भारत बंद का मिला-जुला असर

नई दिल्ली, 10 सितम्बर (भाषा) कांग्रेस नीत विपक्ष के आह्वान पर आयोजित ‘भारत बंद’ के दौरान सोमवार को कई राज्यों में जनजीवन प्रभावित हुआ, जहां कार्यालय एवं शैक्षणिक संस्थान बंद रहे तथा सड़कों से वाहन नदारद रहे। हिंसा की कुछ घटनाओं को छोड़कर ‘भारत बंद’ कुल मिलाकर शांतिपूर्ण रहा। बिहार के जहानाबाद में दो साल की बच्ची की मौत हो गई और भाजपा का आरोप है कि बच्ची की मौत उसे अस्पताल ले जाने के लिए वाहन मिलने में हुई देरी के कारण हुई। ओडिशा में ट्रेन सेवाएं बाधित हुईं। बंद का आह्वान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में 21 विपक्षी दलों ने किया। इसकी शुरुआत दिल्ली में राजघाट से हुई जहां राहुल गांधी ने बापू की समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित की और कैलाश मानसरोवर झील से लाया गया पवित्र जल और वहां का पत्थर चढ़ाया। केरल, कर्नाटक, बिहार, ओडिशा और अरुणाचल प्रदेश जैसे राज्यों में बंद के कारण जनजीवन प्रभावित हुआ लेकिन उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और मिजोरम कुल मिलाकर अप्रभावित रहे।  कांग्रेस द्वारा आहूत ‘भारत बंद’ के तहत आयोजित विरोध प्रदर्शन में ज्यादातर विपक्षी पार्टियों के नेता एक मंच पर आए। कांग्रेस का कहना है कि 16 दलों के नेताओं ने मंच साझा किया, लेकिन पांच-छह अन्य पार्टियां भी अपने स्तर से ‘भारत बंद’ में शामिल हैं। विरोध प्रदर्शन में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की प्रमुख सोनिया गांधी, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, राकांपा प्रमुख शरद पवार और कई अन्य दलों के नेता शामिल हुए।  कैलाश मानसरोवर यात्रा से कल रात लौटे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और कई अन्य विपक्षी नेताओं ने राजघाट से रामलीला मैदान तक मार्च भी किया। राहुल गांधी ने पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों और राफेल मामले को लेकर सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोला और कहा कि 2019 में विपक्षी दल मिलकर भाजपा को हराएंगे। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने पिछले साढ़े चार वर्षों में भारत के लोगों को आपस में लड़ाने का काम किया है। गांधी ने कहा,‘‘2014 में नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने से पहले महिलाओं की सुरक्षा, किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था । जनता ने भरोसा कर उनकी सरकार बनवायी । अब लोगों को साफ़ एहसास हो गया है कि उन्होंने साढ़े चार साल में क्या किया। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा,‘‘मोदी जी सही कहते हैं कि जो उन्होंने साढ़े चार साल में वह किया जो 70 साल में नहीं हुआ । अब लोगों को पता चल गया है कि उन्होंने साढ़े चार साल में हिंदुस्तानियों को आपस में लड़वाया। एक राज्य को दूसरे राज्य से लड़वाया। जातियों को लड़वाया। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने नरेंद्र मोदी सरकार पर वादों को पूरा करने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए सभी विपक्षी दलों का‘देश की एकता, अखंडता और लोकतंत्र को बचाने के लिए एकजुट होने का आह्वान किया ।’  उन्होंने कहा,‘‘अब इस बात की ज़रूरत है कि सभी राजनीतिक दल अपने पुराने सिलसिलों को पीछे छोड़कर एकजुट हों । भारत की जनता की पुकार सुनें। यह तभी संभव है जब हम छोटे-छोटे मुद्दों को छोड़कर आगे बढ़ेंगे। प्रदर्शन में शामिल राकांपा प्रमुख शरद पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा और कहा कि यह कहना देश का अपमान है कि गत 70 साल में कुछ नहीं हुआ। उन्होंने यह भी कहा कि आगामी लोकसभा चुनाव में इस ‘जनविरोधी सरकार’ को सभी विपक्षी दल मिलकर हटाएंगे।
भाजपा ने बंद को जनता के बीच अफवाह और भ्रम फैलाने का प्रयास करार दिया और कहा कि जनता विपक्षी दल द्वारा फुलाए गए ‘‘महागठबंधन के गुब्बारे की हवा निकाल’’ देगी।  नई दिल्ली में, बंद के बावजूद कार्यालय, स्कूल और कॉलेज अपने नियमित समय पर ही खुले। प्रदर्शन के कारण दरियागंज और रामलीला मैदान के आस पास यातायात बाधित हुआ। महाराष्ट्र में कई भागों में बंद समर्थकों ने बसों को निशाना बनाया और ट्रेन यातायात बाधित किया गया। ओडिशा में कांग्रेस कार्यकर्ताओं द्वारा बंद लागू करने के लिए रेल की पटरियों पर अवरोध पैदा किया गया, जिससे कई स्थानों पर ट्रेन सेवाएं बाधित हुईं। कम से कम दस ट्रेनें रद्द की गई हैं। भुवनेश्वर में, कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सड़क मार्ग जाम कर दिया जिससे राष्ट्रीय राजमार्ग पर वाहनों का आवागमन बाधित हुआ। कर्नाटक में भारत बंद से जनजीवन प्रभावित हुआ। बेंगलुरू की सड़कें सुनसान रहीं और सरकारी बसें, निजी टैक्सी और ज्यादातर आटो रिक्शा सड़कों से दूर रहे। कारोबारी प्रतिष्ठान, दुकानें, मॉल, कुछ निजी कंपनियां बंद रहीं। मेंगलुरू में खुली रहीं दुकानों और होटलों पर पथराव की खबरें हैं। झारखंड में, बंद जबरन लागू करने का प्रयास करने पर कांग्रेस के 58 कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में लिया। पश्चिम बंगाल में लगभग सभी दुकानें, कालेज और कार्यालय खुले रहे और परीक्षाएं भी तय कार्यक्रम के अनुसार आयोजित हुईं। बिहार में आगजनी, तोड़फोड़ और सड़क एवं रेल यातायात को अवरुद्ध करने की घटनाएं हुईं। पुराने पटना शहर में बंद समर्थकों ने तोड़फोड़ की जहां उन्होंने पटरियों पर टायर जलाकर ट्रेनों का आवागमन बाधित किया।  ‘भारत बंद’ का गुजरात में मिला-जुला असर रहा। कांग्रेस ने बंद को सफल बताया जबकि पुलिस ने दावा किया कि इसका कोई खास असर नहीं रहा। अरुणाचल प्रदेश में बंद की वजह से जनजीवन प्रभावित हुआ। राज्य में सभी दुकानें, बैंक समेत कारोबारी प्रतिष्ठान और शिक्षण संस्थान बंद रहे तथा निजी गाड़ियां सड़कों से नदारद रहे। राज्य की राजधानी में करीब सौ कांग्रेस कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गय है। उत्तर प्रदेश में बंद का ज्यादा असर देखने को नहीं मिला और ज्यादातर दुकानें और कारोबारी प्रतिष्ठान खुले रहे।