जब हिटलर के बाल रातों रात सफेद हो गए

हिटलर भूमिगत होकर एक बंकर में रह रहा था। उसकी स्थिति यहां तक दयनीय हो गई थी कि वह अपने बड़े से बड़े विश्वासपात्र को भी संदेह की दृष्टि से देखता था। वह इतना भयभीत था कि ताजी हवा लेने के लिए बंकर के ऊपर तक नहीं आता था। हिटलर ने अपने अभिन्न मित्र गोरिंग लुफ्तवाग को जर्मन सेना का प्रधान सेनापति नियुक्त किया था और उसका कारण यह था कि वह गोरिंग लुफ्तवाग को अपने प्रति काफी वफादार समझता था। हिटलर का एक मित्र डैविस ग्रौस था। ग्रौस ने जब हिटलर को बताया कि तुम्हारी वायुसेना का प्रधान सेनापति गोरिंग लुफ्तवाग देशद्रोह कर रहा है तो हिटलर का ग्रौस पर से ही विश्वास उठ गया। उस रात वह सभी के सामने अपने कमरे में सोने के लिए गया था। रात भर उसे नींद नहीं आई और सुबह देखा तो पाया कि उसको तो लकवा मार गया है। इस बात से वह बहुत चितिंत हुआ। ंिकंतु करता भी क्या? दूसरी रात आई, वह पुन: नहीं सो सका और जब वह उठा तो उसकी प्रेमिका ईवा ब्राऊन तथा उसके मित्र की पत्नी गोवेल्स फ्रा आश्चर्य में पड़ गई। आश्चर्य, रात भर में हिटलर के घुंघराले काले बाल एकदम सफेद हो गए थे। इस पर उसकी प्रेमिका ईवा ब्राऊन को भारी चिंता हुई। उसने जब एक आईना हिटलर के सामने रखा तो वह अपने सफेद बालों को देखकर इतना चिंतित हुआ जितना वह अपने लकवे के कारण भी नहीं हुआ था।हिटलर ने अपने प्रमुख हकीम जान क्रिस्टन को बुलाया और उससे पूछा कि यह सब रात भर में कैसे हो गया? क्रिस्टन ने बताया कि यह सिर्फ आपके मानसिक सन्ताप के कारण हुआ है। क्रिस्टन जड़ी-बूटियों के लेप मात्र से मालिश करके ही खतरनाक से खतरनाक रोगों को ठीक कर देता थां। क्रिस्टन का इलाज शुरू हुआ पर इधर हिटलर का सन्ताप और भी बढ़ा। उसका सन्ताप यहां तक बढ़ता गया कि क्रिस्टन का इलाज पूरा होने से पूर्व ही हिटलर ने आत्महत्या कर ली। 


-सीमा भरतगढ़िया