46 हज़ार करोड़ के रक्षा सौदों को मंजूरी

नई दिल्ली, 25 अगस्त (वार्ता/उपमा डागा पारथ) : सरकार ने पुराने पड़ चुके चेतक हैलीकॉप्टरों के बेड़े को बदलने की दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए नौसेना के लिए 21 हज़ार करोड़ रुपए की लागत से 111 हैलीकॉप्टरों सहित कुल 46 हज़ार करोड़ रुपए के रक्षा सौदों को आज मंजूरी दे दी। रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई रक्षा खरीद परिषद् की बैठक में नौसेना के लिए 24 बहुउद्देशीय हैलीकॉप्टर एमएच 60 ‘रोमियो’, सेना के लिए 3364 करोड़ रुपए की लागत से 150 तोप और  नौसेना के लिए छोटी दूरी की 14 मिसाइल प्रणाली की खरीद को भी हरी झंडी दिखाई गई। नौसेना के लिए 111 हेलिकॉप्टरों की खरीद का सौदा इस मायने में बेहद महत्वपूर्ण है कि यह सरकार की मेक इन इंडिया योजना को रक्षा क्षेत्र में बढावा देने के लिए रक्षा मंत्रालय के बहुचर्चित सामरिक भागीदारी मॉडल के तहत पहला प्रोजैक्ट है। सामरिक भागीदारी मॉडल की विशेषता यह है कि इसके तहत भारतीय सामरिक भागीदार लड़ाकू विमान, हैलीकॉप्टर, पनडुब्बी और बख्तरबंद वाहन जैसे बड़े रक्षा प्लेटफार्म देश में ही बनाएंगे। ये भागीदार इसके लिए देश में ही संयंत्र स्थापित करेंगे और इससे संबंधित अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी अपने विदेशी भागीदार से हासिल करेंगे। इस मॉडल का दीर्घावधि उद्देश्य भारत को रक्षा उत्पादन क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के साथ साथ भारत को रक्षा उपकरणों के उत्पादन के हब के रूप में विकसित करना है। इस मॉडल के तहत प्रोजैक्टों को अंतिम रूप दिये जाने के बाद देश में रक्षा उद्योगों के अनुकूल माहौल बनेगा और निजी क्षेत्र तथा सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग इसके महत्वपूर्ण भागीदार होंगे। सरकार ने नौसेना की ताकत बढ़ाने के उद्देश्य से उसे 24 बहुउद्देशीय हैलीकॉप्टरों से लैस करने की भी मंजूरी दी है। सूत्रों के अनुसार फ्रांस सरकार से राफेल लड़ाकू विमानों की सीधी खरीद के तर्ज पर ही ये हैलीकॉप्टर सीधे अमरीकी सरकार से खरीदे जाएंगे। नौसेना को लंबे समय से इस तरह के हैलीकॉप्टरों की दरकार है। इन हैलीकॉप्टरों से लैस होने के बाद नौसेना की ताकत काफी बढ़ जाएगी क्योंकि ये हैलीकॉप्टर पनडुब्बी रोधी अभियानों के साथ साथ फायर स्पोर्ट और समुद्र में पूर्व चेतावनी संबंधी काम भी करेंगे। इन हैलीकॉप्टरों को युद्धपोतों पर तैनात किया जा सकता है। सेना के आधुनिकीकरण के सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए सरकार ने उसके लिए देश में ही बनी 150 स्वदेशी अत्याधुनिक तोप प्रणाली की खरीद को भी मंजूरी दी है। इस तोप प्रणाली का डिजायन और विकास रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) द्वारा किया जायेगा। इस प्रोजैक्ट की लागत 3364 करोड़ रुपए होने का अनुमान है। ये तोप भविष्य में सेना के तोपखाने का प्रमुख आधार बनेगी। इस तरह के प्रोजैक्ट से सरकार की मेक इन इंडिया योजना को बढ़ावा मिलेगा और देश रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा।