बेदअबी मामले के दोषियों के खिलाफ कार्रवाई न हुई तो होगा रोष मार्च : खैहरा

मोगा, 2 सितम्बर (सुरिन्दरपाल सिंह/गुरतेज सिंह)-पंजाब विधान सभा में विरोधी पक्ष के पूर्व नेता और आप पार्टी दिल्ली हाईकमान से नाराज़ हो कर राज्य में राजनैतिक सरगर्मियां कर रहे सुखपाल सिंह खैहरा के नेतृत्व में आज नई दाना मंडी मोगा में विशाल कन्वैन्शन की गई जिस में आप पार्टी के छह विधायकों सहित ज़िले के नेताओं और बड़ी संख्या में लोगों ने शिरकत की। कन्वैन्शन को संबोधित करते सुखपाल सिंह खैहरा ने कहा कि पूर्व मुय मंत्री प्रकाश सिंह बादल और उप मुख्य मंत्री सुखबीर सिंह बादल की तरफ से निभाई भूमिका को जस्टिस रणजीत सिंह कमीशन की रिपोर्ट ने नंगा किया है। उन्होंने कहा कि जस्टिस रणजीत सिंह कमीशन की जांच रिपोर्ट पर बहस दौरान विधान सभा में सरकार के मंत्रियों और विधायकों ने मुख्य मंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह से माँग की थी कि जांच रिपोर्ट के आधार पर तुरंत कार्यवाही की जाए परन्तु मुख्यमंत्री की तरफ से पार्टी के विधायकों की कद्र नहीं की गई और बादलों को बचाने के लिए मामले को लटकाया जा रहा है क्योंकि कांग्रेस और शिरोमणि अकाली दल की मिली-भुगत है। उन्होंने कहा कि सी.बी.आई. से केस वापिस लेना मुश्किल है परन्तु विधान सभा पंजाब की सुप्रीम बाडी  है तो वह विधान सभा में अध्यादेश दे कर यह केस सी.बी.आई. से वापिस ले सकती है। उन्होंने कहा कि वह और उन के साथियों ने पार्टी को मज़बूत करने का बीड़ा उठाया है। पार्टी किसी एक व्यक्ति की विशेष नहीं है। उन्होंने कहा कि हम कैप्टन सरकार को 40 दिनों का नोटिस दिया है कि यदि जस्टिस रणजीत सिंह कमीशन की तरफ से नामज़द किए पूर्व मुख्य मंत्री प्रकाश सिंह बादल, पूर्व उप मुख्य मंत्री सुखबीर सिंह बादल और पूर्व डी.जी.पी. सुमेध सैनी खिलाफ ठोस कार्यवाही न की तो वह पंजाब में रोष मार्च करेंगे और रोष मार्च संबंधित सभी पंथक धड़ों समेत कांग्रेस पार्टी को भी न्यौता देंगे। उन्होंने कहा कि वह एक सप्ताह में पंथक धड़ों, किसान संगठनों और संगतों के साथ इस सम्बन्धित बातचीत करेंगे। उन्होंने कहा कि 2022 की विधान सभा मतदान उन की पार्टी जीतेगी और पंजाब में भ्रष्टाचार मुक्त और जवाबदेह शासन दिया जाएगा। इस मौके विधायक कंवर सिंह संधू ने कहा कि विधान सभा में विरोधी पक्ष के नेता के तौर पर सुखपाल सिंह खैहरा की भूमिका बाकमाल रही है और उन्होंने विरोधी पक्ष के नेता के तौर पर होते पंजाब के अहम मसले उठाए परन्तु उन को दिल्ली हाईकमान की तरफ से उस समय विरोधी पक्ष के पद से हटाया गया जब पंजाब में विधान सभा का सैशन चलना था और उसी सैशन में जस्टिस रणजीत सिंह कमीशन की रिपोर्ट भी पेश की जानी थी और अन्य भी कई अहम मुद्दे थे जिन की तरफ खैहरा ने अपनी अहम भूमिका निभानी थी। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी की दिल्ली हाईकमान ने पंजाब के नेताओं को कोई भी फैसला लेने लगे भरोसे में नहीं लिया जिस कारण आज पार्टी में मतभेद उभरे हैं। इस मौके कन्वैन्शन को अन्य के अलावा विधायक जगतार सिंह जग्गा ईसोवाल, विधायक जे सिंह रोड़ी, विधायक पिरमल सिंह खालसा, विधायक जगदेव सिंह कमालू, विधायक नाज़र सिंह मानशाहिया, जगदीप बराड़ जैमल वाला, दलजीत सिंह सदरपुरा प्रधान पंजाब सैल किसान पार्टी, गुरप्रताप सिंह खुशहालपुर पी.ए.सी. मैंबर, कुलबीर सिंह संधू कैनेडा और नवजोत कौर लंबी ने भी संबोधित किया। कनवैन्शन दौरान स्टेज का संचालन जगदीप बराड़ जैमल वाला ने किया। इस मौके अन्य के अलावा जगजीत सिंह कौशल, डा. कुलदीप सिंह पूर्व प्रधान, गुरबख्श सिंह, सिमरजीत सिंह संधू, दविन्दर सिंह महरों, हरप्रीत सिंह समाधि भाई, बूटा सिंह एडवोकेट, गुरप्रीत सिंह एडवोकेट, मनदीप सिंह लवली, बाबू सिंह भिंडर, दलजीत सिंह रवि लंढेके, बलविन्दर घोलियां, जगदेव सिंह, गरीब सिंह संधू, दलजीत सिंह जहाँगीर, गुरचरन सिंह, शेर सिंह, सतनाम सिंह समेत बड़ी संख्या में पार्टी के अधिकारी, वर्कर और लोग उपस्थित थे।