सफल ज़िंदगी का राज़ है पति-पत्नी के बीच साथ और विश्वास
हर एक रिश्ते की अपनी अलग पहचान और अहमियत होती है, चाहे वह रिश्ता कोई भी हो। पति-पत्नी का या कोई अन्य रिश्ता। यदि इनके बीच विश्वास है तो रिश्ता कायम रहता है और दोनों एक-दूसरे की बदौलत सिर उठाकर गर्व से चलते हैं। विश्वास ही रिश्ते को बनाता है। यह ऐसी चीज़ है, जिसको बनना तो मुश्किल है और धीरे-धीरे बनता है लेकिन जब बन जाता है (विश्वास) तो रिश्ता अनमोल बन जाता है।
इसी अनेक रिश्तों में पति-पत्नी का रिश्ता सबसे खूबसूरत और दो आत्माओं के मिलन का होता है। यह एक ऐसा रिश्ता होता है, जिसमें साथ और विश्वास दोनों की ज़रूरत होती है। किसी एक के बिना यह गाड़ी नहीं चल सकती। अगर एक-दूसरे का साथ है तो ज़िंदगी स्वर्ग और अगर न हो तो ज़िंदगी नरक बन जाती है। अगर इसी बीच शक की सूई आ जाए तो घर पूरा टूटने पर आ जाता है। सुख-शांति गायब हो जाती है। इसलिए एक-दूसरे के बीच प्यार और साथ, विश्वास बहुत ज़रूरी है। पति-पत्नी दोनों को एक-दूसरे की इज्जत करनी चाहिए। आर्थिक हालातों में पत्नी को पति का साथ देना चाहिए। अगर पत्नी नौकरी करना चाहती है तो पति को भी पूरी सहमति देनी चाहिए।अगर पति-पत्नी एक-दूसरे का साथ देंगे तो ही ज़िंदगी सफल हो सकती है। छोटी-छोटी नोक-झोंक तो हर घर में होती है, जहां कहीं न कहीं प्यार भी होता है। पति-पत्नी का रिश्ता दो पहियों की तरह होता है, जिसमें अगर एक भी पहिया अपनी सतह से हिल जाता है तो ज़िंदगी की गाड़ी डगमगाने लगती है।
—गुरबीर कौर थोखर