प्रदूषण फैला रहे उद्योगों के प्रति विभाग बेपरवाह

बठिंडा, 19 सितम्बर (सुखविंद्र सिंह सुक्खा): पंजाब में लगे छोटे-बड़े उद्योगों की द्वारा फैलाए जाते हर किस्म के प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए बनाए गए पंजाब प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के अधिकतर क्षेत्रीय दफ्तर प्रदूषण फैला रहे उद्योगों पर कार्यवाही करने के पक्ष से पिछड़े हुए हैं और अपने आलस और कोताही के कारण पंजाब में चल रहे छोटे-बड़े उद्योग प्रदूषण फैलाने के पक्ष से दूध-के धुले करार दिए गए हैं। क्षेत्रीय दफ्तर जालंधर, एसएएस नगर, श्री अमृतसर साहिब, मंडी गोबिन्दगढ़, संगरूर और लुधियाना के दफ्तरों के पास प्रदूषण फैलाने वाले या चल रहे कुल उद्योगों की संख्या का कोई भी रिकार्ड नहीं है जब कि क्षेत्रीय दफ्तर बठिंडा की तरफ  से इस अति गंभीर मामलों में कोई भी रिकार्ड मुहैया नहीं करवाया गया, जिस कारण क्षेत्रीय दफ्तर बठिंडा की कारगुजारी शक के घेरे में है। बोर्ड के कुछ क्षेत्रीय दफ्तरों की तरफ  से खानापूर्ति हेतु कार्यवाही की गई है। बोर्ड का क्षेत्रीय दफ्तर फरीदकोट ही अकेला ऐसा दफ्तर है, जिस ने 49 के करीब उद्योग जो प्रदूषण फैला रहे हैं, के विरुद्ध कार्यवाही की है। आरटीआई विशेषज्ञ बृषभान बुजरक की तरफ से सूचना के अधिकार के अंतर्गत प्राप्त की जानकारी अनुसार जनवरी, 2012 से लेकर 31 दिसम्बर, 2017 तक प्रांत के छोटे -बड़े प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों की संख्या और उनके विरुद्ध की गई कार्यवाही में बताया गया है कि क्षेत्रीय दफ्तर होशियारपुर के अधीन कुल 773 छोटे-बड़े उद्योग चल रहे हैं परन्तु गत 5 वर्षों से किसी भी उद्योग के विरुद्ध प्रदूषण फैलाने के लिए की गई कार्यवाही का कोई भी रिकार्ड नहीं है। इसी तरह क्षेत्रीय दफ्तर लुधियाना के रिजनल दफ्तर-3 की तरफ  से भेजी गई जानकारी में पता लगा है कि उस की अधीन आते उद्योगों में से 366 पानी प्रदूषण करने और 428 हवा प्रदूषण करने वाले उद्योग चल रहे हैं, परन्तु इन में से किसी के विरुद्ध भी कार्यवाही नहीं की गई। सूचना अधिकृत के अंतर्गत मांगी गई जानकारी में प्रदूषण फैलाने वाले मुर्गी फार्मों की जानकारी भी मांगी गई थी, क्षेत्रीय दफ्तर पटियाला ने लिखित जवाब भेजते बताया गया है कि उनके पास प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों का अलग तौर पर कोई भी रिकार्ड मौजूद नहीं है, परन्तु प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों के खिलाफ  प्रदूषण कंट्रोल कानून के अंतर्गत कार्यवाही की जाती है। श्री बुजरक ने पंजाब सरकार के पास से मांग की कि पंजाब का हवा-पानी खराब कर रहे उद्योगों के विरुद्ध कार्यवाही न करने और इस का रिकार्ड न रखने वाले प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के क्षेत्रीय दफ्तरों के विरुद्ध बनती कानूनी कार्यवाही की जाए।