ज़िला परिषद् व ब्लाक समितियों के लिए मतदान आज


मेजर सिंह
जालन्धर, 18 सितम्बर : पंजाब में 22 ज़िला परिषदों व 150 पंचायत समितियों के लिए मतदान आज होगा। मतदान सुबह 7 बजे से सायं 4 बजे तक होगा। 22 ज़िला परिषदों के लिए 354 सदस्य व 150 पंचायत समितियों के लिए 1.27 करोड़ से अधिक वोटर अपनी वोट का इस्तेमाल करेंगे। पूरे दशक के बाद राज्य में पंचायती चुनावों में अपना दबदबा कायम करने के लिए सत्ताधारी कांग्रेस ने पूरी तैयारी कर ली है। विभिन्न जगहों से आ रही रिपोर्टों के अनुसार मुख्य तौर पर सत्ताधारी कांग्रेस व अकाली दल के उम्मीदवारों मध्य ही टक्कर है। आम आदमी पार्टी व बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार कुछ ही ज़िलों तक सीमित बताए जा रहे हैं। अकाली दल का बड़ा आरोप है कि सत्ताधारी पार्टी के नेताओं के निर्देश पर प्रशासन ने बहुत से उनके उम्मीदवारों के नामांकन पत्र ही रद्द दिये। बहुत से उम्मीदवारों का नामांकन पत्र रद्द किया जाना या नामांकन वापस लिए जाने के कारण कांग्रेस की भारी जीत के आसार बने हुए हैं। माझा क्षेत्र में खास तौर पर कांग्रेस के उम्मीदवार बड़ी संख्या में बिना मुकाबले विजयी करार दिये जा चुके हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार ज़िला परिषदों के लिए कुल 1439 नामांकन पत्र दाखिल करवाए गए थे। परन्तु इन में लगभग तीसरा भाग 551 उम्मीदवारों के या तो नामांकन रद्द हो गए हैं या वापस ले लिए गए। इस तरह पंचायत समितियों के लिए 10276 नामांकन पत्र दाखिल हुए थे व इन में तीसरे भाग से व्यापारी उम्मीदवारों ने नामांकन वापस लिए या रद्द हो गए। आम तौर पर यही रिवायत चली आ रही है कि पंचायती संस्थाओं पर वहां पार्टी का अधिक कब्ज़ा होता है, जिसका राज्य हो। गत 10 वर्षों से पंचायती संस्थाओं पर आम तौर पर अकाली दल का ही कब्ज़ा रहा।
लोक मुद्दे रहे गायब : पंजाब भर से मिली रिपोर्टों के अनुसार पंचायती संस्थाओं के लिए चुनाव प्रचार मुहिम में किसी भी पार्टी द्वारा विकास या लोगाें के और मुद्दे नहीं उभारे गए। खासकर 73वीं संवैधानिक संशोधन को लागू करते पंचायती संस्थाओं को खुदमुख्तयार बनाने व अधिक अधिकार देने की तो किसी ने भी बात नहीं की। अकाली-भाजपा राज्य दौरान उलटा बल्कि पहले से मिले थोड़े-बहुत अधिकारों पर भी पानी फेर दिया गया। चुनाव प्रचार में बेअदबी मामले को लेकर बयानबाज़ी से स्थानीय संगठन ही अधिक मुद्दा रहे बताए जाते हैं। 
50 हज़ार से अधिक सुरक्षा कर्मी तैनात : निष्पक्ष व आज़ाद तरीके से चुनाव करवाने व किसी भी तरह की हिंसा को दूर करने के लिए पंजाब भर में ग्रामीण क्षेत्रों में 50 हज़ार से अधिक सुरक्षा कर्मी तैनात किये गए हैं। पुलिस अधिकारियों के अनुसार हर ज़िले में विशेष सैल स्थापित किये गए हैं जो वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की देखरेख में काम करेंगे व किसी को भी हिंसा या कानून की उल्लंघना करने की इजाज़त नहीं दी जाएगी।
ज़िला परिषदों में 33 उम्मीदवार बिना मुकाबला विजयी : ज़िला परिषद् चुनावों में कुल 354 सदस्यों में 33 ज़ोनों के लिए कांग्रेस उम्मीदवार बिना मुकाबला विजयी रहे हैं। सबसे अधिक पंचायत मंत्री तृप्त राजिन्द्र सिंह बाजवा के ज़िला गुरदासपुर में कुल 31 में से 13 सदस्य बिना मुकाबला विजयी करार दिये गए हैं व यह सभी सदस्य सत्ताधारी पार्टी से संबंधी बताए जाते हैं।
समितियों में 369 बिना मुकाबला विजयी : पंजाब की 150 समितियों के लिए कुल चुने जाने वाले 2900 सदस्यों में 369 सदस्य बिना विरोध विजयी करार दिये गए हैं। बिना विरोध विजयी बड़ी संख्या उम्मीदवार कांग्रेस पार्टी से ही संबंधित बताए जा रहे हैं। गुरदासपुर ज़िले की 11 समितियों में चुने जाने वाले कुल 212 सदस्यों में 143 सत्ताधारी पार्टी के उम्मीदवार बिना मुकाबला विजयी करार दिये हैं व सिर्फ 69 ज़ोनों में ही चुनाव हो रही है। इस तरह फिरोज़पुर ज़िले के कुल 119 समिति सदस्यों के लिए चुनाव हुआ था, परन्तु इनमें 97 उम्मीदवार पहले ही विजयी करार दे दिये हैं व सिर्फ 22 सदस्यों के लिए ही चुनाव हुआ। अमृतसर ज़िले की 9 समितियों के लिए कुल 199 ज़ोन हैं, इनमें 44 उम्मीदवार बिना मुकाबले विजयी करार दिये गए व अब 155 ज़ोनों में ही चुनाव करवाए जा रहे हैं। सत्ताधारी पार्टी दो बड़े ज़िलों गुरदासपुर व फिरोज़पुर की समितियों पर तो चुनाव के बिना ही भारी जीत हुई है। लुधियाना से रोपड़ ज़िलों में 8-8, पटियाला ज़िले में 9 व मुक्तसर साहिब ज़िले में 7 समिति सदस्य बिना विरोधी विजयी हैं। शेष ज़िलों में सख्त मुकाबले हो रहे हैं।