मांगों को लेकर आशा वर्करों ने की रोष रैली


पटियाला, 9 अक्तूबर (परगट सिंह): आज यहां पंजाब भर से आई बड़ी संख्या में आशा वर्करों की तरफ से बस अड्डे के पास रोष रैली की। यहां 11 बजे बड़े जोश और रोष के साथ नारों की गूंज में रैली शुरू हुई। इन आशा वर्करों को गांव की बीमारियों, बच्चों की प्रसूति समेत 48 मुख्य जिम्मेवारियां दी गईं। बच्चों के प्रसूति के कारण और मरीजों की बीमारियों के कारण आशा वर्कर अपने आप को किसी समय पर भी काम से मुक्त नहीं समझती। इस को दिन रात जिम्मेदारी और पहरा देना पड़ता है परंतु इन को 2000 /- रुपए से भी कम मुआवज़ा दिया जाता है। इस रैली को संबोधित करने वाली आशा वर्करों की मुख्य नेता दुरगा बाई फाज़िल्का, जसविन्दर कौर मोगा, सीमा सोहल तरनतारन, बलबीर कौर लुधियाना, बिमला रानी समेत बड़ी संख्या में नेताओं ने संबोधित किया। इस के इलावा इस रैली को मुलाजिमों के प्रमुख नेताओं ने भी संबोधित किया। जिनमें जत्थेबंदियों के प्रमुख नेता सज्जन सिंह, फैडरेशन के प्रधान दर्शन सिंह लुबाना, उप प्रधान रणजीत सिंह ढिल्लों, एटक से निर्मल सिंह धालीवाल, बिजली मुलाजिमों के प्रमुख नेता हरभजन सिंह, क्लास फोर्थ यूनियन के सचिव जनरल रणजीत सिंह समेत मोहन सिंह नेगी आदि नेता शामिल थे। रैली में सरकार से मांग की गई कि आशा वर्करों पर तुरंत ही डी.सी. रेट लागू किये जाएं परन्तु इनको सरकारी मुलाजिमों वाले पूरे स्केलों में लाया जाये जो कम से -कम 18000 /- आशा वर्करों का और फैसीलीटेटर का 25000 /- की मांग की गई है। रैली के बाद मुख्यमंत्री के मोती महल की ओर रोष मार्च किया गया और सरकार विरुद्ध मांगों के हल में ज़ोरदार आवाज़ बुलंद की और नारेबाजी की। इन आशा वर्करों को पुलिस फोर्स ने बैरीगेट लगाकर फुहारा चौंक पर ही रोक लिया जहां आशा वर्करों ने वहीं दोबारा रैली शुरू कर दी। इस मौके आधिकारियों की तरफ से मुख्य मंत्री के नाम पर मैमोरंडम प्राप्त किया और भरोसा दिलाया कि आशा वर्करों की मांगों के लिए जल्दी ही मुख्य मंत्री के साथ मीटिंग का समय दिलाया जाएगा। इस विश्वास पर आशा वर्करों ने संघर्ष जारी रखने के ऐलान के साथ रैली को समाप्त कर दिया।