बुलेट ट्रेन के लिए ज़मीन देने वालों को मिलेगा 5 गुना मुआवज़ा

पालघर, 1 सितम्बर (वार्ता) : देश में परिवहन क्षेत्र में गेम चेंजर मानी जा रही मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड ट्रेन परियोजना के लिए पांच गुना तक मुआवज़ा दिया जाएगा। इस परियोजना को क्रियान्वित कर रहे राष्ट्रीय हाई स्पीड रेल निगम लिमिटेड के प्रबंध निदेशक अचल खरे ने महाराष्ट्र के पालघर ज़िले के सुदूर आदिवासी बहुल गांव विराथन खुर्द में एक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का उद्घाटन करने के बाद राष्ट्रीय मीडिया के प्रतिनिधियों से कहा कि बुलेट ट्रेन परियोजना के लिए जिन लोगों की ज़मीन का अधिग्रहण किया जाएगा, उनको कानून के अनुसार ज़मीन के बाज़ार मूल्य का चार गुना मुआवज़ा तो दिया ही जाएगा बल्कि जो स्वेच्छा से निगम को लिख कर ज़मीन देने की खुद पेशकश करेंगे, उन्हें 25 प्रतिशत तक अतिरिक्त राशि भी मुआवजे के रूप में दी जाएगी। जिनके मकान जाएंगे, उनको मकान के मूल्य की दोगुनी राशि, 50 हज़ार रुपए परिवहन और 50 हज़ार रुपए पुनर्वास राशि तथा एक साल का मकान किराया दिया जाएगा। खरे ने बताया कि जिन लोगों के नाम ज़मीन नहीं है और अगर वे खेती करते हैं तो भी उन्हें मुआवज़ा मिलेगा। खरे ने कहा कि परियोजना ज़मीन से 15 मीटर ऊंचे स्तंभों पर बनेगी, इसलिए केवल 17.5 मीटर यानी 60 फुट ज़मीन ली जाएगी। परियोजना बन जाने पर 25 प्रतिशत वापस मिल जाएगी। उनको स्तंभों के बीच ज़मीन के उपयोग की इजाज़त होगी। लाइन के साथ ही पूरे 508 किलोमीटर की लंबाई वाली चार मीटर चौड़ी सड़क बनाई जाएगी। उन्होंने बताया कि पालघर ज़िले में चार तालुका-पालघर, वसई, डहानू और तलासरी के कुल 73 गांव बुलेट ट्रेन के 110 किलोमीटर लंबे मार्ग में आएंगे। इनमें से 29 गांवों में संयुक्त सर्वेक्षण किया जा चुका है। उन्होंने विश्वास जताया कि बुलेट ट्रेन परियोजना को लेकर स्थानीय लोगों का भरोसा जीतने में कामयाबी मिलेगी। उन्होंने कहा कि पर्यावरण का भी पूरा ख्याल रखा जाएगा। नई अत्याधुनिक तकनीक से पेड़ों को जड़ सहित निकाल कर अन्यत्र लगाया जाएगा। इस मौके पर दहानू के महापौर भरत सिंह राजपूत और विराथन खुर्द की सरपंच राजश्री किनी भी मौजूद थीं।