अच्छा होता है कभी-कभी बुरी मां बनना 

बच्चे को जन्म देने के बाद हर मां का सपना होता है कि वह अच्छी मां साबित हो, इसलिए वह अपने बच्चे की ज़रूरत और खुशी के लिए वह सब काम करती है, जिससे उसका अच्छी मां बनने का सपना पूरा होता है। क्या आपने सोचा है कि कभी-कभी बुरी मां बनना भी अच्छा होता है। जी हां, यह बिल्कुल सच है कि बच्चों की अच्छी परवरिश के लिए और उनको गलत रास्ते पर जाने से रोकने के लिए कभी-कभी बुरी मां बनना भी बहुत ही अच्छा होता है।अक्सर ही देखने में आता है कि मां के ज्यादा प्यार करने और उनकी हर इच्छा पूरी करने पर बच्चे बिगड़ जाते हैं। वह हर बात पर ही जिद्दी हो जाते हैं। ऐसे समय में मां को अपने बच्चे पर सख्ती बरतनी चाहिए। गलत काम करने पर उनको रोकना चाहिए। कुछ बच्चे स्कूल से आकर सारा दिन खेलने में बिता देते हैं, जिससे उनको होमवर्क करवाना माता-पिता के लिए सिरदर्दी बन जाता है। इसलिए जब किसी बच्चे को खेलने से रोका जाता है और उनको काम करवाने के लिए कहा जाता है तो तब उस समय वह मां यानि अपनी मम्मी बच्चे को बहुत बुरी लगती है। स्कूल में भी जब कोई आपके बच्चे की शिकायत करता है तो बहस करने से ज्यादा अपने बच्चे को समझने का प्रयास करो। मां को भी चाहिए कि बच्चे को होमवर्क करवाने का समय शाम का और रात को करवाए। अगर कुछ याद करवाना हो तो सुबह को याद करवाए, क्योंकि बच्चे का दिमाग फ्रैश होता है। ऐसा करने से प्रश्न जल्दी याद होते हैं। इसलिए बच्चे के अच्छे भविष्य के लिए बुरी मां बनना बहुत ज़रूरी है।
एक मां ही होती है, जो हमें सही-गलत का राह बताती है। यदि बच्चा गलत रास्ते पर जाता है तो वह उससे गुस्सा भी होती है। उसका अधिकार होता है बच्चे को सही राह पर लेकर आना। मां का गुस्सा एक-दो पल का होता है, लेकिन प्यार पूरी ज़िंदगी हमारे साथ रहता है। इसीलिए तो जब हम बड़े होते हैं और माता-पिता का रूप धारण करते हैं तो वहीं बातें हमें अपने बच्चों को भी सिखाते हैं। मां की डांट चाहे हमें उस समय जितना अधिक दुखी करती है, उतना ही बाद में सुख भी प्रदान करती है। इसीलिए कभी-कभी मां का क्रोधित होना और बुरी मां बनना बच्चों के लिए और उनकी ज़िंदगी के लिए, भविष्य के लिए बहुत ही सुखदायी होता है।बच्चे को अगर झूठ बोलने, चोरी करने की आदत पड़ गई है तो इन आदतों को छोड़ने के लिए सख्ती बरतनी ज़रूरी है। बच्चों की इन गंदी आदतों को छुड़ाने के लिए पहले उसको प्यार से समझाएं, फिर बाद में सख्ती से समझाएं। यह बच्चों की परवरिश के लिए बहुत ज़रूरी है।

—जगमोहन सिंह लक्की