हरियाणा में शुरू हुआ राजनीतिक रैलियों का सिलसिला


हरियाणा में राजनीतिक रैलियों का दौर शुरू हो गया है और इनेलो-बसपा गठबंधन ने गोहाना में राज्य स्तरीय विशाल रैली करके इसकी शुरूआत कर दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सर छोटूराम की प्रतिमा के अनावरण के बहाने जाटलैंड रोहतक के सांपला में और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पहली नवम्बर को हरियाणा दिवस पर भाजपा की रैली में शामिल होंगे। कांग्रेस भी आने वाले दिनों में राज्यस्तरीय जन संपर्क अभियान के साथ-साथ बड़ी रैली करने की तैयारियों में है जबकि कांग्रेस के विभिन्न गुट अपनी अलग-अलग रैलियां करने में जुटे हुए हैं। 
आम आदमी पार्टी भी पिछले कुछ दिनों से सक्रिय नजर आ रही है और ‘आप’ की ओर से भी राज्यस्तरीय जन संपर्क अभियान शुरू किया जा रहा है। करीब छह महीने बाद लोकसभा चुनाव होने हैं। उम्मीद की जा रही है कि लोकसभा चुनावों के साथ ही हरियाणा विधानसभा के भी चुनाव हो सकते हैं, जो कि अगले साल 2019 में होने हैं। आने वाले चुनावों के दृष्टिगत न सिर्फ सभी उम्मीदवारों ने बल्कि राजनीतिक दलों ने भी अपनी चुनावी तैयारियां शुरू करते हुए रैलियों का सिलसिला शुरू कर दिया है। 
 सार्वजनिक मंच पर आए चौटाला
इनेलो-बसपा गठबंधन की ओर से रविवार को गोहाना में की गई सम्मान दिवस रैली स्व. उप-प्रधानमंत्री चौधरी देवीलाल के जन्मदिन 25 सितम्बर को होनी थी लेकिन तीन दिनों तक भारी बारिश के चलते रैली के मैदान में एक से डेढ़ फुट तक पानी भर गया और आयोजकों को रैली की तारीख बदलकर 7 अक्तूबर करनी पड़ी। इसी दौरान इनेलो प्रमुख चौधरी ओमप्रकाश चौटाला को तिहाड़ जेल से दो हफ्ते के लिए फरलो मिल गई और उन्होंने इस समय का सदुपयोग करते हुए पहले रैली की तैयारियों के लिए पार्टी नेताओं की गुड़गांव में बैठक कर उन्हें रैली को सफल बनाने का मंत्र दिया और फिर 7 अक्तूबर को करीब 4 साल के बाद किसी सार्वजनिक मंच पर शामिल होकर न सिर्फ चौधरी देवीलाल को श्रद्धासुमन अर्पित किए बल्कि कार्यकर्ताओं को पार्टी संगठन मजबूत बनाने और अगले चुनाव में गठबंधन उम्मीदवारों को भारी बहुमत से विजयी बनाने का भी आह्वान किया। 
इससे पहले इनेलो प्रमुख ने 2014 में चौधरी देवीलाल के जन्मदिन पर आयोजित रैली में शामिल होकर चुनावी शंखनाद बजाया था और हरियाणा विधानसभा के 2014 के चुनाव से ठीक पहले इनेलो की वह बड़ी चुनावी रैली थी। 
मायावती नहीं आई, बसपा नेता पहुंचे
इस रैली में बसपा सुप्रीमों मायावती के आने का दावा किया गया था लेकिन वे रैली में नहीं आईं। रैली में कार्यकर्ताओं के नाम मायावती द्वारा भेजा गया संदेश पढ़कर सुनाया गया। रैली में बसपा के प्रदेश प्रभारी व उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री डॉ. मेघराज व बसपा प्रदेश अध्यक्ष प्रकाश भारती पहुंचे हुए थे। इनेलो प्रमुख ओम प्रकाश चौटाला ने साफ किया कि अगले चुनाव में इनेलो-बसपा गठबंधन प्रत्याशी विजय हासिल करके मायावती को देश की प्रधानमंत्री बनाने में सहायक होंगे। उन्होंने यह भी कहा कि वे अन्य समान विचारधारा वाले दलों से भी बातचीत करके तीसरे मोर्चे के गठन का प्रयास करेंगे ताकि मायावती के प्रधानमंत्री बनने से किसान, कमेरे व गरीब का राज आएगा और उसका फायदा हर नागरिक को मिलेगा।
चुनावी शंखनाद, लोक-लुभावन वायदे
