सुप्रीम कोर्ट ने सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर बैन हटाया

नई दिल्ली, 28 सितंबर - केरल के प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट चीफ जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली संवैधानिक बेंच ने सबरीमाला मंदिर में महिलाओं को प्रवेश की अनुमति दी है। गौरतलब है कि महिलाओं की एंट्री पर बैन के खिलाफ याचिका दायर की गई है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश पर लगी रोक का विरोध किया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि मंदिर एक सार्वजनिक स्थान है। चीफ़ जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस चंद्रचूहड़, जस्टिस नरीमन, जस्टिस खानविलकर ने महिलाओं के पक्ष में फ़ैसला सुनाया, जबकि जस्टिस इंदू मल्होत्रा ने सबरीमाला मंदिर के पक्ष में फ़ैसला सुनाया। अदालत ने कहा कि आस्था के नाम पर लिंग भेद नहीं किया जा सकता है। कानून और समाज का काम सभी को बराबरी से देखने का है। महिलाओं के लिए दोहरा मापदंड उनके सम्मान को कम करता है। भगवान अयप्पा के भक्तों को अलग-अलग धर्मों में नहीं बांट सकते हैं। अदालत ने यह भी कहा कि जब पुरुष मंदिर में जा सकते हैं तो महिलाएं  भी पूजा कर सकतीं हैं। महिलाएं पुरुषों की अपेक्षा किसी भी मामले में कम नहीं है। सबरीमाला के रिवाज़ हिन्दू महिलाओं के विरुद्ध हैं।