‘पराक्रम उत्सव’ पर मनाई सर्जिकल स्ट्राइक की दूसरी वर्षगांठ

अमृतसर, 29 सितम्बर (सुरिंदर कोछड़) : दो वर्ष पूर्व आज के दिन भारतीय सेना द्वारा सीमा पार पाकिस्तानी क्षेत्रों में घुस कर की गई सर्जिकल स्ट्राइक की याद में आज उक्त कामयाबी को ‘पराक्रम उत्सव’ के रूप में मनाया गया। भारतीय जवानों द्वारा की गई इस कार्रवाई के चलते बड़ी तादार में सीमा पार भारत में दाखिल होने की तैयारी में बैठे आतंकी मारे गए थे और भारत ने इन सूरबीर जवानों की हिम्मत से पूरा विश्व दंग रह गया था। सर्जिकल स्ट्राइक की दूसरी वर्षगांठ के अवसर पर आज सेना द्वारा स्थानीय किला गोबिंदगढ़ सहित शहर में कुछ अन्य स्थानों पर समागम करवाए गए। इस समागमों के चलते किला गोबिंदगढ़ में सेना की 11 कार्पस द्वारा लगाई गई मल्टी मीडिया प्रदर्शनीय में सर्जिकल स्ट्राईक के दौरान प्रयोग किए जाने वाले यंत्रों, स्पैशल वर्दी, खाने-पीने का सामान, हथियारों, औज़ारों और इसमें ज़रूरत अन्य सामानों की प्रदर्शनीय लगाई गई। इसके अतिरिक्त उक्त कार्रवाई से संबंधित तैयार की गई दस्तावेज़ी फिल्म भी दिखाई गई। मौके पर मौजूद मेजर कुनाल गौरव ने ‘अजीत समाचार’ से विशेष बातचीत करते हुए बताया कि यह पहली बार हुआ था भारतीय सेना ने पाकिस्तानी शिविरों पर हमला किया और इसकी कामयाबी के तुरंत बाद बकायदा सार्वजनिक तौर पर इसकी घोषणा भी की। उन्होंने बताया कि भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तानी आतंकवादियों के विरुद्ध की गई उक्त सर्जिकल स्ट्राइक  की योजना पूरी तरह गुप्त रखी गई थी, यहां तक कि इसमें सेना के कौन से अधिकारी व सैनिक शामिल थे और उनकी संख्या कितनी थी, उसे भी पूरी तरह से गुप्त रखा गया।