पाकिस्तान में शुरू हो चुका है 100 दिवसीय मैच

इमरान खान एक बार फिर पाकिस्तान के कप्तान बन गए हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री कार्यालय की ज़िम्मेदारियां संभाल ली हैं। कप्तान का देश की राजनीति में पहला इम्तिहानी मैच शुरू हो चुका है। टीम नई है, विपक्ष मज़बूत है, अर्थव्यवस्था खराब है। देखना यह है कि कप्तान लम्बे संघर्ष के बाद सत्ता के मैदान में आकर मुश्किल परिस्थितियों में किस तरह का मैच खेलते हैं...।
उनको हर तरह की परिस्थितियों में अपनी सत्ता भी बरकरार रखनी पड़ेगी परन्तु हर कीमत पर मैच भी जीतना पड़ेगा। इमरान ने चुनावों से पूर्व कहा था कि वह जनता को बतायेंगे कि एक गेंद से दो विकेट कैसे लिए जाते हैं...। 2018 के चुनाव जीत कर इमरान खान पाकिस्तान तख्त-ए-पाकिस्तान पर विराजमान हो गए हैं, परन्तु कम सीटों के बावजूद सिंध को छोड़कर अन्य प्रांतों में प्रांतीय सरकारें भी बना ली हैं। खैबर पख्तूनख्वा राज्य में भी इमरान खान की सरकार बन चुकी है और बलोचिस्तान में भी अपनी सहयोगी सरकार बनाने में सफल हो गए हैं। सिर्फ सिंध में पीपल्ज़ पार्टी की सरकार बन सकी है। पंजाब में भी वह अपनी सरकार बनाने के लिए प्रयासरत हैं। 
इस तरह राजनीतिक स्थिति फिलहाल इमरान खान के पक्ष में हैं। उन्होंने एक गेंद पर दो नहीं, बल्कि तीन या चार विकेट ले लिए हैं। परन्तु वह इस सफलता पर खुश होने की बजाय तनाव में हैं। इमरान के तनाव का कारण ए-श्रेणी का विपक्ष है, जिन्होंने अपनी एक झलक राष्ट्रीय असैंबली में शक्तिशाली प्रदर्शन में दिखा दी है। यह फिर कभी विचार करेंगे कि विपक्ष के भीतर क्या खिचड़ी पक रही है। फिलहाल इतना बतायेंगे कि मुस्लिम लीग (नवाज़) और पीपल्ज़ पार्टी का पतन शुरू हो गया है। 
आसिफ अली ज़रदारी जिन्होंने चुनौती दी थी कि किसी में हिम्मत है तो उनको गिरफ्तार करके दिखाये। अब जाली बैंक खातों द्वारा पैंसों का लेन-देन करने के केस में अदालत के चक्कर लगाने के लिए मजबूर हो गए हैं। कराची की बैंकिंग अदालत में आसिफ ज़रदारी सहित 15 संदिग्ध दोषियों के विरुद्ध गैर-ज़मानती वारंट जारी किए थे, परन्तु ज़रदारी साहिब ने इस्लामाबाद हाईकोर्ट में पेश होकर अपनी सुरक्षा ज़मानत स्वीकार करवा ली है। उनको 3 सितम्बर को बैंकिंग अदालत कराची में पेश होने का आदेश दिया गया है। एक पत्रकार ने आसिफ अली ज़रदारी से पूछा कि ‘इमरान खान प्रधानमंत्री बन गए, आप अदालतों में घूम रहे हो, बताओ इस तरह की कार्रवाई के बारे में आपका क्या विचार है?’ इस सवाल का जवाब आसिफ अली ज़रदारी ने मुस्कराते हुए यह दिया कि इस तरह तो होता ही है, इस तरह के कार्यों में। आगामी दिनों के बारे में यह सारी स्थिति बताती है कि राजनीतिक खेल अब आसान नहीं रहा। इस खेल के चरित्र और उनकी भूमिका भी बदल रहे हैं। राजनीतिक खिलाड़ियों को नया खेल न खुलकर खेलने दिया जायेगा न छोड़ने दिया जायेगा।  राजनीतिक खेल पर विस्तृत बातचीत भविष्य में होती रहेगी। अभी चुनाव खेल पूरी तरह खत्म नहीं हुआ। चुनावों के दो नये चरण अभी पूरे होने शेष हैं। यह दोनों चरण पार्टी और नई सरकार की स्थिति को साफ करेंगे। अगले महीने 4 सितम्बर को पाकिस्तान के नये अध्यक्ष का चुनाव करने के लिए चुनाव होगा, जिसमें राष्ट्रीय असैंबली, सीनेट तथा चार प्रांतीय असैंबलियों के सदस्य वोट डालेंगे। इमरान खान की पार्टी द्वारा आरिफ अलबी और पीपल्ज़ पार्टी की ओर से एतजाज़ एहसन राष्ट्रपति के उम्मीदवार होंगे। पाकिस्तान पीपल्ज़ पार्टी विपक्षी पार्टियों के साथ सम्पर्क बना रही है कि सभी मिलकर एतजाज़ एहसन को समर्थन दें। पीपल्ज़ पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल इस मुद्दे पर अन्य विपक्षी पार्टियों के साथ विशेष बैठकें करेगा। अन्य विपक्षी पार्टियां इस चुनाव में क्या रणनीति अपनाती हैं, इसका फैसला समय करेगा, परन्तु यदि विपक्ष एकजुट न हुआ तो पाकिस्तान का राष्ट्रपति तहरीक-ए-इन्साफ अर्थात् इमरान खान की पार्टी का चुना जायेगा।  