एफसीआई के नमीयुक्त गेहूं से परेशानी : एमएसपी वृद्धि से दालें मज़बूत

नई दिल्ली, 7 अक्तूबर (एजेंसी): गत सप्ताह लारेंस रोड, नरेला, बवाना, राई आदि एनसीआर की मिलों में हरियाणा से उठने वाले गेहूं में 12 से 14 प्रतिशत नमी की शिकायत थी जिससे आटा, मैदा, सूजी बनाने में मिलों व चक्कियाें को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है तथा आम उपभोक्ताओं को रोटी के लिए आटे की क्वालिटी हल्की मिल रही है। चालू माह से बढ़े हुए बिक्री मूल्य पर टेण्डर होने लगे, जिससे गेहूं यहां 20/25 रुपए बढ़ गया। इसके उत्पादों के भाव भी इसी अनुपात में बढ़ गये। दलहनों में सरकार द्वारा रबी सीजन में उत्पादन होने वाले चना, मसूर का समर्थन मूल्य बढ़ा दिया गया, जिससे सभी दालें मजबूत हो गयीं।सरकार हरियाणा, पंजाब एवं दिल्ली से केन्द्रीय पूल में स्टॉक किये हुए गेहूं की बिक्री ओएमएमएस योजना के अंतर्गत् गत तीन माह से कर रही है। चालू महीने के दूसरी तिमाही वाले बिक्री रेट 1925 रुपए लागू हो गये हैं, लेकिन रोलर फ्लोर मिलों एवं आटा चक्कियों को टेंडर से मिलने वाले गेहूं में काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। नाम न लिखने की शर्त पर निर्माताओं ने बताया कि सरकार खरीद के समय 8-9 प्रतिशत नमी वाला गेहूं खरीदती है, जबकि इस समय 12.50 से लेकर 14 प्रतिशत तक नमीयुक्त माल मिल रहा है। ़गौरतलब है कि सामान्यत: भरती 50 किलो की होती है। जबकि वहीं बोरी 55-56 किलो की एफसीआई के गोदामों से उठ रही है, यह जांच का विषय है। यह बढ़े हुए गेहूं के रुपए कहां जा रहे हैं? गत सप्ताह  1925 रुपए में गेहूं का टेण्डर होने से यहां भी 25/30 रुपए बढ़कर 2045/2060 रुपए तक मिल व चक्की पहुंच में गेहूं बिक गया। आटा, मैदा, सूजी के भाव भी 20/30 रुपए बढ़कर 1100/1110 रुपए, 1200/ 1210 रुपए एवं 1260/1270 रुपए प्रति 50 किलो हो गये। सरकार द्वारा वर्ष 2018-19 विपणन वर्ष के लिए गेहूं का समर्थन मूल्य 105 रुपए बढ़ाकर 1840 रुपए कर दिया गया। इससे भी बाजारों में अकड़ बनी रही। दलहनों का समर्थन मूल्य भी गत सप्ताह बढ़ा दिया गया। चने का समर्थन मूल्य 4620 रुपए एवं मसूर का 4475 रुपए कर दिया गया। इसके प्रभाव से चने में बिकवाल पीछे हट गये। दूसरी ओर दाल व बेसन की चालानी मांग निकलने से राजस्थानी चना 100 रुपए बढ़कर 4450 रुपए हो गया। मसूर भी बिल्टी में 25/30 रुपए सुर्ख रही। राजमा चित्रा, डॉलर काफी तेज हो जाने से चीन में 30/40 डॉलर प्रति टन और बढ़ गया।