अमरीका में लागू हुए नए कानून से प्रवासियों में भय का माहौल

सियाटल, 1 अक्तूबर (हरमनप्रीत सिंह) : 1 अक्तूबर से अमरीका में नया इमीग्रेशन कानून लागू होने से जिन व्यक्तियों के केस फेल हो चुके हैं और उन पर डिपोर्ट करने के आर्डर माननीय न्यायाधीश द्वारा हो चुके हैं, उन्हें वापिस भेजने का काम आरम्भ हो गया है। अब जिन लोगों ने अपने केस अमरीका में पक्के होने के लिए अप्लाई किए हुए हैं, उनके सिर पर भी तलवार लटक गई है। यदि अदालत ने केस स्वीकार न किया तो उन्हें भी तुरंत वापिस भेज दिया जाएगा। ट्रम्प प्रशासन का यह फैसला बेहद सख्ती से लागू किया जा रहा है, जिससे प्रवासियों में जिन्होंने ग्रीन कार्ड के लिए आवेदन किया हुआ है, उनमें भारी भय पाया जा रहा है। इस नए कानून से भारतीय लोग विशेषकर पंजाबी भी बहुत प्रभावित होंगे। विश्वसनीय सूत्रों से यह भी पता चला है कि जिनके केस अमरीका में फेल हो चुके हैं, वह अब कनाडा की ओर निकलना शुरू हो गए हैं ताकि वह डिपोर्ट होने से बच सकें। इस नए कानून के बाद इमीग्रेशन के वकीलों के पास भी लोगों की भरमार शुरू हो गई है ताकि वकीलों के ज़रिये कोई मदद ली जा सके। इस नए कानून का असर एच-वन वीज़ाधारकों पर फिलहाल लागू नहीं किया गया। अमरीका की प्रमुख कम्पनियों द्वारा ट्रम्प प्रशासन द्वारा दिन-प्रतिदिन इमीग्रेशन कानूनों में की जा रही सख्ती से अमरीका का ही बड़ा नुक्सान होगा क्योंकि प्रवासी अपना काम कड़ी मेहनत से करते हैं और अमरीका की तरक्की में अपना बहुमूल्य योगदान डालते हैं। अमरीका की बड़ी कम्पनियों की संस्था एफ.डब्ल्यू.डी., यू.एस.ए. ने कहा कि सरकार का यह फैसला प्रवासियों को अमरीका में आने से रोकने का घटिया फैसला है। अमरीका के इमीग्रेशन माहिर मानते हैं कि इस फैसले से कई कुशल लोगों को अमरीका छोड़ना पड़ेगा। हो सकता है कि वह साथ लगते कनाडा की ओर चले जाएं, जिसका कनाडा को भारी लाभ मिल सकता है क्योंकि कुशल व्यक्तियों की कनाडा को भी भारी ज़रूरत है। नए कानून के अनुसार उन प्रवासियों पर भी असर पड़ेगा जो ग्रीन कार्डधारक हैं और सरकारी लाभ, जिनमें फूड सुविधा, वित्तीय मदद का लाभ लिया है, उन्हें ग्रीन कार्ड देने से मना किया जा रहा है। इससे बड़ी संख्या में भारतीयों पर असर पड़ेगा। आज यह कानून लागू होने के बाद इससे निकलने वाले नतीजों का आने वाले कुछ दिनों के बाद पूरा पता चलेगा।