किश्ती चालक स्वर्ण सिंह व सुखमीत सिंह के घर लगी रौणकें

मानसा, 24 अगस्त : हमें अपने बेटों पर गर्व है व यकीन था कि वह भारत की झोली में स्वर्ण पदक डालेंगे। यह बातों का प्रकटावा एशियन  गेम्स में स्वर्ण पदक जीतने वाले किश्ती चालक स्वर्ण सिंह विर्क व सुखमीत सिंह समाघ के परिजनों ने ‘अजीत समाचार’ के साथ बातचीत के दौरान किया। वर्णनीय है कि ओलंपियन व अर्जुन अवार्डी विर्क ज़िले के गांव दलेलवाला जबकि समाघ गांव किशनगढ़ फरवाही का रहने वाले हैं। दोनों सेना के 10 सिख रजीमैंट के जवान हैं। स्वर्ण के पिता गुरमुख सिंह व माता सुरजीत कौर जो खुशी में फूले नहीं समा रहे थे, ने कहा कि उनको अपने बेटे पर गर्व है व यकीन था कि वह देश की झोली स्वर्ण पदक डालेगा। सुखमीत के पिता अमरीक सिंह व माता कुलविंदर कौर ने बताया कि सुखमीत को बचपन से ही खेलों का शौंक था। इस उपलब्धि पर सहायक कमिशनर (ज) नवदीप कुमार ने दोनों खिलाडियों के घर पहुंच कर परिवारक सदस्यों को बधाई दी व मुंह मीठा करवाया। उपरांत ज़िलाधीश अपनीत रियात ने भी दोनों परिवारों को अपने कार्यालय में बुला कर सम्मानित किया। इस अवसर पर अतिरिक्त ज़िलाधीश (ज) राजेश त्रिपाठी, ज़िला खेल अधिकारी हरपिंदर सिंह, सरपंच स्वर्ण कौर, स्वर्ण के भाई लखविंदर सिंह विर्क व अन्य उपस्थित थे। इसी दौरान मानसा हलके के विधायक नाजर सिंह मानशाहिया, ज़िला कांग्रेस के प्रधान बिकरम सिंह मोफर, सरदूलगढ़ हलके के विधायक दिलराज सिंह भूंदड, सिख स्टूडैंटस फैडरेशन (गरेवाल) के दिलबाग सिंह विर्क, अकाली नेता मलकीत सिंह समाओं आदि ने भी दोनों परिवारों को बधाई दी है।  हमारी मेहनत रंग लाई-विर्क : एशियन गेम्स में स्वर्ण पदक विजय स्वर्ण सिंह विर्क ने कहा है कि उनकी मेहनत ने रंग लाई है। जकार्ता से ‘अजीत समाचार’ से बातचीत करते विर्क ने कहा कि उन्होंने जो सपना देखा था कि इस बार देश की झोली स्वर्ण पदक डालेंगे, वह हो गया है। खुशी में बातचीत करते उन्होंने इस का श्रेय अपने कोच के सिर बांधा व कहा कि हम चारों खिलाडियों ने जी जान लगा कर मेहनत की थी।