बढ़ती उम्र में भी ऐसे रहें चुस्त-दुरुस्त


बढ़ती उम्र तक पहुंचते-पहुंचते न केवल व्यक्ति विभिन्न प्रकार की बीमारियों से घिरने लगता है, वरन् समय से पहले ही बूढ़ा दिखाई देने लगता है।
कारण
 अधिक खाना, तला व वसायुक्त भोजन, मांसाहारी भोजन का अधिक मात्रा में सेवन, अधिक पका हुआ खाना जिससे पौष्टिक तत्व नष्ट हो जाते हैं, भोजन का गलत तालमेल, बासी खाना, पानी कम पीना, व्यायाम की कमी, धूप से मिलते विटामिन डी की कमी, अनियमित खाना, कम सोना तथा व्यायाम, धूम्रपान, अधिक मद्यसेवन, अपनी उम्र के साथ खान-पान में उचित बदलाव न करना, तनाव, जीवन के प्रति उदासीनता व अपने प्रति लापरवाही।
मनुष्य देह की कोशिकाएं सदैव बनती-बिगड़ती रहती हैं। वे कभी स्थिर नहीं रहती। अत: उचित आहार इसमें अपनी महत्वपूर्ण  भूमिका निर्वाह करता है। कुछ विशेष आहार आप अपने आहार में शामिल करें।
दही : ऐसी अवस्था से ही हाजमे में गड़बड़ी देखने को मिलती है। किसी को कब्ज तो किसी की पाचन क्रिया क्षीण हो जाती है। जो अपने सेहत के प्रति सचेत होते हैं, उचित आहार को अपनाते हैं, वे इस प्रकार की शिकायतों से यथासम्भव दूर रहते हैं। दूध व मलाई आदि से बनी सामग्री का त्याग कर केवल मलाई रहित दही उपयोग में लाएं, तो इससे बेहतर कुछ नहीं क्योंकि दही न केवल आपका हाजमा ठीक रखता है, वरन् यथासम्भव पेट की आंतड़ियों को भी स्वस्थ रखता है।
शहद : शहद एक ऐसा खाद्य पदार्थ है, जो 100 वर्षों तक अपनी पौष्टिकता बरकरार रख सकता है। यह पाचन क्रिया के लिए न केवल श्रेष्ठ है वरन् शक्तिवर्धक भी है। दमकते चेहरे के लिए या मोटापा कम करने के लिए इसे आप दूध, सलाद, नींबू के साथ भी उचित तालमेल बिठाते हुए आहार में शामिल कर सकते हैं।
विटामिन बी : विटामिन-बी का होना अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि यह आपको यथासंभव जवां रखने में सहायक सिद्ध होता है। सफेद बाल होने की शिकायत को दूर करता है, मांसपेशियां दर्द होने की शिकायत नहीं होती, मुंह के अन्दर छाले आदि की शिकायत से दूर रह सकते हैं। बादाम, आडू, सूखे मेवे, टमाटर, सेब, ज्वार में इसके उत्तम गुण पाए जाते हैं। इनको आप अपने आहार में प्रयोग करें।
विटामिन सी : हमारे जीवन का रक्षक तथा जवां होने के राज का श्रेय आप निश्चित रूप से विटामिन-सी को ही दे सकते हैं। विभिन्न प्रकार की बीमारियों से लड़ने की प्रतिरोधक शक्ति शरीर में बनाए रखता है। विभिन्न संक्रामक रोगों से वंचित रखता है। अत: आंवला, नींबू, जैसे विटामिन-सी से भरपूर फलों को अपने आहार में शामिल करें।
धूप : धूप में विटामिन डी मिलता है। इसमें भी ध्यान रखने वाली बात है कि दोपहर की धूप न हो। प्रात: कालीन सैर के साथ-साथ सुबह की धूप लेना अनिवार्य है। रांगी, चना, दाल, सोयाबीन, ताजी हरी पत्तियों वाली सब्ज़ियां मछली का तेल इसके लिए उचित माना गया है।
लौह तत्व (आयरन) : शरीर में लौह तत्व अनिवार्य माना जाता है। चालीस वर्ष के बाद मोटापा, जोड़ों का दर्द, मांसपेशियों का दर्द, सांस लेने में तकलीफ, पीलापन आदि शरीर में लौह तत्व की कमी के कारण जिसे आप, खजूर, हरी सब्जियां, सोयाबीन, खसखस द्वारा प्राकृतिक रूप से दूर कर सकते हैं किन्तु दवा के रूप में लेने से पूर्व डाक्टर से परामर्श की आवश्यकता है।
इसके अतिरिक्त चीनी व नमक दोनों ही आहार में कम करने की ज़रूरत है। भोजन में पोटाशियम व फॉस्फोरस की उचित मात्रा की भी आवश्यकता है। केला खाना इसके लिए उत्तम माना गया है। 
—अशोक कुमार श्रीवास्तव