बेअदबी मामलों की जांच अब एसआईटी के हवाले

हरकवलजीत सिंह
चंडीगढ़, 28 अगस्त : मुख्यमंत्री पंजाब कैप्टन अमरेन्द्र सिंह द्वारा आज पंजाब विधानसभा में जस्टिस रणजीत सिंह कमिशन की रिपोर्ट पर हुई कोई 8 घंटों की बहस के बाद बरगाड़ी, बहिबल कलां और कोटकपूरा में अकाली-भाजपा सरकार दौरान श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी और उसके बाद सिख संगतों विरुद्ध हुई पुलिस कार्रवाई जिसमें 2 सिख नौजवान मारे गए और बहुत सारे घायल भी हुए से संबंधित केस सी.बी.आई. से वापिस लेकर राज्य सरकार द्वारा बनाई जाने वाली एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) को देने का ऐलान करते हुए कहा कि इस जांच के काम को समयबद्ध भी किया जाएगा ताकि दोषियों को बिना किसी देरी सजाएं दी जा सकें। कैबिनेट मंत्री स. तृप्त रजिन्दर सिंह बाजवा द्वारा मुख्यमंत्री के कहने पर सदन में एक प्रस्ताव पास किया गया, जिसमें उक्त तीनों स्थानों पर घटित  घटनाओं संबंधी जांच सी.बी.आई. से वापिस लेकर राज्य सरकार द्वारा बनाई जाने वाली किसी विशेष जांच टीम को दिए जाने की मांग की गई थी, जिसको सदन में अकाली दल के 14 सदस्यों की गैर-हाज़िरी में कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी के दोनों पक्षों और लोक इंसाफ पार्टी के दोनों विधायकों को समर्थन दिया और प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पास कर दिया गया। मुख्यमंत्री ने इस बहस का जवाब देते हुए सदस्यों को कहा कि वह सदन के सदस्यों को भरोसा दिलाते हैं कि वह इस जांच के कार्य को समयबद्ध करेंगे और इस जांच को सिरे चढ़ाने के दोषियों को मिसाली सज़ाएं दी जाएंगी। मुख्यमंत्री ने सदन में बोलते हुए इस बात पर हैरानी प्रकट की कि जिस अवसर पर राज्य में बरगाड़ी व कोटकपूरा में गोलियां चलाई गईं उस समय राज्य में कई अन्य स्थानों पर भी ऐसे धरने चल रहे थे। लेकिन शांतिपूर्वक तरीके से गुरबाणी का जाप करने वाले सिखों पर ही क्यों गोली चलाई गई। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल की यह पुरानी आदत है कि कोई कार्य करने के बाद जिम्मेवारी निचले अधिकारियों के पर डाल दी जाए। मुख्यमंत्री ने कहा मैं चुनावों से पहले राज्य के लोगों को यह दावा किया था कि हम सत्ता में आने के बाद धार्मिक पुस्तकों की बेअदबी के इन मामलों में निष्पक्ष और अच्छी तरह से जांच करवाएंगे और मैं बरगाड़ी और बहबल कलां आदि में स्वयं गया था और शहीद हुए नौजवानों और घायलों के परिवारों को भी मिल कर आया हूं। कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने स. बादल को एक बुझदिल और झूठा इंसान बताया और इंसान बताया और कहा कि जिन्होंने स. बादल द्वारा राज्य का नुक्सान किया गया है इतना शायद किसी अन्य राजनीतिज्ञ द्वारा नहीं किया गया।
उन्होंने स. बादल को आप्रेशन ब्लू स्टार के लिए भी जिम्मेवार ठहराया और कहा कि जब किसी भी केन्द्र से कोई समझौता पूरा होने वाला था तो स. बादल ने हमेशा उसको साबोताज किया। उन्होंने यह भी कहा कि स. बिक्रम सिंह मजीठिया में मजीठिया परिवार वाला कोई गुण या किरदार दिखाई ही नहीं देता। कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि स. बादल और स. सुखबीर सिंह बादल में से कोई भी बरगाड़ी या बहबल कलां वास्तव हालात का पता लगाने के लिए नहीं गये। जबकि श्री राहुल गांधी दिल्ली से चल कर बरगाड़ी और बहबल कलां में शहीदों के परिवारों और घायलों आदि को मिलने गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि जस्टिस रणजीत सिंह द्वारा किए गए कार्य की प्रशंसा की जानी चाहिए जिन्होंने बहुत थोड़े समय में काफी मेहनत करके रिपोर्ट को तैयार किया व ज्यादा से ज्यादा पक्षों को जांच के घेरे में लाया। उन्होंने कहा कि पूर्व डी.जी.पी. सुमेध सैणी द्वारा अपनी सेवामुक्ति से एक दिन पहले यह बयान भेजा गया कि उनकी घटना वाली रात 2 बजे मुख्यमंत्री से टैलीफोन पर बात हुई। उन्होंने कहा कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब की अपमानित जैसे मुद्दे पर पूर्व सरकार द्वारा जांच सम्बंधी पूरी लापरवाही दिखाई गई। इससे पहले सदन में हुई बहस दौरान बोलते हुए कैप्टन मंत्री तृप्त रजिन्द्र सिंह बाजवा ने कहा कि जिस तरह लोग जलियांवाला बाग के गोली कांड को नहीं भुल सके उसी तरह लोग बरगाड़ी और बहबल कलां को भी कभी भूलेंगे नहीं। उन्होंने कहा वह ऐसी धमकियों की परवाह नहीं करते व श्री सुमेध सैणी को गिरफ्तार करके कौन लाएगा। उन्होंने कहा कि जिसने डी.जी.