आगरा का किला

आगरा जाओ तो एक और स्थान भी देखने को मिलेगा आगरा का किला जोकि मुगल बादशाह अकबर द्वारा बनवाया गया था। आगरा किला खासकर इमारतों तथा महलों का म्यूजिम है जोकि अकबर, जहांगीर शाहजहां और औरंगजेब के द्वारा बनवाया गया था। आगरा का किला यमुना नदी के बाएं तट पर बनाया गया है जोकि आगरा शहर के पूर्वी ओर है। यहां दीवारें मोटे तथा शक्तिशाली लाल पत्थरों से बनाई गई हैं। यह कहावत है कि अकबर ने यह किला पुराने बादलगढ़ के किले के स्थान पर बनवाया जोकि राजपूतों की रक्षा करता था। अकबर ने यह किला अपने राज्य की रक्षा के लिए बनवाया था। यह डबल मोटी दीवारों से घिरा है। बाहर की दीवार 40 फीट ऊंची है। अन्दर की 70 फीट। आगरा का किला दो बड़ी खाईयों से घिरा था, बाहर वाली 25 फीट चौड़ी थी और अन्दर वाली 30 फीट चौड़ी तथा 35 फीट बाहरी थी। इन दोनों में से अन्दर वाली खाई अब भी मौजूद है लेकिन बाहर वाली खाई को भर दिया गया है और अब वहां सड़क है। दोनों खाईयां डरावने तथा बहुत खतरनाक कछुओं से भरी थीं ताकि कोई दुश्मन इस खाई को आसानी से पार न कर सके। यह किला सन् 1565 में बनना शुरू हुआ था और इसे बनाने में सात साल लगे। इसे बनवाने की जिम्मेदारी कासिम खान को सौंपी गई थी जोकि अकबर की सेना का मुखिया था तथा काबुल का गवर्नर था। इस इमारत को बनाने में 35 लाख रुपए लगे।यह किला एक सुन्दर इमारत है। एक प्रसिद्ध साहित्यकार अबुल फजल का यह कहना है कि इस किले में कम से कम 500 इमारतें थीं लेकिन दुर्भाग्यवश अब सिर्फ कुछ ही इमारतें बाकी रह गई हैं। मुगल साम्राज्य के नष्ट होने के बाद किले की अन्य इमारतों को नष्ट कर दिया। फिर मराठों तथा जाटों ने हमला किया, राजाओं ने तो ताज तथा अन्य मुगल इमारतों में भूसा भर दिया। सन् 1857 में यूरोपियों पर गुस्से में स्वतंत्रता की लड़ाई लड़ने वालों ने हमला किया, जोकि किले में छिपे थे। यह किला देखने में इतना सुन्दर नहीं फिर भी यात्रियों द्वारा इसे देखना आवश्यक है। पहले आगरा किले में चार दरवाज़े थे लेकिन अब सिर्फ दो ही इस्तेमाल होते हैं जोकि अमर सिंह गेट और दिल्ली गेट हैं बाकी के दो गेट, वाटर गेट और दर्शनी गेट हमेशा के लिए बंद कर दिए गए हैं।

— डी. आर. बंदना