पुरानी बसों के मुकाबले नई पनबसों की बॉडी क़ाफी हल्की

फिरोज़पुर, 22 सितम्बर (परमिन्द्र सिंह): पंजाब रोडवेज फिरोज़पुर डीपू में आई नई पनबसों की लगाई गई बाडियों में रोडवेज़ अधिकारियों की आपसी कथित मिली भुगत के कारण बड़ी धांदली दिखाई दे रही हैं। नई आई बसों को जब डिपो में लगे हलके प्रैशर से धोया जाता हैं, तो बसों के ऊपर किया रंग उतर जाता हैं, जो इनकी बनवाई में कथित मिली भुगत से हुई धांदली की और ईशारा करता हैं। प्राप्त की जानकारी अनुसार फिरोज़पुर डीपू में तीन पड़ावों में 30 के करीब नई बसें आ रही हैं, जिसके चलते पिछले महीने 11 नई पनबसें आ गई थी और अब 7 बसों का नया रूप फिरोज़पुर डिपो में पहुंच गया हैं। इन आई नई बसों को जयपुर में एक निजी कंपनी से तैयार करवाया गया हैं और इसकी बनवाई पर करीब 6 लाख 73 हज़ार रुपए की लागत आई हैं। इन बसों में एक तो कंडक्टर सीट नहीं हैं, डिगी गायब हैं, छत्तों पर समान रखने के लिए लगाए जाते जंगले न होने के कारण फौजी नहीं चढ़ते, क्योंकि बस में समान रखने की कोई सुविधा नहीं हैं। बतानेयोगय हैं कि इससे पहले 2015 में पंजाब में आई 300 के करीब लाल रंग की पनबसें क़ाफी मजबूत हैं और तीन वर्ष गुजरने के बावजूद अभी भी पूरी बहार में काम कर रही हैं। इनकी बाडी भी काफी मजबूत हैं और इनको हरियाणा रोडवेज की गुडगांव वर्कशाप से तैयार करवाया गया था और उस समय 7 लाख की लागत से तैयार हुई थी, जिससे स्पष्ट होता कि अब वाली पनबसें में ज़मीन-आसमान का ़फर्क है। आज की बसों में चलने का भी क़ाफी अंतर हैं और बाडी भी चलने के समय आवाज़ करती हैं, क्योंकि काफी हल्की बाडी लगाई गई हैं और वाशिंग के दौरान नया रंग भी उतर रहा हैं।