केरल में आई बाढ़ के कारण रबड़ की सप्लाई प्रभावित

जालन्धर, 25 अगस्त (शिव शर्मा) : केरल में आए बाढ़ के कारण इस बार जहां भारी नुक्सान हुआ है, वहीं सबसे ज्यादा रबड़ उत्पादक राज्य केरल में मौजूदा स्थिति  से रबड़ के मूल्य भी बढ़ गए हैं क्योंकि केरल में रबड़ के वृक्षों को भारी नुक्सान पहुंचा है और केरल से आती रबड़ के गोदाम भी इस आए बाढ़ के कारण बर्बाद हो गए हैं। पंजाब भर में अंदाज़ा ही 250 से लेकर 300 टन तक रबड़ की खपत होती रही है, जिस कारण इससे तैयार होने वाले उत्पादों के भाव बढ़ने की संभावना ज्यादातर रबड़ टायरों, ट्यूबों में प्रयोग किया जाता है और न सिर्फ टायरों, ट्यूबों में बल्कि रबड़ की चप्पलों, खेलों के सामान में भी रबड़ का प्रयोग किया जाती है। पंजाब में ही टायर, ट्यूबें तैयार करने वाले 50 से 60 के लगभग यूनिट हैं, जबकि रबड़ की चप्पलें बनाने वाले 80 से ज्यादा यूनिट हैं। जानकारी के अनुसार लगभग 120 से 125 रुपए किलो रबड़ का मूल्य अब तक था परंतु केरल में जब से बाढ़ से भारी नुक्सान हुआ है, उसके बाद केरल से रबड़ आनी बंद हो गई और कारोबारियों की मानें तो रबड़ के मूल्य में 4 से 5 रुपए प्रति किलो की वृद्धि हुई है। केरल में बाढ़ की स्थिति के कारण अब अगरतला से रबड़ ज्यादा मात्रा में मंगवाने का काम शुरू हो गया है और इसके साथ ही इसके मूल्य में वृद्धि हो गई है। इसके अतिरिक्त दूसरे देशों से आयात करके रबड़ मंगवाई जाती है, उनमें से वियतनाम, थाईलैंड शामिल है पंरतु दोनों देशों में भी कुछ समय से हालात खराब होने के कारण रबड़ कम मात्रा में आ रही है। पंजाब में तो 20 वर्ष पहले राज्य में और खासकर जालन्धर को रबड़ की हवाई चप्पलों का घर माना जाता था परंतु समय की सरकारों द्वारा कर नीतियों में कई कमियां होने के कारण हवाई चप्पलें तैयार करने वाले यूनिटों की संख्या 450 से घटकर 60 से 70 यूनिट रह गई है।