दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना शुरू

रांची, 23 सितम्बर (भाषा): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज यहां से प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएम-जय)-आयुष्मान भारत की शुरूआत की। इस योजना को ‘परिवर्तनकारी’ करार देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि यह रविवार से लागू होगा। उन्होंने कहा कि यह देश के गरीब लोगों की सेवा करने की दिशा में एक कदम है। प्रधानमंत्री ने योजना की जानकारी देते हुए कहा कि इस योजना में दिल, किडनी, लीवर व शुगर सहित 1300 बीमारियों को शामिल किया गया है। इन बीमारियों का इलाज सरकारी न नहीं बल्कि प्राइवेट अस्पतालों में भी होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि हर गरीब परिवार 14555 हैल्प लाइन नम्बर याद रखें इस पर सारी जानकारी मिल जाएगी। उन्होंने कहा ‘कुछ लोग इसे मोदीकेयर कहते हैं, कुछ इसे गरीबों के लिए चलाई जाने वाली एक योजना कहते हैं। निश्चित रूप से यह गरीबों के लिए लाभकारी योजना है।’ प्रधानमंत्री ने इस योजना को लागू करने में अहम भूमिका निभाने के लिए विशेषज्ञों के दल को बधाई भी दी। मोदी ने कहा कि पीएमजेएवाई-आयुष्मान भारत दुनिया में सबसे बड़ी, सरकार प्रायोजित, स्वास्थ्य की देखभाल संबंधी योजना है।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के दस करोड़ परिवारों को स्वास्थ्य बीमा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शुरू की गई आयुष्मान भारत योजना को ‘गेमचेंजर’ बताया और कहा कि यह गरीबों के सशक्तीकरण की दिशा में उठाया गया कदम है। श्री मोदी ने यहां प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएमजेएवाई)-आयुष्मान भारत की शुरुआत करने के बाद अपने संबोधन में कांग्रेस पर ‘गरीबी हटाओ’ नारे का इस्तेमाल केवल वोट बैंक के लिए करने का आरोप लगाते हुये कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में आज शुरू की गई इस योजना का लाभ सभी जाति, धर्म एवं संप्रदाय के गरीब लोगों को मिलेगा। उन्होंने कहा,‘पी एम जे ए वाई-आयुष्मान भारत गरीबों को सशक्त बनाने की दिशा में उठाया गया कदम है और यह गेमचेंजर साबित होगा।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि इस योजना को कुछ लोग ‘मोदीकेयर’ तो कुछ गरीबों की योजना कह रहे हैं। निश्चित रूप से इस योजना से गरीबों की सेवा हो सकेगी। इससे गरीबी दूर करने में अवश्य मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक गरीब को सम्मान के साथ जीने का अधिकार है। उनकी सरकार ‘सबका साथ सबका विकास’ में विश्वास करती है। मोदी ने कहा कि इस स्वास्थ्य योजना का लाभ देने में जाति, रंग, धर्म एवं अन्य किसी भी आधार पर कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा। उन्होंने दावा किया,‘इस योजना के लाभुकों की संख्या यूरोपीय संघ की कुल आबादी के बराबर है। यदि अमरीका, कनाडा और मैक्सिको की कुल जनसंख्या को जोड़ दिया जाए तब भी वह इस योजना के लाभार्थियों की संख्या के बराबर नहीं होगा।’प्रधानमंत्री ने कहा,‘आयुष्मान भारत योजना देश को भविष्य के मैडीकल हब के रूप में तब्दील कर देगा। यह योजना दुनिया के शोधार्थियों एवं संस्थानों के लिए शोध का विषय बनेगा।’ उन्होंने कहा कि इस योजना के प्रथम चरण की शुरुआत बाब साहब डा. भीमराव अंबेडकर की जयंती 14 अप्रैल को बस्तर ज़िले से की गई। अब इसके दूसरे चरण की शुरुआत पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती (25 सितम्बर) के करीब की तिथि को की गई है। श्री मोदी ने कहा कि इस योजना के क्रियान्वयन के लिए 13 हज़ार से अधिक अस्पतालों को सूचिबद्ध किया गया है। इस स्कीम के तहत मिलने वाली सुविधाओं के लिए पंजीकरण की आवश्यकता नहीं होगी। लाभुकों को दिये जाने वाले ई-कार्ड में उनके सभी आवश्यक विवरण उपलब्ध होंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार देश के स्वास्थ्य क्षेत्र में व्यापक सुधार लाने के लिए काम कर रही है। उन्होंने कहा कि सरकार का मुख्य फोकस देश के लोगों को किफायती स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के साथ ही बीमारी न हो इसके लिए काम करने पर है। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत देश के 10 करोड़ परिवार को पांच लाख रुपए की स्वास्थ्य बीमा दी जाएगी। कुल लाभुकों में 8.03 करोड़ ग्रामीण एवं 2.33 करोड़ शहरी इलाके के परिवार शामिल हैं।