बराड़ द्वारा ‘मुक्ति यात्रा’ की शुरूआत 

श्री मुक्तसर साहिब, 5 सितम्बर (रणजीत सिंह ढिल्लाें, विक्की कुमार) : पंजाब के वर्तमान हालातों के मद्देनज़र पूर्व सांसद जगमीत सिंह बराड़ द्वारा पंजाबियत को समर्पित मुक्ति यात्रा का शुभ आरंभ गुरुद्वारा श्री टिब्बी साहिब श्री मुक्तसर साहिब से किया गया। मालवा क्षेत्र में पहले पड़ाव के रूप में शुरू की गई यह यात्रा 6 सितम्बर को श्री दमदमा साहिब बठिंडा जाकर समाप्त होगी। इस दौरान पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए पूर्व सांसद जगमीत सिंह बराड़ ने कहा कि इस मुक्ति यात्रा का मुख्य उद्देश्य पंजाब के मौजूदा हालातों को देखते हुए नशा, खेतीबाड़ी संकट, प्रदूषण, शिक्षा स्वास्थ्य व पंजाब की आर्थिकता को सुधारने की तरफ ध्यान देना है, क्योंकि ये वे मुद्दे हैं, जिन पर लोगों को हर तरह की सियासी व धार्मिक गुटबाजी से ऊपर उठते हुए एकजुट होकर काम करने की ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि इस समय पंजाब के समस्त पंजाबियों के समक्ष बड़ी चुनौतियां है। जिसको खत्म करने के लिए सभी राजनीतिक पार्टियों को एकजुट होकर बिना किसी राजनीतिक फायदे से आगे आना चाहिए। मालवा यात्रा की सफलता के बाद श्री करतारपुर साहिब का रास्ता खुलवाने के लिए दोआबा क्षेत्र में डेरा बाबा नानक तक यात्रा निकाली जाएगी। जबकि तीसरे पड़ाव में माझा क्षेत्र में यह यात्रा निकाली जाएगी।  बेअदबी मामले में जस्टिस रणजीत सिंह द्वारा पेश की गई रिपोर्ट सम्बंधी उन्हाेंने कहा कि हालांकि उन्होंने इस रिपोर्ट को नहीं पढ़ा है, लेकिन इस मामले में राजनीति का सहारा लेते हुए श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी का अपमान करते हुए ज़िम्मेवार आरोपियों को सज़ा ज़रूर मिलनी चाहिए। उन्होंने कहा कि राजनीति पार्टियों को अपने चुनाव र्मेनीफेस्टो बनाने की जगह पर लोग मुद्दों को उठाना चाहिए।
कांग्रेस में ही वापसी करना चाहते हैं बराड़
प्रैस कांफ्रैस दौरान पूर्व सांसद जगमीत सिंह बराड़ ने कहा कि यदि उनको कांग्रेस पार्टी द्वारा आह्वान मिलता है, तो वह पार्टी में वापिस जाने के लिए विचार कर सकते है। लेकिन वह लोग मुद्दों के हल के लिए काम करते रहेंगे, चाहे वह पार्टी में वापिस भी चले जाते है। इस समय पूर्व विधायक रिपजीत सिंह बराड़, पूर्व विधायक सुखदर्शन सिंह मराड़, राज सिंह, भूपिंदर सिंह पप्पू, शमिंदरजीत सिंह बांम, सुखवंत सिंह चहल, गुरसेवक सिंह रोड़ावाला, साधू  सिंह सेखों, बलजीत सिंह पीए, जरनैल सिंह बांम, हेप्पी खेड़ा आदि उपस्थित थे।