कैप्टन ने सारागढ़ी के शहीदों को दी श्रद्धांजलि

फिरोज़पुर, 12 सितम्बर (अ.स.) : सारागढ़ी जंग की 121वीं वर्षगांठ के मौके पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्द्र सिंह ने एतिहासिक जंग में भाग लेने वाले सेना के जवानों को श्रद्धापूर्वक श्रद्धांजलि भेट की और आने वाले वर्ष से पहले अति आधुनिक सारागढी यादगार बनाने का भरोसा दिया। सारागढ़ी गुरुद्वारा में नतमस्तक होने के पश्चात् राज्य स्तरीय शहीदी समारोह के मौके मुख्यमंत्री ने उन महान शहीदों को श्रद्धांजलि भेंट की जिन्होंनें भारत-पाक जंग दौरान अपनी जाने न्यौछावर की थी। सारागढ़ी गुरुद्वारा कम्पलैक्स में लोगों को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने समाना रिज (अब पाकिस्तान) नज़दीक बहादुरी की मिसाल कायम करते हुए अपनी जान न्यौछावर करने वाले 36 सिख रैजीमेंट के 22 जवानों को याद किया। इन जवानों ने 12 सितम्बर, 1897 में तकरीबन 10 हज़ार अ़फगानों के साथ लड़ते हुए शहीदी पाई थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि नायक लाल सिंह, लांस नायक चंदा सिंह के साथ हवलदार इच्छर सिंह की अगुवाई में सिख रैजीमैंट के जवानों ने मिसाली बहादुरी और नायकों वाली भूमिका निभाते हुए 10 हज़ार अफगानों के साथ अपने अंतिम सांस तक लड़ाई की। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्द्र सिंह ने कहा कि इन शहीदों की याद में अति आधुनिक यादगार के माडल की रूप रेखा को अंतिम रूप दे दिया गया हैं। उन्होंने कहा कि 7वीं इंन्फैंटरी डिवीज़न के मेजर जनरल जे.एस.सिद्धू के नेतृत्व में सारागढ़ी यादगार प्रबंधक कमेटी इस यादगार के समूचे निमार्ण कार्यों को देखेगी। उन्होंनें प्रबंधकीय कमेटी को भरोसा दिलाया कि उनकी सरकार सारागढ़ी शहीदों को बढ़िया ढंग से श्रद्धाजलि भेंट करने के लिए तैयार किए जा रहे हैं। फिरोज़पुर में मुकाबलेंबाजी के इमतिहानों के लिए सारागढी मैमोरीयल इंस्टीच्यूट स्थापित करने के बारे में स्थानीय विधायक परमिन्द्र सिंह पिंकी द्वारा उठाई गई मांग के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार इसका पूरी तरह जायजा लेने के पश्चात् इस संबंधी जरूरी कदम उठाएगी। उन्होंने सारागढी क्लब स्थापित करने की मांग को पूरा करने का भी भरोसा दिलाया। इस अवसर पर अपने स्वागती भाषण में जी.ओ.सी जे.एस.संधू ने सारागढ़ी यादगार को शानमते प्राजैक्ट के रूप में विकसित करने के लिए निजी दिलचस्पी लेने के लिए कैप्टन अमरिन्द्र सिंह का धन्यवाद किया। उन्होंनें कहा कि वह प्राजैक्ट नौजवानों में देश भक्ति व राष्ट्रीय जज्जबे प्रति प्रेरित करेगी। इस से पहले मुख्यमंत्री सारागढी गुरुद्वारे में नतमस्तक हुए, जहां उनको सिरोपाबख्शीश किया गया। मुख्यमंत्री ने सारागढी शहीदों के 11 परिवारिक मैंबरों को सिरोपाव लोई से सम्मानित किया, जिनमें हवलदार इच्छर सिंह के परिजन संतोख सिंह, नायक लाल सिंह के परिजन बलराज सिंह, काबल सिंह व सर्बजीत सिंह, लांस नायक चंदा सिंह के परिजन हरबंस सिंह, सिपाही ऊतम सिंह के परिजन गुरनेक सिंह, सिपाही नरैन सिंह के परिजन महिन्द्र सिंह, भगवान सिंह के परिजन जोगिन्द्र सिंह, सिपाही साहिब सिंह के परिजन बलविन्द्र सिंह, रघुबीर सिंह व जसपाल सिंह शामिल थे। इसके पश्चात् मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्द्र सिंह ने विभिन्न रैजीमैंटों के जवानों द्वारा बहादरी की मिसाल पेश करते हुए शहीद होने वाले 28 सैनिकों के परिवार वालों को सम्मानित किया गया। सम्मानित होने वालों में सिख रैजीमैंट, सिख एलआई, बहादर कौर, पंजाब रैजीमैंट, 16 गार्ड, माहर रैजीमैंट, बी.ई.जी किरकी, आरटिलची (282 मध्य रैजीमैंट), आर्म्ड रैजीमैंट, 8 सिख, 10 सिख, 4 जे.ए.के.आर.आई.एफ (28 आर.आर), 51 फील्ड रैजीमैंट (आरटिलरी), 113 इंजीनियरज़ रैजीमैंट, 13 सिख एल आई, 2 सिख, 21 सिख, 92 फील्ड रेजिमेंट (आरटिलरी), 19 पंजाब और 332 मध्य रैजीमैंट शामिल हैं। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री (खेल व युवक सेवाऐं) राणा गुरमीत सिंह सोढी, विधायक फिरोज़पुर शहरी परमिन्द्र सिंह पिंकी, विधायक जीरा कुलबीर सिंह जीरा, जी.ओ.सी.जे.एस संधू, कमिशनर फिरोज़पुर डवीजन सुमेर सिंह गुर्जर, डिप्टी कमिशनर बलविन्द्र सिंह धालीवाल और एस.एस.पी.प्रीतम सिंह एंव अन्य उपस्थित थे।