स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर चलता था गोरख धंधा : एस.पी 

पटियाला, 18 अगस्त (परगट सिंह): देवीगढ सिंगला चिलिंग सैंटर में नकली पनीर और घी तैयार करने के मामले के संबंध में पुलिस ने ओर खुलासे करते हुए बताया कि यह नकली घी और पनीर तैयार करने वाली फ़ैक्टरी स्वास्थ्य विभाग की मिली भुगत के साथ चल रही थी। इसकी पुष्टि करते हुए एस.पी. शहरी केसर सिंह धालीवाल ने पत्रकार मिलनी दौरान बताया कि नकली पनीर और घी बनाने के मामले में पकड़े दो मुलजिमों से पूछताछ दौरान खुलासे हुए हैं कि स्वास्थ्य विभाग के साथ सांठ-गांठ होने के कारण पहले यह एक निजी डेरी के मालिक के द्वारा और अब एक ओर डेरी के मालिक द्वारा स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को 5000 रुपए प्रति महीना देता था और 10,000 रुपए प्रति सैंपल स्वास्थ्य महकमे के कर्मचारियों को देते थे, जो कि इनके नकली पनीर और घी और आगे से सैंपल स्टेटड फूड लैब खरड़ से पास करवाते थे और शक पड़ने से बचने के लिए मुलजिम कभी कभी एक आधा सैंपल फेल भी करवा लेते थे। स. धालीवाल ने बताया इस संबंधी पुलिस की तरफ से स्वास्थ्य विभाग के उच्च अफसरों को उनके महकमे के आरोपी कर्मचारियों के ख़िलाफ़ कारवाई करने के लिए पत्र लिखा जा रहा है। उन्होंने कहा कि नकली पनीर इन मुलजिमों को करीब 120 रुपए प्रति किलो पड़ता था और यह आगे डेरी और बड़ी दुकानों को 150 रुपए प्रति किलो बेचता था और आगे डेरी और दुकानदार पनीर को करीब 250 रुपए प्रति किलो बेचते थे। इस तरह यह व्यक्ति डेरी और दुकानदारों के द्वारा लोगों की सेहत और जेब के साथ खीलवाड़ कर रहे थे। एस.पी. सीटी ने बताया कि मुलजिम अनिल कुमार पहले कुरूक्षेत्र हरियाणा में रहता था और दूध पाने का काम करता था। वर्ष 2014 में यह कस्बा देवीगढ जिला पटियाला में रहने लग पड़ा। जिस ने सिंगला मिल्क चिलिंग सैंटर गांव मिहोण में खोल कर स्वास्थ्य विभाग के साथ सांठ-गांठ करके सैंटर में नकली पनीर, दूध, मक्खन और देसी घी तैयार करके बेचना शुरू कर दिया। केसर सिंह ने बताया कि नकली पनीर यह फराईविल रिफायंड तेल, के साथ सप्रेटा दूध मिक्स करके पनीर तैयार करता था, एक महीने में 500 से 800 टीन रिफायंड तेल पनीर बनाने के लिए इस्तेमाल करता था। उन्होंने बताया कि कारवाई संबंधी कानूनी राय हासिल की जा रही है और यदि इसी केस में कारवाई बनती हुई तो की जायेगी और यदि ओर अलग केस दर्ज करना पड़ा तो भी किया जायेगा। पुलिस ने बताया कि सिंगला चिलिंग सैंटर में पनीर बनाने व ओर दूध के साथ संबंधित पदार्थ बनाते समय केमिकल, सिरका, तेज़ाब, डिटैरजैंट और बर्तनों की सफ़ाई के लिए इस्तेमाल किए जाते केमिकल को यह पहले चिलिंग सैंटर के साथ अपने खाली प्लाटों में खुल्ला छोड़ता था, जो काम बढ़ने कारण यह प्रदूषित पदार्थ उस प्लाट में ठीक तरह के साथ जज़्ब नहीं हो रहा थे। फिर इस ने इसी प्लाट में डीप डिसचार्ज बोर लगवाया जिसके द्वारा यह इस्तेमाल किया हुआ सारा केमिकल व ओर ज़हरीले पदार्थ धरती के पानी में मिला रहा था । इस संबन्धित प्रदूषण बोर्ड को अनिल कुमार के ख़िलाफ़ बनती कानूनी कारवाई के लिए अलग लिखकर भेजा जा रहा है। इस की पूछताछ से जो -जो व्यक्तियों के नाम सामने आऐंगे उनके खिलाफ बनती कानूनी कारवाई अमल में लाई जाएगी। इसका ओर रिमांड लेकर गहराई के साथ जांच करके सभी गोरख -धंधे की तह तक जाया जायेगा और जो भी दोषी सामने आऐगा उसे बख्शा नहीं जायेगा। एस.पी केसर सिंह ने बताया कि जांच दौरान अनिल सिंगला ने बताया कि नकली पनीर व ओर खाद पदार्थ पंमी पुरीयां वाला (दाल दलिया चौंक), शिवा लस्सी (शेरां वाला गेट पटियाला), चावला डेरी (अनारदाना चौंक), के.डी मिल्क स्टोर (फोकल प्वाईंट), बलदेव शर्मा (सनोरी अड्डा), राजू पटियाला (हीरा बाग़), पंजाब डेरी समशेर डेरी (देवीगढ़), राणा (चमकोर साहिब), पंजाबी शुद्ध डेरी (साहनेवाल), हरीश (टीचर कालोनी राजपुरा), शिवालक फूड लिमि(कुराली), मारकांडा डेरी (शाहबाद), धर्मपाल कैटर (कुरूक्षेत्र ), राम शरण डेरी (कुरूक्षेत्र), अरोड़ा डेरी (कुरूक्षेत्र) में सप्लाई करता था।