पी. की कुर्सी पर बैठना है उसको सैणी को भी पकड़ कर लाना पड़ेगा। उन्होंने सदन में घोषणा की कि सैणी को पकड़ने की जिम्मेवारी मुझे दो और यदि मैं पकड़ कर न लाया तो वज़ीरी छोड़ दूंगा। उन्होंने सदन में बोलते हुए कैप्टन अमरेन्द्र सिंह को कहा कि जैसे आप ने दरियाई पानी के मुद्दे पर इतिहास रचा था आज इन्साफ देने के लिए भी नया इतिहास रच दो। सदन में बोलने वाले सभी प्रवक्ताओं ने पार्टी सीमाओं से उठ कर एक आवाज़ की मांग की कि बहबल कलां, कोटकपूरा और बरगाड़ी की घटनाओं सम्बंधी सी.बी.आई. को भेजा गया केस वापिस लिया जाए। विरोधी पक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा ने तो यह भी कहा कि यदि कैप्टन सरकार यह केसों की जांच सी.बी.आई. पर ही छोड़ देती है तो इससे कैप्टन सरकार की मंशा साफ हो जाएगी और वह आरोपियों को बरी करवाना चाहती है, क्योंकि केन्द्र में मोदी सरकार में अकाली सांझेदारी है और वह वही सब कुछ करवाने की समर्था रखते हैं। उन्होंने आरोपियों के पासपोर्ट तुरन्त जब्त किए जाने की मांग की ताकि आरोपी देश से भागने में कामयाब न हो सकें। कैबिनेट मंत्री सुखजिन्द्र सिंह रंधावा ने बहस में हिस्सा लेते हुए कहा कि अकालियों द्वारा ज़ोरा सिंह आयोग बनाया गया लेकिन न उसकी रिपोर्ट प्राप्त की गई न उसको सदन में पेश किया और न ही उस पर कोई कार्रवाई की गई। उन्होंने कहा कि कोटकपूरे की घटना में पुलिस के रिकार्ड अनुसार केवल एक पुलिस कर्मचारी पकड़े हुआ है लेकिन पुलिस द्वारा गोलियों से 2 नौजवानों को शहीद करने के अतिरिक्त दर्जनों को घायल किया। कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने मुख्यमंत्री को कहा कि आज हमें पंजाब के लोगों को बताना पड़ेगा कि यह सरकार लोगों की है कि मसंदों की। उन्होंने कहा कि अकालियों में सत्य सुनने की शक्ति भी नहीं रही इसीलिए वह सदन से भाग गए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री को कहा कि समूचा सिख जगत आज आपकी ओर देख रहा है कि आप आरोपियों को सज़ा देते हो या नहीं। उन्होंने सी.बी.आई. को केन्द्र की कठपुतली बताया। आम आदमी पार्टी के एच.एस. फूलका के सदन के लाबी में अकालियों द्वारा चलाए गए अपने बराबर सत्र का मुद्दा उठाते हुए इसको सदन की मर्यादा का मामला करार दिया। कांग्रेस के सदस्य कुलजीत सिंह नागरा ने सदन में उठ कर मुख्यमंत्री से मांग की कि आज फास्टवेय द्वारा सदन की लाईव कार्रवाई कई स्थानों पर रोकी गई है इसलिए उक्त चैनल के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए।
धर्म ग्रंथों की बेअदबी पर उम्रकैद की सज़ा का विधेयक पारित
पंजाब विधानसभा ने आज सर्वसम्मति से भारतीय दंड़ संहिता (आईपीसी) और आपराधिक प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) में बदलाव कर धार्मिक ग्रंथों की बेअदबी को उम्रकैद की सज़ा के साथ दंडनीय बनाने का प्रस्ताव पारित किया। लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) मंत्री विजय इंदर सिंगला द्वारा पेश भारतीय दंड संहिता (पंजाब संशोधन) विधेयक, 2018 और आपराधिक प्रक्रिया संहिता (पंजाब संशोधन) विधेयक, 2018 को पंजाब विधानसभा ने पारित किया। सदन में विधेयक पर बहस के दौरान आप के विधायक अमन अरोड़ा ने मांग की कि विधेयक में एक संशोधन के जरिये मामले की सुनवाई को छह माह के भीतर पूरा करने को अनिवार्य बनाया जाए। अकाली दल के वरिष्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि उनकी पार्टी विधेयक का समर्थन करती है।
रंधावा के नेतृत्व में समिति करेगी सुखबीर के आरोपों की जांच
पंजाब विधानसभा अध्यक्ष राणा कंवरपाल सिंह ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के अनुरोध पर कैबिनेट मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा के नेतृत्व में एक समिति आज बनाई जो मुख्यमंत्री और सिख धर्मगुरु बलजीत सिंह दादूवाल के बीच गुप्त बैठक के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल के आरोपों की जांच करेगी।
शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के एक विधायक के मुद्दा उठाने पर मुख्यमंत्री ने श्री बादल पर सदन को गलत जानकारी देकर गुमराह करने का आरोप लगाया1 उन्होंने कहा कि श्री बादल के दिये दो टॉवर लोकेशन का अस्तित्व ही नहीं है। कैप्टन ने दावा किया कि वह तो दादूवाल को ठीक से पहचानते तक नहीं।
उन्होंने कहा कि सदन की समिति की जांच में श्री बादल के झूठ का पर्दाफाश हो जायेगा और सच सामने आ जायेगा। उन्होंने यह भी कहा कि उनका सरकारी आवास सीसीटीवी निगरानी में है और श्री बादल चाहें तो फुटेज लेकर देखें।