पी.ए.पी. में 689 महिला रिक्रूट ने  हासिल किया प्राथमिक प्रशिक्षण 


पवन खरबंदा
जालन्धर छावनी, 11 सितम्बर : पंजाब आर्म्ड  पुलिस (पी.ए.पी.) प्रशिक्षण केन्द्र में आज बैच नम्बर 171 की महिला सिपाहियों की पासिंग आऊट परेड हुई, जिसमें विभिन्न ज़िलों की कुल 689 महिला रिक्रूट अपना प्राथमिक प्रशिक्षण हासिल करने के पश्चात् पास आऊट हुईं। इन महिला सिपाहियों को प्राथमिक, आऊटडोर व इन्डोर विषयों में प्रशिक्षण दिया गया। इस पासिंग आऊट परेड में मुख्य मेहमान के रूप में एच.एस. ढिल्लों डीजीपी (कानून व्यवस्था) पंजाब विशेष तौर पर पहुंचे जिन्होंने पासिंग आऊट परेड से सलामी ली और परेड का निरीक्षण किया। मुख्य मेहमान एच.एस. ढिल्लों ने अपने सम्बोधन में पास  होने वाली महिला सिपाहियों को बधाई देते हुए अच्छे पुलिस अधिकारी बनने की नसीहत दी। उन्होंने महिला सिपाहियों को बताया कि अनुशासन विभाग की नींव है और अनुशासन ही एक संस्था को आगे लेकर जाता है। उन्होंने मेहनत, लगन व बढ़िया तरीके से ड्यूटी करने की प्रेरणा भी दी। समागम के दौरान मुख्य मेहमान द्वारा बढ़िया कारगुजारी करने वाली महिला सिपाहियों को इनाम देकर सम्मानित भी किया गया। इस दौरान बैच नम्बर 171 में से महिला सिपाही मनजीत कौर (मुक्तसर साहिब) को आल राऊंड पहला, रेखा रानी होशियारपुर को आल राऊंड दूसरा व पहला इन्डोर, रिम्पी (एस.बी.एस. नगर) को बैस्ट इन शूटिंग व हरमनप्रीत कौर को बैस्ट इन ड्रिल घोषित किया गया और इन्हें डी.जी.पी. डिस्क से भी सम्मानित किया गया। इस अवसर पर उपस्थित कुलदीप सिंह अतिरिक्त डीजीपी ने भी अपने सम्बोधन में महिला सिपाहियों को बधाई देते हुए उन्हें अपनी ड्यूटी पूरी ईमानदारी से करने के लिए प्रेरित किया। इस अवसर पर अन्यों के अलावा पुलिस अधिकारी नौनिहाल सिंह, अनिता पुंज, तजिंदरपाल सिंह, जसकरन सिंह, पुलिस कमिश्नर पी.के. सिन्हा, डा. एस.के. कालिया, एस.एस.पी. (ग्रामीण) नवजोत सिंह माहल, कमांडैंट पवन कुमार उप्पल व पी.ए.पी. की विभिन्न बटालियनों के कमांडैंट व अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे। पासिंग आऊट परेड के पश्चात् बैंड स्टाफ, बैंड डिस्प्ले व महिला रिक्रूटों द्वारा हथियार हैंडलिंग शो, पी.टी. व लुड्डी शो भी पेश किया गया, जोकि आकर्षण का केन्द्र बना रहा।
पी.ए.पी. में पहली बार महिला सिपाहियों की हुई ट्रेनिंग समागम के दौरान पी.ए.पी. के प्रवक्ता ने अपने सम्बोधन में बताया कि पी.ए.पी. के लिए यह अति गर्व वाले इस स्थान पर पहली बार महिला सिपाहियों की ट्रेनिंग हुई है, जबकि यह ट्रेनिंग पहले फिल्लौर में करवाई जाती थी और इसके साथ ही उन्होंने बताया कि आज़ादी से लेकर अब तक 171 बैच पास आऊट हो चुके हैं और जिनमें 33 हज़ार से अधिक जवानों को ट्रेनिंग दी गई है। उन्होंने बताया कि यह बैच 1947 से चल रहे हैं और इसे वर्ष 1991 में मान्यता मिली थी।