क्या आप जानते हैं ? यूं बने महीने और दिन

यह सभी जानते हैं कि 365 दिनों वाले ‘रोमन कैलेंडर’ को अंतर्राष्ट्रीय कैलेण्डर मानकर सारी दुनिया में आज समान रूप से इसका उपयोग किया जाता है। इस रोमन कैलेंडर का चलन आरंभ हुआ आज से कोई दो हजार साल पहले। तब एक साल में कुल 304 दिन हुआ करते थे और पूरा साल केवल दस महीनों में विभाजित होता था। पहले रोमन शासक ऑगस्टस और उनके बाद में आने वाले अनेक सम्राटों ने अपनी इच्छानुसार उस प्राचीन रोमन कैलेंडर में ढेर सारे मनमाने और बेतुके परिवर्तन किए। ईसा से 45 वर्ष पूर्व जूलियस सीजर ने जब अपना ‘जूलियन कैलेंडर’ चलाया तो उन्होंने पुराने कैलेंडर में काफी कुछ सुधार किए। सीजर ने ही एक वर्ष को दस के स्थान पर बारह महीनों में विभाजित किया। वर्ष में दिनों की कुल संख्या को उन्होंने 304 से बढ़ाकर 370 कर दिया। प्रत्येक चार वर्षों के पश्चात एक अतिरिक्त दिन फरवरी माह में जोड़कर उसे ‘लीप वर्ष’ माने जाने की शुरूआत भी सीजर ने ही की। जूलियस सीजर ने बारह महीनाें के नामकरण प्राचीन रोमन त्यौहारों, देवताओं, रोमन संख्याओं आदि के आधार पर किए। रोमन देवता ‘जेनस’ के नाम पर बना जनवरी, शुद्धिकरण के रोमन काल ‘फेबरुआ’ ने जन्म दिया फरवरी को, युद्ध के रोमन देवता ‘मार्स’ के आधार पर मार्च और लेटिन शब्द ‘एपिरियर’ से अप्रैल बना। इसी तरह स्फूर्ति और उन्नति की रोमन देवी ‘मेया’ के आधार पर मई तथा विवाह की रोमन देवी ‘जूनो’ के आधार पर जून का नामकरण किया। ‘जूलियस’ सीजर से जुलाई और ‘आगस्टस’ से अगस्त महीने ने अपना नाम पाया। लेटिन अंक 7 (सेप्टेम), 8 (ऑक्टो), 9 (नोवेम) तथा 10 (डिसेम) के आधार पर क्रमश: सितंबर, अक्तूबर, नवंबर और दिसंबर महीनों के नाम रखे गए। सात दिनों के एक सप्ताह में दिनों के नामकरण भी इसी तरह विशेष आधारों पर किए गए। ‘सूर्य’ से रविवार बना और चंद्रमा से सोमवार। युद्ध के नॉसे देवता ‘टियु’ के नाम के आधार पर मंगलवार ने अपना अंग्रेजी नाम पाया। ‘वोडेन’ (एंग्लो-सेक्शन देवताओं के प्रमुख) ने जन्म दिया बुधवार को। तूफानों के नॉर्स देवता ‘थोर’ तथा एक नॉर्स देवी ‘फ्राइग’ के नाम के आधार पर क्रमश गुरुवार और शुक्रवार के नाम रखे गए, जबकि फसलों के रोमन देवता ‘सेटर्न’ के सहारे शनिवार ने अपना नाम पाया। प्रत्येक माह में दिनों की संख्या का उचित निर्धारण कर ग्रेगरी ने ईसा मसीह की जन्मतिथि 1 जनवरी सन 1 से अपना नया कैलेंडर आरंभ किया।