अकाली-भाजपा प्रतिनिधिमंडल द्वारा मजीठिया के नेतृत्व में विधानसभा स्पीकर को मांग पत्र

चंडीगढ़, 23 अगस्त (विक्रमजीत सिंह मान) : अकाली-भाजपा प्रतिनिधिमण्डल ने आज पूर्व मंत्री स. बिक्रम सिंह मजीठिया की अगुवाई में पंजाब विधानसभा के स्पीकर राणा के.पी. सिंह को मिलकर एक मांग पत्र दिया। इस मध्य प्रतिनिधिमण्डल ने झूठे प्रमाण तैयार करने और एक गुप्त दस्तावेज़ को विधानसभा में पेश करने से पूर्व लीक करने के आरोप लगा कर जस्टिस (सेवामुक्त) रणजीत सिंह और कैबिनेट मंत्री सुखजिन्द्र सिंह रंधावा की गिरफ्तारी की मांग की। स्पीकर राणा के.पी. सिंह के पास पेश एक प्रस्ताव द्वारा प्रतिनिधिमण्डल ने रिपोर्ट लीक करने के आरोप में मंत्री रंधावा की तुरन्त बखस्तिगी की मांग की। अकाली भाजपा द्वारा दिए प्रस्ताव में स्पीकर के समक्ष यह अपील भी की गई कि वह राज्य में श्री गुरु ग्रंथ साहिब, भगवत गीता और कुरान शरीफ से जुड़े सभी अबमानना के केसों की जांच सुप्रीम कोर्ट के किसी मौजूदा जज से करवाने के लिए सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच करने सम्बंधी कहा जाए। प्रतिनिधिमण्डल ने आरोप लगाया कि हाईकोर्ट के पूर्व जज जस्टिस रणजीत सिंह ने बेदबी की घटनाओं की जांच करने हेतु झूठे प्रमाण तैयार किए हैं। प्रस्ताव में कहा गया कि जस्टिस (सेवामुक्त) रणजीत सिंह द्वारा श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के पवित्र ‘अंगों’ को पुलिस द्वारा ‘मालखाने में रखी जाती केस प्रापर्टी’ द्वारा ले जाना अबमानना भरी सिफारिशों के बराबर है। इसके अतिरिक्त श्री अकाल तख्त साहिब जैसी सर्वोच्च सिख संस्थाओं के अस्तित्व में सवाल उठाने की निंदा करते हुये अकाली-भाजपा विधायकों ने स्पीकर के पास विशेष अधिकार प्रस्ताव के उल्लंघन का नोटिस देते अपील की कि उन सभी व्यक्तियों के खिलाफ तुरन्त कार्रवाई की जाए, जिनका रणजीत सिंह आयोग रिपोर्ट को लागू के कारण पीछे हाथ हो सकता है। प्रतिनिधिमण्डल ने आरोप लगाया कि इनमें स्वयं रणजीत सिंह के अतिरिक्त राजनीतिज्ञ सुखजिन्द्र रंधावा और सुखपाल खैहरा भी हो सकते हैं। इस अवसर पर सोम प्रकाश, स. दिलराज सिंह भूंदड़, बलदेव सिंह खारा, डॉ. सुखविन्द्र सुक्खी, गुरप्रताप सिंह वडाला, कंवरजीत सिंह बरकंदी और हरिन्द्रपाल चंदूमाजरा शामिल थे।