेक्षा श्रद्धालुओं की संख्या काफी ज्यादा थी। हाथों में लाल ध्वज लिए माता के दरबार की ओर नंगे पैर जाते हुए देखे गए। कोई दंडवत प्रणाम करते हुए तो कोई नाचते-गाते हुए माता के दरबार की ओर पहुंच रहा था। कई श्रद्धालुओं को पुत्र रत्न प्राप्ती होने के कारण अपने बच्चों को भी माता के दरबार शीश झुकाने के लिए पहली बार पहुंचे हुए थे। जगह-जगह लगे विभिन्न प्रकार के लंगर,  पावन पर्व अष्टमी के उपलक्ष्य में माता चिंतपूर्णी जी के दरबार को भी विशेष तौर पर सजाया गया था। जगह-जगह मैडीकल कैंप, शौचालयों आदि की पूर्ण व्यवस्था की गई थी। श्रद्धालुओं के भारी रश को देखते हुए मंदिर को अधिकत्तर समय के लिए खुला रखा गया था। शनिवार प्रात: चार बजे मां चिंतपूर्णी जी के पिंडी स्वरुप को स्नान एवं श्रृंगार करने उपरांत ही श्रद्धालुओं का सैलाब मंदिर की ओर उमड़ आया। होशियारपुर से ही मां चिंतपूर्णी जी के जयकारों की गूंज सुनने को मिल रही थी। होशियारपुर से ही मां चिंतपूर्णी जी के दरबार तक जगह-जगह कड़ी चावल, डोसा, सांभर, न्यूडल, बर्गर, जलेबी, तंदूरी रोटी, शाही पनीर, कुल्फी आदि के लंगर श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित कर रहे थे। मां के दरबार में झंडा चढ़ाने वाले श्रद्धालु भी भारी संख्या में मां के दरबार की ओर जा रहे थे। इस संबंध में एस.डी.एम. अम्ब सुनील वर्मा ने बताया कि पहले नवरात्र से शनिवार सांय तक श्रद्धालुओं की ओर से 1 करोड़ के लगभग राशि मां चरणों में अर्पित की गई और 100 ग्राम सोना और 8 कि.ग्रा. चांदी भी श्रद्धालुओं की ओर से भेंट की गई है। उन्होंने मेले की सफलता के लिए श्रद्धालुओं का धन्यवाद किया है।