गुनाह छुपाने के लिए सिख धार्मिक संस्थाओं को दांव पर लगाने से गुरेज करें अकाली: जाखड़

जालन्धर, 26 अगस्त : पंजाब प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष व सांसद सुनील जाखड़ ने कहा कि अकाली नेता अपने गुनाह छुपाने के लिए सिख धार्मिक संस्थाओं की प्रतिष्ठा दांव पर लगाने से गुरेज़ करें। सहकारिता मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा व तकनीकी शिक्षा मंत्री चरनजीत सिंह चन्नी की मौजूदगी में पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए जाखड़ ने कहा कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी, बहिबल कलां गोलीकांड व डेरा सिरसा के प्रमुख के साथ सांझ के मामले में एक-एक कर सामने आ रहे गुनाहों से लोगों का ध्यान हटाने के लिए बौखलाहट में आई अकाली लीडरशिप कभी जस्टिस रणजीत सिंह के खिलाफ अभद्र भाषा उपयोग कर रही है और कभी मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा  के विरुद्ध झूठी बयानबाज़ी करती है, कभी कहते हैं कि उनके विरुद्ध केस दर्ज हो। जाखड़ ने सवाल किया कि अकाली इस बात का जवाब दें कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी हुई, अंग  नष्ट कर फेंके गए और हालात बिगाड़े गए, इसका राजनीतिक उद्देश्य क्या था? बहिबल कलां में गोली चलाए जाने के आदेश  किस जनरल ओडवायर ने दिए थे? कोटकपूरा में पाठ कर रही संगत पर लाठीचार्ज कर व गोलियां चलाकर भगाने के आदेश कहां से आए थे? जाखड़ ने दावा किया कि इन सवालों के जवाब सोमवार को मुख्यमंत्री द्वारा पेश की जा रही जस्टिस रणजीत सिंह आयोग की रिपोर्ट में दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि जांच रिपोर्ट में जो भी राजनीतिक नेता व अधिकारी दोषी पाये जाएंगे, उन्हें किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। शिरोमणि कमेटी का नाम लिए बिना उन्होंने कहा कि इस सिरमौर सिख धार्मिक संस्था में हर सिख की आस्था है, परंतु अकालियों ने इस संस्था को भी पूरी तरह अपने राजनीतिक उद्देश्यों से रंग लिया है। उन्होंने कहा कि जैसे अकाली लीडरशिप सिख पंथ के धार्मिक नेताओं को अपने राजनीतिक चालों के लिए उपयोग कर रही है, वो बेहद शर्मनाक है। उन्होंने कहा कि लोग अब इनकी कारगुज़ारी से भलीभांति अवगत हैं। अमरीका में दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी के अध्यक्ष मनजीत सिंह जी.के. पर हमले की आलोचना करते हुए कहा कि कैप्टन सरकार पंजाब में किसी को भी कानून हाथ में लेने की अनुमति नहीं देगी। भीड़ तंत्र के ज़रिये हत्या केवल भाजपा शासित राज्यों में हो रही है। पत्रकार सम्मेलन के दौरान विधायक राजिंदर बेरी, बावा हैनरी, सुशील रिंकू व हरदेव सिंह लाडी शेरोवालिया, जगबीर सिंह बराड़, वरिष्ठ नेता जसबीर सिंह डिम्पा, जालन्धर के अध्यक्ष दलजीत सिंह आहलुवालिया, अशोक गुप्ता, यशपाल सिंह धीमान आदि नेता भी मौजूद थे।