प्राकृतिक नज़ारों का अद्भुत पर्वतीय शहर  बैंफ (कनाडा)

एल्बर्टा (एडमिंटन, कनाडा) का एक विश्व प्रसिद्ध भव्य पर्वतीय शहर है बैंफ। प्रकृति की सूक्ष्म संवेदना यहां इतिहास मंथन करती है। विज्ञान तथा प्रकृति का तिलस्मी अद्भुत पर्वतीय शहर बैंफ। सुषमा का भण्डार। कला का सर्वोच्च स्थान। विश्व के प्रसिद्ध भव्य शहरों में से एक हैं बैंफ की उत्कृष्ट लाजवाब भव्यता। इस शहर को नैशनल ऐतिहासिक शहर घोषित किया गया है। यहां पारदर्शी पानी की यथार्थ झीलें, किसी अल्हड़ नारी की घुटनों को छूती गुंदवीं चोटी की भांति झर-झर, कल-कल, छल-छल झरते मंत्रमुग्ध झरने (निर्झर), चांदी के रंग जैसे रंगे गोटे वाले दुपट्टे की भांति लहराती-गुनगुनाती पवित्र नहरें, अलौकिक रूप में मर्मस्पर्शी तथा विहंगम दृश्य, शोख अदाओं में लह-लहराती कुदरती वनस्पति, जानवरों, पक्षियों, कीट-पतंगों को गोद में संभाले हरे-भरे लम्बे-चौड़े ऊंचे घने जंगल, लाखों वर्ष प्राचीन अनेक स्वरूप के कलात्मक पर्वत, फूल, फलों से लदे खूबसूरत रसीले बाग-बगीचे, ज़िंदगी को सुकून, एकाग्रता, तथा मानवता संदेश देती चुलबुली वादियां, घाटियां, अपनेपन का अहसास करवातीं आंचलिक पगडंडियां, चिकने-चुपड़े सुन्दर आधुनिक सुविधापूर्वक होटल, रेस्तरां, इन्सानी मूल्यों तथा भूमंडलीकरण बाज़ार तथा सबसे महत्वपूर्ण आकर्षण का केन्द्र-वैज्ञानिक मूल्यों का अनोखा यांत्रिक इलैक्ट्रिक झूला ‘गंडोला’। दिल्ली से एडमिंटन (कनाडा) हवाई जहाज से लगभग 20 से 25 घंटे लग ही जाते हैं। एडमिंटन शहर से बैंफ जाने के लिए ‘निसकू’ रोड पर जाना पड़ता है। लगभग पांच घंटे का सफर है कार का। ‘निसकू’ एक गांव है, यहां एडमिंटन का इंटरनैशनल एयरपोर्ट है। बैंफ जाने के लिए बसें तथा टैक्सियां भी मिल जाती हैं। हवाई जहाज और ट्रेन पर भी जा सकते हैं अलबत्ता ट्रेन का किराया, जहाज से ज्यादा होता है। यहां आधुनिक सुविधाओं वाली आलीशान ट्रेनें हैं। बैंफ तक के रास्ते में विभिन्न तरह के भव्य आकर्षक दृश्य देखने को मिलते हैं। भूगोलिक, भव्यता, प्राकृतिक भव्यता, वातावरण की शुद्धता आदि रास्ते में देखने को मिलती है। पतझड़ के मौसम में रंग-बिरंगे भव्य दृश्य कमाल के होते हैं। सितम्बर में बर्फ की हल्की-फुल्की आमद दस्तक दे देती है। लैंडस्केपिंग में कनाडा विश्व का नम्बर वन देश है। यहां झीलों, सड़कों, चौक, वादियां, पर्वतों आदि पर वृक्षों तथा फूलों की अजीबो-गरीब निराली मंज़र वाली अविष्कारपूर्वक लैंडस्केपिंग तकल्लुफ भरपूर होती है। बैंफ को यहां प्रकृति ने अपनी कृपा से मालामाल किया है। वहां विज्ञानियों ने भी परिश्रम के चार चांद लगा दिए हैं। विशेष तौर पर ‘गंडोला यात्रा’। गंडोला यात्रा का आगाज़ और इतिश्री का कोई जवाब नहीं। यात्री, अतिथिगणों का भरपूर मानवीय स्वागत। यहां से गंडोला यात्रा आरम्भ होती है उस पहाड़ी के दृश्य, सुविधाएं, मुंह से बोलती हैं। गंडोला यात्रा बैंफ के एक ऊंचे पहाड़ से पहाड़ शुरू होकर इससे बहुत ऊपर ऊंचे पहाड़ के शीर्ष तक जाती है। निम्न पहाड़ी, यहां से गंडोला शुरू होता है लगभग 698 मीटर ऊंची है और जिस पहाड़ी की टीसी पर गंडोला रुकता है वह पहाड़ी 2281 मीटर ऊंची है। गंडोले में चार व्यक्ति ही बैठ सकते हैं। यह कुछ मिनटों में वहां पहुंच जाता है। यह यात्रा खतरनाक तथा दिलचस्प होती है। मंज़िल तक पहुंचने की जिज्ञासा बढ़ जाती है। गंडोला जिस सल्फर पहाड़ी पर रुकता है उस पहाड़ी के शीर्ष पर कई मंज़िला आधुनिक शानदार सुविधाओं वाला होटल-रेस्तरां है। यहां खाने व पीने की कोई पाबंदी नहीं। लोगों के मनोरंजन का पूरा-पूरा सुरक्षित प्रबंध है सारा होटल चित्रकारी से सुशोभित। भव्य भित्ति चित्र तथा पेंटिंग्स आकर्षण का केन्द्र हैं। यहां लोग चित्रों के साथ फोटो खिंचवाते हैं।