जकार्ता के एशियन खेल गांव में खिलाड़ियों की रसोई में रोज़ाना 142 प्रकार के पकवान होते थे तैयार

जकार्ता, 2 सितम्बर (जतिंदर साबी): 18वीं एशियन खेलें जोकि जकार्ता में 18 अगस्त से 2 सितम्बर तक करवाई गईं और इसमें भाग लेने आए खिलाड़ियों व अधिकारियों के लिए जकार्ता में बने खेल गांव में जो रसोई बनी थी वह लगातार 24 घंटे चलती थी और इसे 6200 स्कवेयर मीटर में बनाया था और इसमें एक ही समय 3500 लोग खाना खा सकते थे और इस रसोई में वैस्ट, मिडल ईस्ट, साऊथ ईस्ट व वैस्ट एशिया के लोगों का हर प्रकार का स्वादिष्ट भोजन तैयार किया जाता था और इस रसोई में 500 कुक काम करते थे और अलग-अलग शिफ्टों में भोजन तैयार करते थे और एक खिलाड़ी के भोजन पर एक दिन का इंडोनेशिया का 250,000 रुपए खर्च आता था। इसके प्रोजैक्ट मैनेजर ने बताया कि 24 व 25 अगस्त को इस रसोई पर पूरा लोड था और 10 हज़ार के करीब खिलाड़ियों ने इस दिन खाना खाया और इस रसोई में 142 प्रकार के भोजन तैयार किए जाते थे और रोज़ाना 900 किलो चावल व 2 टन मीट रोज़ाना तैयार किया जाता था और इस टन फ्रूट व अन्य फ्रूट अलग तौर पर परोसे जाते थे और ड्राई फ्रूट अलग तौर पर दिए जाते थे। इस रसोई में काम तीन शिफ्टों में चलता था और पहले शिफ्ट सुबह 3 बजे शुरू हो जाती थी और रात्रि तक इसमें बदलाव किया जाता था और इस रसोई में भोजन को खिलाड़ियों को परोसने से पहले इसकी पूरी तरह से जांच की जाती थी और सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता था और इसके बाद इसे बांटने की इजाज़त दी जाती थी।