चुनाव का एक मैदान 14 अक्तूबर को सजेगा। राष्ट्रीय और प्रांतीय असैंबलियों की खाली होने वाली 30 सीटों पर चुनाव होगा। सभी राजनीतिक पार्टियों की कोशिश होगी कि वह इन सीटों पर सफलता हासिल करें, क्योंकि यह 30 सीटें भविष्य में बहुत प्रभावशाली भूमिका अदा करेंगी। परन्तु एक बात स्मरण रहे कि जो पार्टी सरकार में होती है, उसके उप-चुनाव जीतने के ज्यादा अवसर होते हैं। इस तरह इमरान खान और उनकी पार्टी पूरा जोर लगायेगी कि अधिक से अधिक सीटें जीते ताकि एक अपनी स्थिति मज़बूत बना सके।  यह थी अगले चुनावों और इन संबंधी पार्टियों की स्थिति। अब बात करते हैं इमरान खान की सरकार के अगले 100 दिनों के कार्यक्रम की, जिसकी ओर पाकिस्तान की ही नहीं पूरी दुनिया की नज़र है। प्रधानमंत्री इमरान खान ने देशवासियों को दिए अपने पहले भाषण में अपने रोडमैप अर्थात् भविष्य की कार्य योजना का ऐलान कर दिया है। पाकिस्तान-तहरीक-ए-इंसाफ की संसदीय पार्टी की बैठक में भी 100 दिनों की नई कार्य योजना को अंतिम रूप दे दिया गया है। योजना के अनुसार पूर्व सरकार के सभी अधिकारियों को बदल दिया जायेगा। राजनीतिक सम्पर्क वाले संघीय और प्रांतीय संस्थाओं के प्रमुख तथा अधिकारियों की सूची तैयार कर ली गई है, जिनको तत्काल बदल दिया जायेगा या घर भेज दिया जायेगा। हर सरकारी संस्थान अर्थात् संघीय बोर्ड ऑफ रैवेन्यू, नेपरा, रेलवे, पाकिस्तान इंटरनैशनल एयरवेज़ में योग्य माहिरों को सौ दिनों के लिए विशेष कार्य देकर नियुक्त किया जायेगा। सौ दिनों के बाद माहिरों की कारगुज़ारी चैक की जायेगी या नई नियुक्तियां की जायेंगी। पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ ने चुनावों से पूर्व सौ दिवसीय योजना का ऐलान किया था, जिसके अनुसार वह सरकार में आकर शिक्षा, स्वास्थ्य, न्याय, विदेश नीति, मैरिट पर रोज़गार मुहैय्या करने के कार्य करेंगे। पुराने और बोगस प्रबंध को बदला जायेगा। बलोचिस्तान के नाराज़ नेतृत्व को मनाया जायेगा। दक्षिण पंजाब का अलग राज्य बनाया जायेगा। कराची का विकास किया जायेगा। सरकार शान्ति और सुरक्षा के लिए कार्य करेगी। भू-माफिया के विरुद्ध कार्यवाही की जायेगी। बेरोज़गारी खत्म की जायेगी। युवाओं को एक करोड़ नौकरियां दी जायेंगी। बेघर लोगों को 50 लाख घर दिए जायेंगे। सादगी अपनाई जायेगी। सरकारी खर्च को कम करके लोगों पर ऋण का बोझ कम किया जायेगा। बिजली, पानी और गैस के मामले हल किए जायेंगे। पाकिस्तान-तहरीक-ए-इंसाफ को सरकार तो मिल गई है, साथ ही वित्तीय कार्यवाही टास्क फोर्स (एफ.ए.टी.एफ.) द्वारा अगले तीन महीनों के लिए 12 प्वाइंटों का लक्ष्य भी मिल गया है। इस लक्ष्य के अनुसार नई सरकार को कहा गया है कि वह आतंकवाद के लिए खर्च किए जाने वाले पैसे का पता करे और उसको रोके। मनी लांडरिंग को मुकम्मल खत्म करे। आतंकवाद के लिए फंड देने वाले गुटों के खिलाफ कानून बनाये।  इतने सारे लक्ष्य, मज़बूत विपक्ष और एकमात्र कप्तान इमरान खान...। क्या होगा, क्या होने वाला है और कुछ होगा भी या नहीं। इस सबका फैसला इमरान के हाथ में है। अभी तो ‘तबदीली’ असैंबलियों के भीतर आई है। यदि पूरे देश में न आई तो फिर कप्तान को पाकिस्तान पीपल्ज़ पार्टी और मुस्लिम लीग (नवाज़) की तरह तीसरी पारी नहीं मिलेगी। पहली पारी ही अंतिम पारी 
बन जायेगी...। 
पाकिस्तान के लोगों को बहुत उम्मीद है कि इमरान खान हर दबाव का डटकर मुकाबला करेंगे और अपनी सफलताओं का इतिहास दोहराएंगे...।     100 दिवसीय मैच शुरू हो चुका है, परिणाम क्या होगा यह आप भी देखें और हम भी देखेंगे। परन्तु एक बात अवश्य कही जा सकती है कि मैच बहुत दिलचस्प होगा, क्योंकि मुकाबला बहुत सख्त है।