एक तरह से इनेलो-बसपा गठबंधन की यह रैली चुनावी शंखनाद मानी जा रही है और इनेलो नेताओं ने इस रैली में लोगों से खुलकर चुनावी वादे भी किए। इन वादों में वृद्धावस्था पेंशन तीन हजार रूपये महीना करने, किसान, मजदूर और छोटे दुकानदारों के कर्जे माफ करने, बेरोजगार युवकों को रोजगार अथवा 15 हजार रूपये महीना बेरोजगारी भत्ता देने, गरीब की बेटी की शादी में 5 लाख रूपये की आर्थिक मदद देने और बिजली के बिल आधे करने व ट्यूबवेल की बिजली मुफ्त दिए जाने का भी वादा किया। 
1998 के लोकसभा चुनाव में इनेलो व बसपा के बीच गठबंधन हुआ था। उस समय प्रदेश में बंसीलाल के नेतृत्व वाली हविपा-भाजपा गठबंधन की सरकार थी और तीसरी तरफ कांग्रेस चुनाव लड़ रही थी। उस चुनाव में इनेलो-बसपा गठबंधन को लोकसभा की 5 सीटों पर जीत हासिल हुई थी और हविपा व भाजपा को एक-एक सीट पर व कांग्रेस को तीन सीटें मिली थी। इसी के चलते अब पूरे प्रदेश की नजरें इनेलो-बसपा गठबंधन के भविष्य पर लगी हुई हैं। 
चुस्त-दुरुस्त लगे चौटाला
रैली में 84 वर्षीय ओम प्रकाश चौटाला काफी स्वस्थ एवं चुस्त-दुरूस्त नजर आए। उन्होंने विरोधियों पर राजनीतिक हमला करते हुए कहा कि उन्हें साजिश के तहत जेल भेजे जाने के बाद भी वे न तो टूटे हैं और न ही झुके हैं। उन्होंने कार्यकर्ताओं को अनुशासन का पाठ पढ़ाते हुए कहा कि अनुशासन के बिना कोई भी जंग नहीं जीती जा सकती और आने वाले लोकसभा व विधानसभा चुनाव चौधरी देवीलाल के सपनों की सरकार बनाना जरूरी है ताकि उनकी जनकल्याण योजनाओं को लागू किया जा सके। इनेलो प्रमुख नारेबाजी करने वालों से भी खफा नजर आए। इनेलो देवीलाल के जन्मदिन पर हर साल विशाल रैली करती रही है। जो इनेलो के जनाधार व पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने व उनमें जोश पैदा करने का काम करती है। यह पहली बार है कि चौधरी देवीलाल के जन्मदिन पर आयोजित होने वाली राज्यस्तरीय रैली में बादल परिवार का कोई सदस्य नहीं पहुंचा। इससे पहले हर बार बादल परिवार देवीलाल के जन्मदिन पर होने वाली रैली में हमेशा शामिल होता रहा है। 
कर्मचारी संगठन फिर आंदोलन के मूड में
हरियाणा के कर्मचारी संगठन प्रदेश में एक बार फिर आंदोलन के मूड में हैं। नगरपालिका कर्मचारी संघ ने अपनी तीन दिन की हड़ताल शुरू की थी लेकिन मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजेश खुगर ने कर्मचारी नेताओं से बातचीत कर और उनकी कई मांगे स्वीकार कर दो दिन के बाद हड़ताल खत्म करवा दी। अब सर्व कर्मचारी संघ ने 28 अक्तूबर को प्रदेश के मुख्यमंत्री, सभी मंत्रियों व भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सुभाष बराला के आवास के बाहर प्रदर्शन करने की घोषणा कर रखी है। कर्मचारी नेताओं की मांग है कि पुरानी पेंशन की स्कीम को बहाल किया जाए, कच्चे कर्मचारियों को पक्का करने के लिए विधानसभा में बिल पारित किया जाए, खाली पड़े पदों को स्थाई भर्ती से भरने ठेका प्रथा बंद करने, एक्सग्रेसिया रोजगार स्कीम बहाल करने व निजीकरण की नीतियों पर रोक लगाने की मांग भी शामिल है। 
कर्मचारी संगठन रोडवेज व स्वास्थ्य कर्मचारियों की हड़ताल पर लगाए गए एस्मा के तहत दर्ज मामलों को वापस लेने, इन मामलों के बाद कर्मचारियों के खिलाफ की गई कार्यवाही वापस लेने और नौकरी से हटाए गए व तबदील किए गए कर्मचारियों की बहाली भी शामिल है। इसके अलावा स्कूल अध्यापक संघ ने 12 अक्तूबर को पूरे प्रदेश में रोष प्रदर्शन करने और 28 अक्तूबर को शिक्षा मंत्री राम बिलास शर्मा के हल्के में प्रदर्शन करने का भी ऐलान किया है। ज्यों-ज्यों लोकसभा चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं त्यों-त्यों कर्मचारी संगठनों की गतिविधियां तेज होती जा रही हैं और आने वाले दिनों में प्रदेश में कर्मचारी आंदोलन और ज्यादा तेज होने के आसार हैं। 
-मो : 98554-65946