ई-वे बिल की सीमा बढ़ाने की चर्चा से कारोबारी वर्ग में हलचल हुई तेज़

जालन्धर, 24 अगस्त (शिव शर्मा): 50 हज़ार से ज्यादा मूल्य के सामान का ई-वे आनलाइन बिल तैयार करने की हद बढ़ाकर 1 लाख तक करने की चर्चा ने कारोबारी वर्ग में हलचल पैदा कर दी है, क्योंकि गत दिनों कुछ व्यापारिक वर्ग से संबंधित संगठनों ने प्रदेश के कैबिनेट मंत्री के समक्ष पंजाब में ही व्यापारियों को राहत देने के लिए प्रदेश में सामान का आनलाइन बिल तैयार करने के लिए हद बढ़ाई जानी चाहिए। बताया जाता है कि कैबिनेट मंत्री द्वारा इस बारे भरोसा भी दिया गया है कि इस मामले में कारोबारी वर्ग को राहत दी जा सकती है। ज्ञात हो रहे प्रदेश में न केवल कारोबारी वर्ग, बल्कि कृषि से जुड़े सामान की बिक्री करते या सामान तैयार करने वाले भी किसी प्रकार का 50 हज़ार से ज्यादा के मूल्य का सामान भेजते हैं तो उन्हें आनलाइन इस बिल को तैयार करना पड़ता है जिसमें सारी जानकारी शामिल करनी होती है कि उक्त सामान कहां जा रहा है और कहां से आ रहा है। दो माह पहले ही इस बिल को पंजाब में भी एक ज़िले से दूसरे ज़िले में सामान भेजने पर आनलाइन बिल तैयार करने का कानून लागू कर दिया गया था परंतु इस प्रणाली को लागू करने का कारोबारी वर्ग शुरू से ही इसलिए विरोध करते रहे हैं, क्योंकि उनका कहना था कि 50 हज़ार से ज्यादा मूल्य का सामान भेजने पर आनलाइन ई-वे बिल तैयार करना होता है जबकि यह राशि तो बहुत कम है। यदि किसी का 42000 रुपए का सामान है तो उस पर 18 फीसदी जी.एस.टी. लगता है तो यह 50,000 से ज्यादा का सामान ही बन जाएगा और इसलिए इसकी हद थोड़ी है। इसके अलावा इंजीनियरिंग से जुड़ी औद्योगिक इकाईयां भी ढलाई का काम करवाने के लिए एक से ज्यादा स्थानों पर सामान भेजती हैं परंतु 50 हज़ार तक का सामान हो तो औद्योगिक इकाइयों का ज्यादा समय तो बिल तैयार करने में ही बीत जाता है। कारोबारी वर्ग कैबिनेट मंत्री के पास यह मसला उठा चुके हैं कि कारोबारी क्षेत्र में 50 हज़ार का सामान तो कुछ नहीं होता तो इससे तो बड़ी संख्या में बिल तैयार करना होता तो इससे तो बड़ी संख्या में बिल तैयार करने होते हैं जिससे समय व कारोबारी दोनों जगह परेशानी होती है। अब आनलाइन बिल तैयार करने के लिए सामान की हद 50 से बढ़ाकर एक लाख तक करने का चाहे कारोबारी वर्ग को भरोसा दिया गया है जबकि पंजाब में इसकी हद बढ़ाने के लिए आ रहे संदेशों बारे तो राज्यभर के कारोबारी वर्ग में भारी चर्चा हो रही है। कारोबारियों का कहना था कि कुछ राज्य अपने तौर पर प्रदेश में ही हद बढ़ाकर 1 लाख कर चुके हैं और पंजाब में भी सरकार को इसकी हद बढ़ाकर एक लाख करनी चाहिए ताकि कारोबार और भी आसान हो सके।