एक बाजू न होने के बावजूद खेलता है ताइक्वांडो  यमुना कुमार पासवान

‘कट गया बाजू फिर भी बंदे हैं हम कमाल के, खेल रहे हैं हौसले से खेल के मैदान में।’ यमुना कुमार की एक हादसे में दाईं बाजू कट गई लेकिन उनके दृढ़-निश्चय और कुछ कर दिखाने के उद्देश्य से उन्होंने खेल कला के क्षेत्र में ऐसी उपलब्धियां हासिल कीं कि उन पर गर्व किए बिना नहीं रहा जा सकता। यमुना कुमार का जन्म झारखंड प्रांत के ज़िला धनबाद में एक छोटे से शहर निस्तीपुर में पिता कारा पासवान के घर माता कांती देवी की कोख से हुआ। यमुना कुमार 21 जून, 2003 में अपने पिता के साथ मोटरसाइकिल पर बैठ कर शहर जा रहे थे तो अचानक तेज रफ्तार ट्रक ने उनको चपेट में ले लिया और वह दोनों गम्भीर रूप से घायल हो गए और इस हादसे ने यमुना कुमार को को ऐसा ज़ख्म दिया कि उनकी दाईर्ं बाजू बुरी तरह कुचली गई और उनकी बची बाजू भी मजबूरी में डाक्टरों को काटनी पड़ी और यमुना कुमार के लिए यह एक ऐसा हादसा था कि उसका दर्द आज भी उनके सीने में उठता है, लेकिन उनका हौसला बहुत कमाल का है कि उन्होंने ऐसा होते हुए भी ताइक्वांडो खेलते देश के तिरंगे की शान में वृद्धि की है।पढ़ाई के साथ-साथ यमुना कुमार को खेलों का भी बहुत शौक था और उनकी मुलाकात एथलैटिक कोच अमित कुमार खानी से हुई। उन्होंने यमुना कुमार में खेल भावना देखी तो उन्होंने उनको ताइक्वांडो खेल की ट्रेनिंग देनी शुरू कर दी और यमुना कुमार की मेहनत ऐसी रंग लाई कि वह ताइक्वांडो के मुकाबले जीतने लगे। वर्ष 2005 में झारखंड ताइक्वांडो चैम्पियनशिप में भाग लिया, जहां उन्होंने दूसरे खिलाड़ियों को पछाड़ते हुए स्वर्ण पदक अपने नाम किए और फिर यमुना कुमार ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और जीत दर जीत दर्ज करते गये। वर्ष 2006 में झारखंड ताइक्वांडो एसोसिएशन चैम्पियनशिप में खेलते हुए भी स्वर्ण पदक जीता। वर्ष 2014 में दिल्ली में हुई पैरा ताइक्वांडो चैम्पियनशिप में यमुना कुमार ने स्वर्ण पदक और वर्ष 2015-16 में फिर से पैरा नैशनल ताइक्वांडो चैम्पियनशिप में जीत दर्ज की और वर्ष 2018 तक यमुना कुमार ने लगातार ताइक्वांडो खेलते नैशनल स्तर पर अपनी खेल कला का लोहा मनवाया। अगर उनके अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर खेलने की बात करें तो वर्ष 2012 में उन्होंने मुम्बई में हुई अंतर्राष्ट्रीय चैम्पियनशिप में भी जीत दर्ज की और उनके प्रदर्शन को देखते हुए फिल्म अभिनेता अक्षय कुमार ने उनको एक लाख रुपए के पुरस्कार से भी नवाज़ा।यूरोपियन पैरा ताइक्वांडो पोलैंड, इंडियन ओपन अंतर्राष्ट्रीय ताइक्वांडो चैम्पियनशिप 2010 बैंगलोर, न्यूज़ीलैंड, ऑकलैंड में वर्ष 2017 में हुई ताइक्वांडो में भी उन्होंने भाग लिया। वर्ष 2017 में एशियन पैरा ओपन चैम्पियनशिप, वर्ल्ड पैरा ओपन ताइक्वांडो चैम्पियनशिप 2017, काठमांडू अंतर्राष्ट्रीय ताइक्वांडो 2018 नेपाल, वर्ष 2018 कोरिया में किम योंग कप अंतर्राष्ट्रीय ओपन ताइक्वांडो चैम्पियनशिप में भाग लेकर स्वर्ण पदक भारत की झोली में डाला। यमुना कुमार आज कल कनाडा की धरती पर कनाडा ओपन पैरा ताइक्वांडो चैम्पियनशिप 2018 में खेल रहे हैं। यमुना कुमार इस क्षेत्र में जहां अपनी धर्म पत्नी पूजा और अपने माता-पिता के बेहद शुक्रगुज़ार हैं, वहीं वह अपने कोच सुखदेव राज दिल्ली के हमेशा ऋणी रहते हैं, जिन्होंने उनको हर पल उत्साहित किया। यमुना कुमार ने बताया कि उनका मुख्य लक्ष्य 2020 में टोक्यो में होने जा रही पैरा ओलम्पिक में अपनी जगह बनाने का है, जिसके लिए वह बहुत कड़ी मेहनत कर रहे हैं। यमुना कुमार पासवान कहते हैं कि, ‘किस्मत ने गिरा दिया मुश्किलों से सम्भले, अब मुश्किलें पीछे हैं और आगे हैं मंज़िलें।’ यमुना कुमार के हौसले को सदा सलाम।